मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने किए बांके बिहारी के दर्शन, कहा- आध्यात्मिक संस्कृति को संरक्षित करना जरुरी

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने किए बांके बिहारी के दर्शन, कहा- आध्यात्मिक संस्कृति को संरक्षित करना जरुरी
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मथुरा। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आज जन जन के आराध्य श्रीबांकेबिहारी ने पिछले तीन वर्षों की अभिलाषा को आज श्रीकृष्ण जन्मभूमि में बुलाकर पूरा कर दिया। सोमवार दोपहर बाद रामलीला मैदान में आयोजित श्रीकृष्णोत्सव के मंच से सीएम योगी ने कहा कि तीन वर्षों से इस दिन का इंतजार कर रहा हूं, जिसका सौभाग्य आज प्राप्त हुआ है।


उन्होंने कहा कि अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नया भारत अंगड़ाई ले रहा है। जो पहले मंदिर जाने में संकोच करते थे अब कह रहे हैं राम हमारे भी हैं कृष्ण हमारे भी हैं। पहले पर्व पर बधाई देने को कोई नेता नहीं आता था। अब कोई बंदिश नहीं है भाई। बिहारी जी की कृपा से कुंभ के दौरान कोरोना नहीं आया। हम अपनी आध्यात्मिक संस्कृति को संरक्षित करें। हम यहां के कण कण में वृंदावन बिहारी लाल का दर्शन करते हैं। ब्रजवासी धन्य हैं। उन्हें इस भूमि पर जन्म लेने का सौभाग्य मिला।

तीन वर्षों से इंतजार -


श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर सोमवार आधे घंटे देरी से पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संतों और ब्रजवासियों तथा श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि वे इस अवसर का तीन वर्षों से इंतजार कर रहे थे। आज योगमाया के प्रकटीकरण का दिवस भी है। धरा पर धर्म की स्थापना के लिए कृष्ण का प्राकट्य हुआ था। पहले वर्ष 2019 में आगरा तक आया था। केंद्रीय मंत्री के निधन के कारण मथुरा नहीं आ सका। इस वर्ष कोरोना वायरस नियंत्रण में है। लेकिन सावधानी अपेक्षित है। अब बिहारी लाल से यही कामना मेरी है कि कोरोना नामक राक्षस का अंत करें। अनेकों ने अपने प्रियजनों को खोया है। महामारी के दौरान सरकारी संसाधन अक्सर कम पड़ते हैं। पीड़ितों के परिवार से संवेदना है। लापरवाही न करें तो महामारी बाल भी बांका नहीं कर सकती। कोरोना रूपी अदृश्य शत्रु से लड़ने की राह प्रधानमंत्री ने दिखाई है।

सांस्कृतिक विरासत हमारी पहचान

उन्होंने विकास की चुटकी लेते हुए कहा कि ब्रज तीर्थ विकास परिषद का गठन किया गया, सांसद हेमा मालिनी ने कहा था कि ब्रज भूमि को पांच हजार वर्षों पूर्व का स्वरूप देने का प्रयास हो रहा है, ब्रज क्षेत्र के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। क्योंकि सांस्कृतिक विरासत हमारी पहचान है। अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण आरंभ हो गया है। हमने प्रदेश की गद्दी संभालते ही नगर निगम का गठन कराया। तीर्थ स्थल की व्यस्थाओं में जो लोग लगे हैं उन्हें ट्रेनिंग देकर दुग्ध पालन कराएं। व्यवस्थित पुनर्वास कराना है। परिषद प्रशासन यहां की और विकास योजनाएं तैयार करे।

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