श्रीराम विवाहोत्सव विशेष: रंग महल के तीन सौ साल पुराने मंडप में होगा प्रभु राघवेंद्र सरकार का विवाह, रंगमहल सहित कई मंदिरों में दुल्हन की तरह सजा मंडप...

रंग महल के तीन सौ साल पुराने मंडप में होगा प्रभु राघवेंद्र सरकार का विवाह, रंगमहल सहित कई मंदिरों में दुल्हन की तरह सजा मंडप...
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बनारस की शहनाई और पंजाब के भांगड़े के बीच झूमेंगे बाराती

अयोध्याधाम। प्रभु राम की नगरी अयोध्या में एक बार फिर उत्सव जैसा माहौल देखने को मिल रहा है। अयोध्या की सड़कों से लेकर अयोध्या की गलियों तक प्रभु राम के विवाह के पग गाए जा रहे हैं। जहां बालक राम के विराजमान होने के बाद अयोध्या में पहली बार राम विवाह की तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही है। ऐसे में सभी तैयारियां लगभग पूरी भी हो गई हैं।

अयोध्या के लगभग हजारों मठ मंदिर में विवाह पंचमी के दिन प्रभु राम और माता सीता का विवाह होगा, लेकिन खास बात यह है कि इसी अयोध्या में वर पक्ष और वधू पक्ष के भी मठ मंदिर हैं। ऐसे में कहीं प्रभु राम विवाह करने जाएंगे, तो कहीं पर माता सीता की विदाई होगी। अयोध्या के दशरथ महल, रंग महल और जानकी महल मंदिर में विवाह की धूम देखने को मिल रही है।

बता दें कि राम विवाह के दौरान कहीं मुंबई के नगाड़े आएंगे, तो कहीं सोने का मुकुट प्रभु राम धारण करेंगे। कहीं पर बनारस की शहनाई होगी, तो कहीं पंजाब का भांगड़ा भी आयोजित होगा। इसी के साथ अयोध्या में विवाह के रस्म रिवाज भी शुरू हो चुके हैं।

मठ मंदिरों में राम कथा का आयोजन हो रहा है तो विवाह पूर्व की रस्मे भी की जाने लगी हैं। कहीं पर भगवान के विवाह के लिए मंडप सजाया जा रहा है, तो कहीं माड़ो लगाया जा रहा है। ऐसे में कहीं भगवान की कथा का आयोजन हो रहा है। जहां पंचमी को भगवान श्री सीताराम जी का विवाह धूमधाम से संपन्न होगा। इस बार भगवान श्री सीताराम का विवाह 6 दिसंबर को पड़ रहा है।

ऐसे में मठ मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान भी शुरू कर दिए गए हैं। अयोध्या के तमाम प्राचीन मठ मंदिर ऐसे हैं। जहां पर कहीं, दूल्हा सरकार के रूप में भगवान रामलला पूजे जाते हैं, तो कहीं मां जानकी जी की उपासना को प्राथमिकता दी जाती है। भगवान के विवाह को लेकर विवाह पूर्व की सभी तैयारी धूमधाम से की जाती है। रंग महल मंदिर के महंत रामशरण दास ने बताया कि इस मंदिर में सालों से मंडप लगाया जाता है। यह मंडप 300 साल पुराना है।

इस मंडप में किशोरी जी के साथ प्रभु राम सात फेरे लेते हैं। जहां कलेवा और सिंदूरदान होता है. साथ ही लावा परछा समेत सभी रस्म पूरे किए जाते हैं। वहीं, रामलीला का मंचन भी होता है। अयोध्या के मठ मंदिरों में एक अलग ही उत्साह इस बार के राम विवाह में देखने को मिल रहा है।

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