विधानसभा में गरजे सीएम योगी: विपक्ष को दिखाया आईना, सदन को बताई संभल की हकीकत, बोले-1947 से लगातार माहौल खराब किया गया…

विपक्ष को दिखाया आईना, सदन को बताई संभल की हकीकत, बोले-1947 से लगातार माहौल खराब किया गया…
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सीएम ने सपा और विपक्ष को दिखाया आईना- 2 012 से 2017 (सपा कार्यकाल) तक प्रदेश में 815 सांप्रदायिक दंगे और 192 लोगों की मौत हुई। 2007 से 2011 के बीच 616 सांप्रदायिक घटनाएं हुईं, इसमें 121 लोगों की मौत हुई।

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अपनी बात रखते हुए विपक्ष को आईना दिखाया। मुख्यमंत्री ने एनसीआरबी डेटा के आंकड़ों के मुताबिक बताया कि 2017 से लेकर अब तक प्रदेश में सांप्रदायिक दंगों में 97 से 99 फीसदी तक की कमी आई है। 2017 से अब तक यूपी में दंगे नहीं हुए हैं, जबकि 2012 से 2017 (सपा कार्यकाल) तक प्रदेश में 815 सांप्रदायिक दंगे और 192 लोगों की मौत हुई। 2007 से 2011 के बीच 616 सांप्रदायिक घटनाएं हुईं, इसमें 121 लोगों की मौत हुई।

तथ्यों को छिपाकर कब तक जनता को गुमराह करेंगे, जय श्री राम सांप्रदायिक संबोधन नहीं : सीएम योगी ने कहा कि आखिर तथ्यों को छिपाकर कब तक जनता को गुमराह करेंगे। संभल में माननीय न्यायालय के आदेश पर सर्वे हो रहा था। जय श्री राम सांप्रदायिक संबोधन नहीं है। राम के बिना हमारा कोई काम ही नहीं है। यदि जय श्री राम बोलने पर उत्तेजना से नीयत सभी लोग समझ सकते हैं।

कुंदरकी की जीत को वोट की लूट कहना सदस्य का अपमान : सीएम ने कहा कि कुंदरकी की जीत वोट की लूट कहना सदस्य का अपमान है। वहां सपा के प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई। आज डिजिटल मीडिया का समय है। वहां का पठान और शेख कह रहा है कि हमारे पूर्वज हिंदू थे। आपके पूर्वज भी हिंदू थे। यह देशी-विदेशी मुसलमानों की आपसी भिड़ंत है, जो वर्चस्व की लड़ाई को लेकर चल रही है। सपा पर हमलावर योगी ने कहा कि सच पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सूर्य, चांद और सत्य को बहुत देर तक कोई छिपा नहीं सकता, सत्य जल्द सामने आएगा।

पुराण भी कहता है कि श्री हरि विष्णु का दसवां अवतार संभल में होगा : सीएम ने नेता प्रतिपक्ष के बयान पर कहा कि बाबरनामा भी कहता है कि हरिहर मंदिर को तोड़कर ढांचा खड़ा किया गया। पुराण भी कहता है कि श्री हरि विष्णु का दसवां अवतार संभल में होगा। माननीय न्यायालय के निर्देश पर डीएम व एसपी शांतिपूर्ण तरीके से सर्वे को संपन्न कराते हैं। 19 नवंबर, 21 नवंबर व 24 नवंबर को सर्वे कार्य चल रहा था।

सर्वे के दौरान पहले दो दिन शांतिभंग नहीं हुई। 23 नवंबर को जुमे की नमाज के पहले और दौरान जिस प्रकार की तकरीरें दी गईं, उसके बाद माहौल खराब हुआ, उसके बाद की स्थितियां सबके सामने हैं। हमारी सरकार ने पहले ही कहा है कि हम ज्यूडिशियल एक्ट बनाएंगे, जो एक्ट के अंदर बना है। सदन में उसकी रिपोर्ट आएगी, तब दूध का दूध, पानी का पानी होगा।

