अयोध्या: रामनगरी में दो दिवसीय कृष्ण जन्मोत्सव का हुआ प्रारम्भ, राममंदिर में घंट-घड़ियाल के बीच मनेगा भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव...

रामनगरी में दो दिवसीय कृष्ण जन्मोत्सव का हुआ प्रारम्भ, राममंदिर में घंट-घड़ियाल के बीच मनेगा भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव...
जरासंध का वध करने के बाद अयोध्या आये थे योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण

अयोध्या। राम नगरी में भगवान रामलला के भव्य मंदिर में भगवान कृष्ण का पहला जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। हालांकि रामलला के प्रांगण में जन्मोत्सव 27 अगस्त को मनाया जाएगा। जिसको लेकर विशेष तैयारी की गई है। रामलला को 18 से 20 कुंतल अलग-अलग तरह की पंजीरी का भोग लगाया जाएगा, तो 70 से 80 किलो चरणामृत का भोग लगाया जाएगा।

बताया जाता है कि जरासंध का वध करने के बाद भगवान कृष्ण अयोध्या आये थे। आज वर्तमान में जहां गोकुल भवन स्थिति है वही उनका विवाह सत्या के साथ हुआ था। अयोध्या के संतों का कहना है कि भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण एक ही है। जो व्यक्ति इन्हें अलग समझता है उसे न तो भक्ति मिलती है न ही मोक्ष। मध्य रात्रि 12 बजे भगवान कृष्ण के प्राकट्य के बाद भोग लगाया जाएगा जो प्रसाद को श्रद्धालुओं में वितरित किया जाएगा। 27 अगस्त की रात 12 बजे रामलला का कपाट भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के लिए खुलेगा। जहां 12 बजे घंट घड़ियाल के बीच कृष्ण जी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा। जहां भजन-कीर्तन होगा। इसके साथ ही धूमधाम के साथ प्रभु राम के दरबार में लड्डू गोपाल का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस दौरान मौजूद राम भक्तों में प्रसाद वितरित किए जाएंगे। प्रभु राम का प्रसाद बनाने वाले सीताराम यादव ने बताया कि राम की नगरी में कृष्ण जन्मोत्सव की तैयारी धूमधाम के साथ चल रही है। मठ मंदिरों में कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया जाएगा।


राम मंदिर में भगवान को काफी मात्रा में भोग लगाया जाएगा, जिसमें लगभग 18 से 20 कुंतल पंजीरी का भोग लगेगा तो 70 से 80 किलो पंचामृत का भोग लगेगा। उन्होंने बताया कि पंजीरी में सिंघाड़े का आटा, धनिया का आटा, राम दाना और मेवा को मिलाकर पंजीरी को तैयार किया गया है। जहां राम मंदिर में धूमधाम के साथ जन्माष्टमी मनाई जाएगी। यह जन्मोत्सव प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार मनाया जा रहा है।

प्रभु राम का भोग प्रसाद बनाने वाली श्यामा यादव ने भी बताया कि अयोध्या में प्रभु राम के प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जा रहा है, जिसमें 3 प्रकार की पंजीरी का भोग लगाया जाएगा, पंजीरी 18 से 20 कुंतल है। यह साफ और सात्विक तरीके से बनाया गई है। जहां 3 दिनों में यह प्रसाद तैयार किया गया है, जिसमें 70 से 80 किलो पंचामृत भी है।

राम मंदिर के पुजारियों के वेतन में हुई दस प्रतिशत की वृद्धि

खुशखबरी: मुख्य पुजारी को मिलेगा 35 हजार की जगह साढ़े 38 हजार

अयोध्याधाम: अयोध्या में भव्य राम मंदिर के पुजारियों, सेवादारों और कर्मचारियों के लिए खुशखबरी आई है। सभी की सैलरी में 10% का इजाफा हुआ है। 22 जनवरी को भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी और उसके बाद प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान हुए। इसके 7 महीने के बाद ही उनके पुजारियों और सेवादारों को खास तोहफा मिला है। यहां के मुख्य पुजारी, सहायक पुजारी, सेवादारों और कर्मचारियों की सैलरी में दस प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है।

मासिक वेतन में बढ़ोतरी के अनुसार अब मुख्य पुजारी का वेतन 35 हजार और सहायक पुजारियों का वेतन 33 हजार था, जिसे भी अब 10% तक बढ़ा दिया गया है। यानी अब मुख्य पुजारी 38 हजार 500 तो सहायक पुजारियों को 36 हजार 300 की तनख्वाह मिलेगी। साथ ही रामलला के कोठारी, भंडारी और कर्मचारियों के वेतन में भी बढ़ोत्तरी कर दी गई है। अयोध्या में 1992 में विवादित ढांचा विध्वंस होने के बाद रिसीवर ने मुख्य पुजारी का वेतन 100 रुपये प्रति महीने का निर्धारित किया था। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट गठित होने के पहले मुख्य पुजारी का वेतन 12 हजार रुपए था। जब व्यवस्था ट्रस्ट के हाथ में आई तो सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी 2020 में हुई और मुख्य पुजारी का वेतन पहले 15 हजार और फिर 25 हजार कर दिया गया।

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