...तो 'मिल्कीपुर' से 'अयोध्या' का 'हिसाब-किताब बराबर': अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद की सीट पर उनके बेटे को ही भाजपा ने दी बड़ी मात...

अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद की सीट पर उनके बेटे को ही भाजपा ने दी बड़ी मात...
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Milkipur By Election Result: भाजपा के चन्द्रभानु ने सपा के अजित प्रसाद को 61,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया है l

अतुल मोहन सिंह, लखनऊ/अयोध्या। अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव में भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज कर अयोध्या लोकसभा में हुई हार का हिसाब-किताब बराबर कर लिया। 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा सांसद लल्लू सिंह को शिकस्त देकर सपा के तत्कालीन मिल्कीपुर विधायक अवधेश प्रसाद ने फैजाबाद लोकसभा सीट सपा की झोली में डाली थी।

अयोध्या में सपा की जीत के बाद पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे देश भर में 'पीडीए' मॉडल बता कर प्रचारित किया था। सपा मुखिया ने अवधेश प्रसाद को 'अयोध्या का नया राजा' जैसा कथित ओहदा भी दे दिया था। अयोध्या की हार ने भाजपा नेतृत्व को भी आत्ममंथन के लिए मजबूर कर दिया था। हालांकि, शनिवार को आया चुनाव अयोध्या हार के बाद हुए जख्म में 'महरम' का अहसास दे रहा होगा।

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में सपा के अवधेश प्रसाद ने 5,54,289 मत प्राप्त कर भाजपा के लल्लू सिंह को 4,99,722 पर धकेल दिया था। बसपा के सच्चिदानंद पांडेय को 46,407, सपा के बागी अरविन्द सेन को 15,367 और 7,536 मत नोटा ने हासिल किए थे।

वहीं, शनिवार को आए चुनाव परिणाम में मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज की है। 61,000 से अधिक मतों के अंतर से भाजपा प्रत्याशी चन्द्रभानु पासवान ने सपा प्रत्याशी अजित प्रसाद को बुरी तरह पराजित कर दिया। 30 राउंड की मतगणना में भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान को 1,45,685 मत मिले, जबकि सपा के अजित प्रसाद को 84,266 मतों से ही संतोष करना पड़ा।

छह माह पूर्व हुए लोकसभा चुनाव में रामनगरी से युक्त फैजाबाद सीट से भाजपा प्रत्याशी को पराजित कर समीक्षकों को चमत्कृत करने वाले अवधेश प्रसाद मिल्कीपुर उपचुनाव के मोर्चे पर अपना करिश्मा नहीं दोहरा सके, जबकि इस चुनाव में उनकी पूरी प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी। इस मोर्चे पर न केवल उनके पुत्र अजीत प्रसाद सपा प्रत्याशी के तौर पर भाग्य आजमा रहे थे, बल्कि यह उपचुनाव अवधेश प्रसाद के लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने के चलते ही हो रहा था। लोकसभा के लिए निर्वाचित होने से पूर्व अवधेश प्रसाद इसी मिल्कीपुर से विधायक थे और लोकसभा चुनाव के बाद से ही मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए मंसूबे पाले जाने लगे थे।

अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद थे सपा से प्रत्याशी

यदि एक ओर फैजाबाद जैसी अति प्रतिष्ठापरक सीट खाेने के साथ आहत भाजपा बदला लेने के लिए पहले दिन से ही मिल्कीपुर के उप चुनाव की प्रतीक्षा करने लगी थी तो सपा और अवधेश प्रसाद ने भी लोकसभा चुनाव से अर्जित प्रतिष्ठा बहाल रखने के लिए उपचुनाव के मोर्चे पर पूरी ताकत झोंक रखी थी। इस रस्साकशी में दोनों खेमों और दलों के प्रतिनिधियों के साथ चिर-परिचित मुद्दे भी आमने-सामने थे।

राम मंदिर एवं राष्ट्रवाद बनाम कथित पीडीए का नारा

एक ओर राम मंदिर, राष्ट्रवाद, अयोध्या का अभूतपूर्व विकास और हिंदू समाज की एकता का ज्वार था तो दूसरी ओर कथित पीडीए यानी पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक के गठजोड़ की चुनौती थी। यह गठजोड़ लोकसभा चुनाव में फैजाबाद सहित पूरे प्रदेश में अपनी सफलता सिद्ध भी कर चुका था।

ऐसी ही सफलता से उत्साहित सपा मुखिया अखिलेश यादव ने फैजाबाद से पार्टी सांसद का लोकसभा में परिचय कराते हुए अवधेश प्रसाद की शाब्दिक मीमांसा करते हुए उन्हें अयोध्या का राजा बताया था।

अखिलेश ने अवधेश को बताया था अयोध्या का राजा

सपा मुखिया की यह गर्वोक्ति उस समय भाजपा समर्थकों के जले पर नमक छिड़कने वाली थी। भगवा रीति-नीति के संवाहकों के लिए यह असह्य था कि श्रीराम के अतिरिक्त अयोध्या का राजा कोई और हो सकता है क्या।

आज जब मिल्कीपुर उपचुनाव में पुत्र की करारी पराजय से अवधेश प्रसाद जमीन पर आ गए हैं, तब उन्हीं के नाम वाले युवा भाजपा नेता डॉ.अवधेश वर्मा कहते हैं, वह अवधेश नहीं अवधेश प्रसाद हैं और अखिलेश तथा अवधेश प्रसाद के लिए मिल्कीपुर उपचुनाव का यह सबसे बड़ा संदेश है। भाजपा नेता अभय सिंह कहते हैं, अहंकार तो रावण का नहीं चला और यह तो अखिलेश-अवधेश हैं। अभय मिल्कीपुर से लेकर दिल्ली तक के चुनाव परिणाम की ओर इशारा करते हुए कहते हैं, सफलता उन्हें मिली जिन्होंने भगवान को शिरोधार्य किया और वे चारो खाने चित रहे, जिन्होंने भगवान को चुनौती देने का दुस्साहस किया।

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