संभल में 1947 से लगातार माहौल खराब किया गया : सीएम ने कहा कि संभल में माहौल खराब किया गया। 1947 से अनवरत दंगे प्रारंभ हुए। 1947 में एक मौत और 1948 में छह लोग मारे जाते हैं। 1958-1962 में दंगा, 1976 में पांच लोगों की मौत हुई थी। 1978 में 184 हिंदुओं को सामूहिक रूप से जला दिया गया था। अनवरत कई महीनों तक कर्फ्यू लगा। 1980-1982 में दंगा और एक-एक की मौत हुई। 1986 में चार लोग मारे गए।1990-1992 में पांच, 1996 में दो मौत हुई। लगातार यह सिलसिला चलता रहा।

निर्दोष हिंदुओं के लिए दो शब्द तक इनके मुंह से नहीं निकले : सीएम ने कहा कि 1947 से अब तक संभल में 209 हिंदुओं की हत्या हुई और एक भी बार निर्दोष हिंदुओं के लिए दो शब्द नहीं कहे। घड़ियाली आंसू बहाने वाले लोग निर्दोष हिंदुओं केबारे में दो शब्द नहीं कहे। 1978 में जो दंगा हुआ, एक वैश्य ने सबको पैसा उधार दे रखा था। दंगा होने केबाद हिंदू उनके घर में एकत्र होते हैं, उन्हें घेर लिया जाता है और उनसे कहा जाता है कि इन हाथों से पैसा मांगोगे, इसलिए पहले हाथ, फिर पैर, फिर गला काट दिया जाता है। सौहार्द की बात करने पर इन्हें शर्म नहीं आती है।

पत्थरबाजी व माहौल खराब करने वालों में से एक भी बचने वाला नहीं : सीएम ने कहा कि बजरंग बली का जो मंदिर आज निकल रहा है। 1978 से उस मंदिर को इन लोगों ने खुलने नहीं दिया। 22 कुएं किसने बंद किए थे। इन लोगों ने तनावपूर्ण माहौल बनाया। पत्थरबाजी की होगी, माहौल खराब किया होगा, उसमें से एक भी बचने वाला नहीं है।

संविधान में राम भी नजर आएंगे और कृष्ण भी, लेकिन धर्मनिरपेक्ष और समाजवाद शब्द कहीं नहीं मिलेगाः सीएम


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीतकालीन सत्र में विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि आपको बाबा साहब आंबेडकर के मूल संविधान की प्रस्तावना को पढ़ना चाहिए। मौलिक अधिकारों को देखना चाहिए। अलग-अलग पृष्ठों का अवलोकन करेंगे तो आपको उसमे राम भी नजर आएंगे और कृष्ण भी, लंका दहन के उपरांत बजरंग बली भी नजर आएंगे और ज्ञान का उपदेश देने वाले बुद्ध भी नजर आएंगे।

भारत की समृद्ध परंपरा का दर्शन आपको उसी संविधान में मिलेगा, लेकिन उस मूल संविधान में कहीं भी धर्मनिरपेक्ष, पंथनिरपेक्ष या समाजवाद शब्द नहीं है। यह सब आपकी आंखों को खोलने वाला होना चाहिए।

आप लोग संविधान में बदलाव की बात करते हैं, जिन लोगों ने संविधान का गला घोटा उनका पिछलग्गू बनकर केवल सत्ता हथियाना चाहते हैं। आप जनता की आंखों में धूल झोंकना चाहते हैं, लेकिन यह नहीं हो सकता। देश आपको यह नहीं करने देगा।

सीएम योगी ने कहा-नेता विरोधी दल को बोलना चाहता हूं कि बुद्ध ने करुणा और मैत्री का उपदेश उस कालखंड में दिया था, जब विदेशी हमले शुरू हो गए थे, लेकिन उससे पहले ही राम ने कहा था 'निसिचर हीन करहुं महि भुज उठाई पन कीन्ह,' उससे पहले भगवान कृष्ण ने भी कहा था 'परित्राणाय साधुनाम विनाशाय च दुष्कृताम।'

