अब सैनिक स्कूल से वीरों के साथ वीरांगनाएं भी मिलेंगी : योगी आदित्यनाथ

अब सैनिक स्कूल से वीरों के साथ वीरांगनाएं भी मिलेंगी : योगी आदित्यनाथ
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लखनऊ। कैप्टन मनोज पांडेय उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल के हीरक जयंती समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक नए युग का सूत्रपात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने देश के सभी सैनिक स्कूलों में बालिकाओं के प्रवेश को अनिवार्य कर दिया है।अब सैनिक स्कूल वीर ही नहीं, वीरांगनाएं भी तैयार करेगा।

उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि उत्तर प्रदेश सर्वाधिक 5 सैनिक स्कूल के साथ देश में प्रथम स्थान पर है। उत्तर प्रदेश ने इस बार अपने पांचवें सैनिक स्कूल का शिलान्यास भी गोरखपुर में किया है। सैनिक स्कूल विद्यार्थियों में राष्ट्रीय भावना, टीम वर्क, सहकार व अनुशासन जैसे संस्कारों का समावेश कर उन्हें आदर्श नागरिक बना रहे हैं।

श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना -

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की सदैव मंशा रही है कि अपने पुरातन छात्रों को जोड़कर हम वर्तमान पीढ़ी के लिए कुछ नए आदर्श, मूल्यों व मर्यादाओं की स्थापना करें, जिससे वह अपने भावी जीवन के साथ लोककल्याण, राष्ट्र कल्याण व एक भारत -श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करने में अपना योगदान दे सकें। प्रदेश की बेटियां स्वयं को उपेक्षित न महसूस करें, इसलिए वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया था कि कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय उ.प्र. सैनिक स्कूल में बालिकाओं को भी प्रवेश मिलेगा। मातृशक्ति का उन्नयन हमारी शीर्ष प्राथमिकता है।

बालिकाओं के लिए प्रवेश अनिवार्य

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2017 में सैनिक स्कूल के पुरातन छात्र कारगिल युद्ध के अमर नायक कैप्टन मनोज पांडेय के नाम पर इस सैनिक स्कूल का नाम हमारी सरकार ने रखा था और उसके माध्यम से भारत माता के महान सपूत को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की थी।उत्तर प्रदेश का यह पहला सैनिक स्कूल है, जिसने अपनी क्षमता को दोगुना करने का निर्णय लिया है। इस स्कूल ने वर्ष 2018 में ही यह निर्णय लिया था कि सैनिक स्कूल में हम बालिकाओं के लिए प्रवेश को भी अनिवार्य करेंगे ताकि आधी आबादी अपने आपको कहीं भी उपेक्षित महसूस न कर सके।

सैनिक स्कूल कई मायने में नए प्रतिमान गढ़ रहा -

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सैनिक स्कूल कई मायने में नए प्रतिमान गढ़ रहा है। इस विद्यालय के संस्थापक प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. संपूर्णानंद ने परिकल्पना की थी कि देश के अंदर सैनिक स्कूल होने चाहिए। उनके द्वारा वर्ष 1960 में ही लखनऊ में सैनिक स्कूल की स्थापना, उनकी दूरदर्शिता ही थी। 1962 में देश पर हमला हुआ था। योगी ने कहा कि किसी ने अगर आपके प्रति कुछ भी योगदान किया है तो उसके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करना यही हमारा धर्म है और उस धर्म का निर्वहन करने के लिए हमारी सरकार ने निर्णय लिया की नींव के पत्थरों को समाज के सामने प्रस्तुत करना, जिन्होंने कल्पना की कि सैनिक स्कूल देश की आवश्यकता है। आज देश में सैनिक स्कूलों की एक लंबी श्रृंखला खड़ी हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति के कर कमलों से डॉक्टर संपूर्णानंद की एक भव्य प्रतिमा इस प्रांगण में लगी है। कोई भी यहां आए और देखे कि डॉक्टर संपूर्णानंद ने देश के पहले सैनिक स्कूल की स्थापना यहां पर की थी। इस भव्य सभागार का नाम भी डॉक्टर संपूर्णानंद के नाम पर रखा गया है। उन्होंने भरोसा जताया कि उत्तर प्रदेश का यह सैनिक स्कूल न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि देश के सैनिक स्कूलों के लिए भी कुछ नए प्रतिमान स्थापित करेगा। सभी पुरातन छात्र इस विद्यालय से लगातार जुड़े हुए हैं। कोरोना महामारी के बावजूद सैनिक स्कूल प्रगति के पथ पर निरंतर अग्रसर है। उन्होंने इस कार्यक्रम में अपना बहुमूल्य समय देने के लिए राष्ट्रपति के प्रति आभार व्यक्त किया।

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