भगवान शिव के पूजन का सबसे बड़ा पर्व है महाशिवरात्रि

भगवान शिव के पूजन का सबसे बड़ा पर्व है महाशिवरात्रि
X

आगरा। चार मार्च को इस बार महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। माना जाता है कि सृष्टि के प्रारंभ में इसी दिन मध्यरात्रि को भगवान शंकर का ब्रह्मा से रुद्र के रूप में अवतरण हुआ था। कहते हैं कि महाशिवरात्रि में किसी भी प्रहर अगर भोले बाबा की आराधना की जाए तो भोले त्रिपुरारी दिल खोलकर अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। महाशिवरात्रि भगवान शिव के पूजन का सबसे बड़ा पर्व है।

ज्योतिषाचार्य सुनील पाठक के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि सोमवार को होने से शुभ संयोग बन रहा है। महाशिवरात्रि व्रत फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को किया जाता है। इस व्रत को अर्धरात्रिव्यापिनी चतुर्दशी तिथि में करना चाहिए। इस वर्ष सोमवार चार मार्च को दिन में चार बजकर 11 मिनट से चतुर्दशी लग रही है, जो मंगलवार पांच मार्च को सायं छह बजकर 18 मिनट तक रहेगी। अर्धरात्रिव्यापिनी ग्राह्य होने से 4 मार्च को ही महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। यदि इस दिन भगवान आशुतोष की विशेष कृपा पाने चाहते हैं तो उनकी मनपसंद चीजों को अर्पित करना चाहिए।


Next Story