योगी सरकार ने श्रीराम जन्मभूमि कॉरिडोर के लिए जारी की पहली किश्त, दिए 107 करोड़
अयोध्या। अयोध्या में निर्माणाधीन भव्य श्रीराम मंदिर के साथ ही जन्मभूमि के आस-पास के क्षेत्र को भी दिव्य रूप में विकसित करने की कवायद तेज हो गई है। योगी सरकार लगभग नौ अरब रुपये की लागत से जन्मभूमि तक सुगम पहुंच के लिए सड़कों को चौड़ी, सुंदर और सुविधायुक्त बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। इसके लिए पहली किश्त के रूप में 107 करोड़ रुपये शासन की ओर से जारी भी कर दिए गए हैं। साथ ही कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग को तय समय में कार्य पूरा करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
तीन सड़कों के लिए कुल 899.90 करोड़ का है बजट
धर्मार्थ कार्य विभाग द्वारा अयोध्या में श्रीराम मंदिर तक पहुंचने के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है। इसके तहत तीन मार्गों के निर्माण, चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण की व्यवस्था के लिए शासन द्वारा 899.90 करोड़ रुपये स्वीकृत की गई है। इसमें प्रथम किश्त के रूप में 107 करोड़ रुपये की धनराशि जारी कर दी गई है।
सुग्रीव किले से जन्मभूमि तक के लिए 3.98 करोड़ जारी
अपर मुख्य सचिव धर्मार्थ कार्य अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि सहादतगंज-नया घाट मार्ग के किलोमीटर 11 से सुग्रीव किला होते हुए श्रीराम जन्मभूमि तक कुल लंबाई 0.566 किमी के लिए 4 लेन मार्ग के निर्माण की योजना है। इसके लिए कुल 39.43 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की गई है, जिसमें से 3 करोड़ 90 लाख 88 हजार रुपये जारी किए गए हैं।
हनुमान गढ़ी से जन्मभूमि तक के लिए 3.10 करोड़ जारी
इसके अलावा फैजाबाद-अयोध्या मुख्य मार्ग से हनुमान गढ़ी होते हुए जन्मभूमि तक के मार्ग निर्माण और भूमि, भवन के क्रय व पुनर्वास के लिए धनराशि उपलब्ध कराई गई है। अवनीश अवस्थी ने बताया कि इसके लिये 62.78 करोड़ रुपये की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसमें से 3 करोड़ 10 लाख 83 हजार रुपये जारी कर दिया गया है।
सहादतगंज से नया घाट रोड के लिए एक अरब रुपये जारी
अपर मुख्य सचिव धर्मार्थ कार्य ने बताया कि सहादतगंज से नया घाट मार्ग के मेन स्पाइन रोड, जिसकी लंबाई तकरीबन 12.940 किलोमीटर है, इसके निर्माण की कुल लागत 7 अरब 97 करोड़ 69 लाख रुपये की है, जिसमें से पहली किश्त के रूप में एक अरब रुपये की वित्तीय स्वीकृति दे दी गई है।
तय समय में कार्य पूरा करने के निर्देश
अवनीश अवस्थी ने यह भी बताया कि कार्य के मानक व गुणवत्ता की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों सहित जिलाधिकारी की भी होगी। सभी निर्माण कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूरा करने के निर्देश भी दिए जा चुके हैं।