प्राण प्रतिष्ठा के बाद बोले योगी आदित्यनाथ "मंदिर वहीं बना है, जहां प्राण प्रतिष्ठा का संकल्प लिया"

प्राण प्रतिष्ठा के बाद बोले योगी आदित्यनाथ मंदिर वहीं बना है, जहां प्राण प्रतिष्ठा का संकल्प लिया
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देश भर में दिवाली सा माहौल है, रामभक्त जश्न मना रहे है, कहीं रैली निकाली जा रही है, तो कहीं राम भजन गाए जा रहे हैं,

अयोध्या। पांच सौ वर्षों के लम्बे संघर्ष के पश्चात आज भगवान श्रीराम लल्ला अपने भव्य व दिव्य मंदिर में पधार गए हैं। करीब पांच सौ वर्षों के लम्बे संघर्ष और लाखाें बलिदानों के बाद आज भगवान श्रीराम लल्ला अपने भव्य व दिव्य मंदिर में प्रतिष्ठित हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उप्र की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सरसंघचालक मोहन भागवत और तमाम साधु-संतों की मौजूदगी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई। प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला की आरती हुई।

इसी के साथ रामभक्तों का पांच सदी का सपना सच हो गया। अयोध्या ही नहीं बल्कि देश भर में दिवाली सा माहौल है, रामभक्त जश्न मना रहे है, कहीं रैली निकाली जा रही है, तो कहीं राम भजन गाए जा रहे हैं, कहीं, आरती-पूजा की जा रही है, तो कहीं जय श्रीराम के नारे लग रहे हैं। प्रधानमंत्री ने रामलला की आंख से पट्टी खोली और कमल का फूल लेकर पूजन किया। रामलला पीतांबर से सुशोभित हैं। उन्होंने हाथों में धनुष-बाण धारण किया है।

हर जिह्वा राम-राम जप रही

इस अवसर पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रभु रामलला के भव्य प्राण प्रतिष्ठा की आप सभी को कोटि-कोटि बधाई। पांच सौ वर्षों के लंबे इंतजार के बाद प्राण प्रतिष्ठा पर आप सब भाव विह्वल हैं। आज के अत्यंत पावन अवसर पर हर ग्राम अयोध्या धाम है। हर मानव अयोध्या धाम की ओर आ रहा है। हर जिह्वा राम-राम जप रही है। ऐसा लगता है कि हम त्रेतायुग में आ गये हैं।

आज आत्मा प्रफुल्लित है

मुख्यमंत्री योगी ने अपना उदबोधन ‘रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे। रघुनाथाय नाथाय सीतायाः पतये नमः। से शुरूआत की। उन्होंने कहा कि पूरा राष्ट्र राममय है। हमारे हृदय के भावों से भरे रामलला विराज रहे हैं। आज हर दिल में संतोष भाव है। भाव विह्वल करने की प्रतिक्षा में पांच सौ वर्ष व्यतित हो गये। श्रीरामजन्मभूमि संभवत: विश्व का पहला प्रकरण होगा, जहां बहुसंख्यक वर्ग अपने अराध्य के लिए इतने वर्षों तक लड़ाई लड़ी हो। सबने उपासन पद्धति से ऊपर उठकर इसके लिए अपना योगदान किया। आज आत्मा प्रफुल्लित है कि मंदिर वहीं बना है, जहां प्राण प्रतिष्ठा का संकल्प लिया था। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हृदय से आभार है। अभी गर्भगृह में बाल प्रभु श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा के साक्षी बने हैं।

श्रीराम जन्मभूमि सामूहिक चेतना में भी सफल सिद्ध हुआ

उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि सामूहिक चेतना में भी सफल सिद्ध हुआ है। आज पूरा भारत आनंदित हो उठा है। आज वे सभी बड़भागी हैं, जो रामकाज को करते जा रहे हैं। अपनी ही भूमि पर अयोध्या चोटिल होती रही, लेकिन राम की परंपरा संयम की सीख देती है और यह संयम बरतती रही। आज अयोध्या में त्रेतायुग दिख रहा है। उन्होंने कहा कि आज तीव्रगति से अयोध्या का विकास हो रहा है। यह प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता के बिना संभव नहीं था।

उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार से आज सुगम्य अयोध्या, भव्य अयोध्या का सपना साकार हुआ है। आज करोड़ों रुपये यहां भव्यता के लिए लग रहे हैं। यहां चारों तरफ काम हो रहे हैं। राम वनपथ गमन पर यहां काम हो रहा है। आधुनिक पैमाने के अनुसार यहां सभी सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं। संतों, पर्यटकों, जिज्ञासुओं की सुविधाओं के रूप में इसे विकसित किया जा रहा है। यह लोक आस्था का विजय है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह भारत की आंतरिक समरसता को सिद्ध कर रहा है। यह राष्ट्र मंदिर है। यह प्राण प्रतिष्ठा राष्ट्रीय गौरव का निश्चय है। निश्चिंत रहिए, यहां कभी गलियों में गोलियों की गड़गड़ाहट नहीं होगी। यहां रामनाम कीर्तन से गलियां गुंजायमान होंगी। यह रामराज्य की उद्घोषणा भी है। यह समृद्धि समाज का द्योतक भी है। यहां के सभी पदाधिकारियों को हृदय से आभार प्रकट करता हूं।

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