हम तो राम और कृष्ण को ही मानते हैं, बुद्ध पर विश्वास करते हैं, उन्हीं को आदर्श मानकर कार्य करते हैं। शासन पद्धति एक भी इंच इधर-उधर नहीं करते हैं।

'चच्चू' थोड़ी कृपा कर लिए नहीं तो पूरी तरह सफाचट हो जाते

सीएम योगी ने कहा कि संभल में जैसे ही आपके खटाखट की असलियत सामने आई, जनता ने कहा सफाचट। उपचुनाव में 9 में से 7 पर भारतीय जनता पार्टी और एनडीए गठबंधन जीता है। यही नहीं, सीसामऊ और करहल को याद करिए।

2022 में समाजवादी पार्टी ने करहल में करीब 70,000 से जीत दर्ज की थी, इस बार वह मात्र 13-14000 तक आ गई है। वह भी 'चच्चू' थोड़ी कृपा कर लिए, नहीं तो वहां भी सफाचट ही था, लेकिन चिंता मत करिए अगली बार होगा। सीसामऊ में भी बाल-बाल बच गए।

कुंदरकी में लोगों को अपनी जड़ें याद आने लग गई हैं। डिजिटल मीडिया में थोड़ा अवलोकन करिए और देखिए वहां पर लोग चिल्ला-चिल्ला कर बोल रहे हैं, इन विदेशियों से पिंड छुड़ाना है। सबको अपनी जड़ें याद आने लग गई हैं। मुझे लगता है कि जिस दिन इकबाल महबूब जी को भी अपनी जड़ें याद आएंगी तो वह भी यही बात बोलेंगे। आप सभी से कहूंगा कि एक बार बाबरनामा को जरूर पढ़ें।

दंगों के कारण लगातार खराब हुआ था माहौल, आज प्रदेश में सुरक्षा है

सीएम योगी ने पूर्व में प्रदेश में हुए दंगों की याद दिलाते हुए कहा कि दंगों के कारण प्रदेश का माहौल लगातार खराब हुआ। आज प्रदेश में सुरक्षा का माहौल है, कानून व्यवस्था की जो स्थिति पैदा हुई है उसमें लोगों को सुरक्षा पर, कानून व्यवस्था पर विश्वास है। उसी का परिणाम है कि 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश को प्राप्त हुआ है।

विपक्ष के लोग गन प्वाइंट पर संवैधानिक संस्थाओं से अपनी बात मनवाना चाहते हैं : योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीतकालीन सत्र में कहा कि कुंदरकी की जीत सनातन की जीत है। यह भारत की वास्तविक जीत है। कुंदरकी, कटेहरी, खैर, मझवा, गाजियाबाद, मीरापुर, फूलपुर की जीत भारत के संविधान की जीत है। आप सबको कटघरे में खड़ा करते हैं।

भारत अकेला देश, जहां बहुसंख्यक समाज विशेष अधिकार की नहीं, समान नागरिक कानून की बात करता है

सीएम ने पूछा कि विपक्ष आखिर मानता किसे है। एक तरफ विपक्ष ने सर्वे के बारे में माननीय उच्चतम न्यायालय की बात का स्वागत किया। दूसरी तरफ माननीय उच्चतम न्यायालय बार-बार समान नागरिक कानून को लागू करने की बात कहता है।

भारत अकेला देश है, जहां बहुसंख्यक समाज अपने लिए विशेष अधिकार की नहीं, बल्कि समान नागरिक कानून की मांग कर रहा है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीश ने समान नागरिक कानून की वकालत की तो विपक्ष ने उनके खिलाफ राज्यसभा में महाभियोग का नोटिस दे दिया, जो आपके दोहरे चरित्र को प्रदर्शित करता है।

