यमुना नदी को बचाने के लिए शुरू की गई पदयात्रा

यमुना नदी को बचाने के लिए शुरू की गई पदयात्रा
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आगरा। महंत वंदन गिरी महाराज के नेतृत्व में यमुना बचाओ संतो पदयात्रा बटेश्वर से प्रारंभ होकर आज कस्बा फतेहाबाद पहुंची जहां पर जगह-जगह ग्रामीणों ने पद यात्रा का पुष्प वर्षा कर व जलपान सेवा कर स्वागत किया।

पद यात्रा का नेतृत्व कर रहे महंत बदन गिरी महाराज ने बताया कि यमुना मां के जल को हरियाणा के हथिनी कुंड के कैद कर लिया गया है। हमारे ब्रज क्षेत्र की यमुना में नाले नालियों का गंदा पानी आने से यमुना का जल दूषित हो गया है जो आचमन लायक नहीं है। इससे संत समाज दुखी है। यमुना को बचाने को हम संत समाज द्वारा यह पदयात्रा निकाली जा रही है। यह पद यात्रा बटेश्वर से प्रारंभ होकर 6 मार्च को वृंदावन पहुंचेगी। इस पदयात्रा में हरियाणा, राजस्थान, एपी, उत्तर प्रदेश, बंगाल, बिहार आदि प्रदेशों के संत समाज ने भाग लिया है। उन्होंने बताया कि पद यात्रा का उद्देश यमुना को पुराना स्वरूप जलाने के अलावा गौ रक्षा, हरि नाम प्रचार, सनातन संस्कृति की रक्षा, पर्यावरण को बचाने के साथ साथ हमारी पदयात्रा के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली जनता को स्वच्छता पर जागरूक करना भी है। महंत बदन गिरी महाराज ने ग्रामीणों से कहा कि यमुना के बारे में अब हमें सोचना होगा। वहीं महाराज जी ने कहा अगर भाजपा सरकार द्वारा स्वीकृत अयोध्या में शीघ्र राम मंदिर के निर्माण का रास्ता नहीं निकाला तो चुनावों में भाजपा को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। यही नहीं भाजपा सरकार गौ माता की रक्षा नहीं कर पा रही है। सरकार को चाहिए गायों की रक्षा को उचित कदम उठाए जाएं। ब्रज की संस्कृति की रक्षा करना भी हमारा प्रमुख उद्देश्य है। पद यात्रा में भाग लेने बाबा में प्रमुख रूप से बाबा सियाराम दास, मोहनदास, आनंद गिरी, कैलाश गिरी, शिवानंद भगत सिंह, महावीर सारा दास, कुसुम शर्मा समेत सैकड़ों की संख्या में साधु-संत शामिल थे।

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