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ब्रज में पुराने चेहरों पर ही भरोसा करेगी भाजपा
आगरा। लोकसभा चुनावों में भाजपा को सबसे अधिक चुनौती उ.प्र. में मिलने की उम्मींद है। बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 80 में से 73 सीटें जीती थी, जिसमें से ब्रज की 13 में से 10 लोकसभा सीटों पर भाजपा को विजय मिली थी। इस बार राज्य में सपा-बसपा का गठबंधन होने की प्रबल संभावना है। ऐसा होने पर भाजपा के लिए चुनाव बेहद कड़ा हो जाएगा। पार्टी ने सभी संभावित परिस्थितियों को देखते हुए अपनी चुनावी तैयारी को चाक-चौबंद करना शुरू कर दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा ब्रजक्षेत्र में अधिकांश सीटों पर पुराने चेहरों को ही 2019 में अपना प्रत्याशी बनाया जाएगा। इसमें आगरा, मथुरा, फतेहपुरसीकरी, एटा, बरेली लोकसभा सीटों पर पार्टी पुराने चेहरों को ही टिकट देने का मन बना रही है और बाकी सीटों पर पार्टी नए प्रत्याशी उतारेगी।
पिछले दिनों पार्टी की नई दिल्ली में हुई संसदीय समिति की बैठक में पश्चिमी उ.प्र., खासकर ब्रजक्षेत्र में पार्टी चुनावी तैयारियों को लेकर बैठक में चर्चा हुई थी। विधानसभा चुनावों में जिस तरह से ब्रजक्षेत्र में भाजपा के व्यापक जनसमर्थन मिला और धरातलीय गणित को भांपकर पार्टी के रणनीतिकारों ने कुछ सीटों पर पुराने चेहरों को ही प्रत्याशी बनाने की बात कही। हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा फिलहाल जल्दबाजी में कोई निर्णय भी नहीं लेना चाहती।
ब्रजक्षेत्र में 13 लोकसभा सीटों में से 10 पर भाजपा और 3 सपा के पास हैं। ये हैं फिरोजाबाद, मैनपुरी और बदायूं। मैनपुरी की सीट जीतना भाजपा के लिए अब तक की सबसे बड़ी चुनौती है। ये सीट समाजवादी पार्टी के पास कई वर्षो से है। फिलहाल कार्यकर्ताओं व क्षेत्र में बहती जनभावनाओं की ब्यार को ध्यान में रखते हुए भाजपा जनवरी के अंत तक ब्रजक्षेत्र में इतना तो तय कर लेगी कि 2019 में मिशन 73 प्लस में कौन उसका साथी होगा।