उच्चतम न्यायालय द्वारा सर्वे पर रोक लगाने और बुलडोजर की कार्रवाई पर दी गई गाइडलाइन का यह लोग स्वागत कर रहे हैं। उप्र अकेला राज्य है, जिसने बुलडोजर की कार्रवाई को अक्षरशः सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार अंजाम दिया है। सपा व कांग्रेस के लोग माननीय न्यायाधीश के खिलाफ राज्यसभा में महाभियोग की नोटिस देकर सच का मुंह जबर्दस्ती बंद करना चाहते हैं।

यह लोग गन प्वाइंट पर संवैधानिक संस्थाओं से अपनी बात मनवाना चाहते हैं

सीएम योगी ने कहा कि राज्यसभा के सभापति (उपराष्ट्रपति) के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस इसलिए दे दी गई, क्योंकि उन्होंने सदन के सकुशल संचालन के लिए सभी पक्षों से कहा था। सभापति व चेयरपर्सन के रूप में उनकी यही जिम्मेदारी है, लेकिन किसान पुत्र कैसे इतनी बड़ी कुर्सी पर पहुंच गया, यह इन लोगों को अच्छा नहीं लग रहा है। चुनाव के दौरान चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा किया गया यानी यह लोग संवैधानिक संस्थाओं से गन पॉइंट पर अपनी बातों को मनवाना चाहते हैं। यह चरित्र स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। हमें संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करना होगा और इसे मजबूत बनाना होगा।

न्यायहित, समाजहित, राष्ट्रहित में शासन-प्रशासन की कार्रवाई का समर्थन करना चाहिए

सीएम ने कहा कि न्यायहित, समाजहित, राष्ट्रहित व भविष्य हित में शासन-प्रशासन की कार्रवाई का समर्थन करना चाहिए। बहराइच व संभल की घटना में प्रशासन की कार्रवाई न्यायसंगत तरीके से बढ़ रही है। संभल की घटना में ज्यूडिशियल कमीशन गठित किया गया है। इसके सदस्य लगातार विजिट कर रहे हैं। लोगों के बयान लेंगे, सबकी बात सुनेंगे और सच को सामने लेकर आएंगे, लेकिन आपके अनावश्यक पत्थऱबाजी, अवैध असलहे से फायर करने से वहां शांति बहाल नहीं होने वाली है।

जो बराबरी नहीं कर सकते, वे बुराई करते हैं, विपक्ष की बुराई में सत्य और न्याय नहीं झलकता : योगी


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षियों की खिंचाई करते हुए कहा कि हम सोच रहे थे कि मिनी स्टेशन पॉवर कॉरपोरेशन चला रहा है, लेकिन संभल में धार्मिक स्थल से बिजली के मिनी स्टेशन संचालित हो रहे हैं। वहां कई मस्जिद ऐसी पाई गईं, जहां अवैध सब स्टेशन बनाकर फ्री में कनेक्शन बांटे गए थे।

प्रदेश में पावर कॉरपोरेशन का लाइनलॉस 30 से कम है, लेकिन संभल के दीपासराय व मीरासराय मोहल्ले में लाइन लॉस 78 व 82 फीसदी है। यह देश के संसाधनों पर लूट है। प्रशासन कर्तव्य का निर्वहन कर रहा है तो उसे चोर कहेंगे और यदि प्रशासन चोरी पकड़ ले तो कहेंगे कि अत्याचार है।

जो बराबरी नहीं कर सकते, वे बुराई करते हैं

सीएम ने कहा कि सच्चाई सबके सामने आती है तो बुरा लगता है। जो बराबरी नहीं कर सकते, वे बुराई करते हैं। आप (विपक्ष) भी यही बुराई कर रहे हैं। आपकी बुराई में सत्य, न्याय नहीं झलकता। यह पक्षपातपूर्ण है। इससे लोकतंत्र की व्यवस्था कमजोर होती है। किसी भी मुस्लिम, अन्य मत-मजहब के त्योहारों के दौरान समस्या नहीं होती तो हिंदू पर्व के दौरान यदि किसी ने समस्या खड़ी की तो सरकार सख्ती से निपटेगी।

