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शिया वक्फ बोर्ड चुनाव: मतदान के दौरान वसीम और अशफाक हुसैन के बीच झड़प, 36 में पड़े 29 वोट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के मंगलवार को होने वाले चुनाव को लेकर प्रदेश में माहौल काफी गरम है। लखनऊ में इंदिरा भवन के आठवें तल पर कड़ी सुरक्षा में चल रही मतदान प्रक्रिया के दौरान दोपहर को निवर्तमान अध्यक्ष वसीम रिजवी और अशफाक हुसैन के बीच में जोरदार झड़प हो गई।
मुतवल्ली कोटे के दो सदस्य पदों पर छह प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है। कड़ी सुरक्षा के बीच चल रहे मतदान के दौरान वसीम रिजवी और अशफाक हुसैन उर्फ जिया के बीच जोरदार झड़प हो गई। इनके बीच गाली-गलौज के बाद वसीम रिजवी के गनर को मौके से हटाया गया है।
यहां मुतवल्ली कोटे से सदस्य पद के प्रत्याशी अशफाक हुसैन उर्फ जिया तथा वसीम रिजवी अन्य चार के साथ प्रत्याशी हैं। इनके बीच झड़प के बाद सदस्य के प्रत्याशी का चुनाव कुछ देर के लिए बाधित हुआ था। वहां पर वोटर और प्रत्याशी के अलावा किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है, लेकिन वसीम रिजवी के गनर वहां पर थे। मतदान के दौरान अभी कुल 36 में से 29 वोट पड़ चुके हैं।
उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड चुनाव में मुतवल्ली कोटे के दो पदों के लिए छह प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है। रविवार को एक प्रत्याशी सैयद जफर रिजवी ने अपना नाम वापस ले लिया था। दो पदों के लिए 36 लोगों को मतदान करना है। देर शाम तक इसका परिणाम भी आ जाएगा।
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चुनाव के लिये मुतवल्ली कोटे के दो सदस्यों के पद के लिए सात लोग भाजपा नेता सय्यद फैजी, वक्फ बोर्ड के पूर्व चैयरमैन वसीम रिजवी, सैयद आसिम रिजवी, सैयद मुजाहिद हुसैन रिजवी, सैयद मुशर्रफ हुसैन रिजवी, अशफाक हुसैन उर्फ जिया और सैयद जफर रिजवी ने नामांकन किया था। रविवार को नाम वापसी का समय पूरा होने के बाद एक दावेदार सैयद जफर रिजवी ने अपना नाम वापस ले लिया। अब दो पदों के लिए छह प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है।
सांसद कोटे में दो सदस्य पदों के लिए सिर्फ पूर्व सांसद रामपुर की बेगम नूर बानो ने नामांकन किया है। ऐसे में नूर बानो का सदस्य पद पर निर्विरोध निर्वाचित होना तय है। विधान मंडल कोटे से दो सदस्य पद के लिए भी किसी ने भी नामांकन नहीं किया। यहां शिया समुदाय के विधान परिषद में मात्र दो सदस्य राज्यमंत्री मोहसिन रजा और बुक्कल नवाब ही है।
मोहसिन रजा मंत्री है लिहाजा वह बोर्ड के सदस्य नहीं बन सकते। ऐसे में सरकार बुक्कल नवाब को नामित कर सकती है। बार काउंसिल में भी शिया समुदाय से कोई सदस्य नही है। इस कोटे में दो पदों पर वरिष्ठ अधिवक्ताओं को नामित किया जाएगा। इसके अलावा राज्य सरकार शिया समुदाय के एक मौलाना, एक सामाजिक कार्यकर्ता और एक पीसीएस रैंक के शिया मुस्लिम अधिकारी को नामित करेगी। बोर्ड के यह सदस्य अपने बीच से चैयरमैन का चुनाव करेंगे।