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समाजवादी पार्टी का इतिहास महिलाओं का अपमान करने वाला रहा : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। उप्र विधानमंडल के बजट सत्र का आज 6वां दिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण का जवाब देने के लिए विधान परिषद पहुंचे। उन्होंने स्टेट गेस्ट हाउस कांड का जिक्र कर समाजवादी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि उनका तो इतिहास महिलाओं को अपमानित करने वाला रहा है। इन लोगों को कम से कम सदन में तो गरिमा बनाए रखना चाहिए।
उन्होंने विपक्षी नेताओं से कहा की यदि आप सोचते है कि सदन में उद्दंडता, चिल्लाने पर उनकी तारीफ होगी तो यह उनकी गलतफहमी है। मुख्यमंत्री गुरुवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर विधान परिषद को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र की परिपाटी रही है कि वर्ष के प्रारंभ में संसद के सत्र का शुभारंभ राष्ट्रपति के अभिभाषण और किसी भी राज्य के विधानमंडल के सदनों की कार्यवाही को राज्यपाल के अभिभाषण के माध्यम से आगे बढ़ाया जाता है। ये संवैधानिक पद हैं और अपने आप में एक संस्था हैं। लोकतंत्र के प्रति, लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति जिनके भी मन में सम्मान का भाव है, उन सब का दायित्व बनता है कि वह लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए इन संस्थाओं का थोड़ा सम्मान करें तथा दूसरों को भी उसके लिए प्रेरित करें।
हर नागरिक का दायित्व -
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हर नागरिक का दायित्व है और राजनीतिक दलों से तो ऐसी उम्मीद की ही जाती है। लेकिन, राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष का जो आचरण देखने को मिला उसे लोकतंत्र मजबूत नहीं होता है। उन्होंने कहा कि मुझे आश्चर्य होता है कि अच्छी चीज सीखी जाती है। अच्छी चीजों को स्वीकारा जाता है, खराब चीजों को छोड़ा जाता है। लेकिन, यहां पर उल्टा देखने को मिलता है अच्छी चीजों को छोड़ा जाता है और खराब चीजों को परिपाटी मानकर और खराब कैसे किया जा सकता है इसके लिए प्रतिस्पर्धा की जाती है।
चिल्लाने से तारीफ नहीं होगी
उन्होंने कहा कि इससे लोकतंत्र मजबूत होने वाला नहीं है। इस वजह से सार्वजनिक जीवन में कार्य करने वाले नेता विश्वसनीयता के संकट से गुजरते हैं। उन्होंने कहा कि लोग हमें संदेह की नजरों से इसीलिए देखते हैं। अगर किसी को यह गलतफहमी होगी कि वह जितनी उद्दंडता कर लेगा या जितनी जोर से सदन में चिल्ला लेगा, इसके लिए उसकी तारीफ होगी तो यह उसकी गलतफहमी है। जनता इसे बहुत अच्छे ढंग से नहीं देखती है।
अपने आचरण से उदाहरण पेश करें -
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबका दायित्व बनता है कि अपने आचरण, अपने व्यवहार से ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करें कि जनता उसका अनुसरण करें। उन्होंने कहा कि आजादी के पहले जो नेता शब्द सम्मान का प्रतीक था। आजादी के बाद धीरे-धीरे उसमें क्षरण होता गया और आज यह स्थिति पैदा हुई है कि वही शब्द अपमानजनक प्रतीत होने लग गया है। हर व्यक्ति उसके लिए जिम्मेदार है।
आप अच्छे व्यक्ति हैं पर गलत दल में -
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि आप तो पुलिस विभाग में रह चुके हैं। आज मैं पूरे विश्वास से कहता हूं कि अगर आप आज पुलिस में होते तो आपका डंडा सपा के लोगों पर ही सबसे पहले चलता। पता नहीं अब उनके साथ कैसे बैठे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप अच्छे व्यक्ति हैं पर गलत दल में हैं। इस पर मुख्यमंत्री योगी के भाषण के बीच में ही अहमद हसन ने कहा कि मैं बिल्कुल सही दल में और सही जगह पर बैठा हूं।