भगवान राम के 1,000 वर्षों के जीवन पर होगा गहन शोध: महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय में इसी साल शुरू होगी पढ़ाई...

Ayodhya
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Ayodhya: राम नगरी अयोध्या में महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय का कार्य अंतिम चरण में है, जहाँ भारतीय संस्कृति, रामायण साहित्य और वैदिक शिक्षा के अध्ययन को नया आयाम मिलेगा।

अयोध्या। राम नगरी अयोध्या में महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय का कार्य अंतिम चरण में है, जो भारतीय संस्कृति, रामायण साहित्य और वैदिक शिक्षा के अध्ययन को नया आयाम देगा। यह विश्वविद्यालय न केवल भगवान राम के जीवन और उनकी 1,000 वर्षों की वंश परंपरा पर शोध करेगा, बल्कि पारंपरिक और आधुनिक शिक्षा को भी साथ लेकर चलेगा। इन पाठ्यक्रमों का उद्देश्य छात्रों को पारंपरिक और आधुनिक शिक्षा एक समान ज्ञान देना है, जिससे वे न केवल अपनी संस्कृति से जुड़ सकें बल्कि आधुनिक दुनिया की चुनौतियों का भी सामना कर सकें।

विश्वविद्यालय परिसर में सुविधाएं

21 एकड़ में फैला रामायण विश्वविद्यालय का परिसर भव्य और अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा। इसमें रघुकुल भवन (प्रशासनिक भवन), वशिष्ठ भवन (लाइब्रेरी), शोध केंद्र और कई अन्य संरचनाएं होंगी। प्रवेश द्वारों के नाम तुलसी द्वार और वाल्मीकि द्वार रखे गए हैं। चार प्रमुख अकादमिक ब्लॉक-राम भवन, लक्ष्मण भवन, भारत भवन और शत्रुघ्न भवन बनाए जा रहे हैं, जहां आधुनिक क्लासरूम, सेमिनार हॉल और शोध सुविधाएं उपलब्ध होंगी। छात्रावासों को जानकी निवास और हनुमत निवास नाम दिया गया है। विशाल सभागार बन रहा है, जहां शैक्षणिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।

लवकुश के बाद की पीढ़ियों का गहन अध्ययन कर सकेंगे शोधकर्ता

इस विश्वविद्यालय की सबसे अनूठी विशेषता यह होगी कि यहां भगवान राम के केवल 100 वर्षों के जीवन तक सीमित नहीं रहा जाएगा, बल्कि उनकी 1,000 वर्षों की वंश परंपरा पर शोध किया जाएगा। शोधकर्ता लवकुश के बाद की पीढ़ियों और उनके समाज पर प्रभाव का गहन अध्ययन कर सकेंगे। 2025 में विश्वविद्यालय का पहला शैक्षणिक सत्र शुरू होने की संभावना है।

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