... आखिर 22 कुओं को किसने पाट दिया

सीएम ने कहा कि माननीय न्यायालय के आदेश का पालन करना प्रशासन का दायित्व है। प्रशासन संभल में वही कर रहा है। सीएम ने कटाक्ष करते हुए सपा सदस्यों से कहा कि मंदिर को न छेड़कर आपने बड़ी कृपा कर दी, लेकिन 22 कुओं को किसने पाट दिया। आखिर मूर्तियां कैसे मिल रही हैं। नोटिस से परेशानी क्यों हो रही है।

शफीकुर्रहमान बर्क खुद को भारत का नागरिक नहीं, बाबर का संतान कहते थे

सीएम योगी ने कहा कि संभल में तुर्क व पठान का विवाद चल रहा है। शफीकुर्रहमान बर्क (सपा के पूर्व सांसद-अब स्मृतिशेष) खुद को भारत का नागरिक नहीं, बल्कि बाबर का संतान कहते थे। आपको तय करना है कि आक्रांताओं को अपना आदर्श मानते हैं या राम-कृष्ण, बुद्ध की परंपरा को। भारत में राम-कृष्ण व बुद्ध की परंपरा ही रहेगी, बाबर और औरंगजेब की परंपरा नहीं रहेगी।

अल्लामा इकबाल की नज्म पढ़कर सीएम योगी ने विपक्ष से पूछा सवाल

अल्लामा इकबाल की नज्म को लेकर भी सीएम योगी ने विपक्ष पर करारा हमला किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता यहां एक कविता सुना रहे थे। सच को स्वीकार करने की सामर्थ्य नहीं है, इसलिए वो चले गए। एक दोहरे चरित्र के व्यक्ति के द्वारा जो पहले कुछ पंक्तियां लिखता है और बाद में उसका चरित्र कैसे बदल जाता है। अल्लामा इकबाल ही हैं जो कहते थे...

"मुस्लिम हैं हम वतन है सारा जहां हमारा

चीन-ओ-अरब हमारा हिन्दोस्तां हमारा

तौहीद की अमानत सीनों में है हमारे

दुनिया के बुत-कदों में पहला वो घर खुदा का

तेगों के साए में हम पल कर जवां हुए हैं

मगरिब की वादियों में गूंजी अजां हमारी

बातिल से दबने वाले ऐ आसमां नहीं हम

ऐ गुलिस्तान-ए-उंदुलुस वो दिन हैं याद तुझको

ऐ मौज-ए-दजला तू भी पहचानती है हम को

ऐ अर्ज-ए-पाक तेरी हुर्मत पे कट मरे हम

सालार-ए-कारवां है मीर-ए-हिजाज अपना

इकबाल का तराना बांग-ए-दरा है गोया

मुस्लिम हैं हम वतन है सारा जहां हमारा"

सीएम योगी ने पूछा कि क्या इकबाल को आप अपना आदर्श मानते हैं। वो खुद को पेशे से शिक्षक कहते हैं। ऐसे शिक्षक छात्रों को पढ़ाएंगे तो दुर्गति ही कराएंगे। इकबाल की एक कविता को यहां पढ़कर के और वास्तविक सच से आप धूल डालकर छुपा नहीं सकते हैं।

हिंदू मोहल्ले से मुस्लिम जुलूस निकल सकता है तो मुस्लिम मोहल्ले से हिंदु शोभायात्रा क्यों नहीं

शीतकालीन सत्र के पहले दिन सीएम योगी नेता विपक्ष पर जमकर बरसे। उन्होंने पूछा कि जब मोहर्रम का जुलूस हो या कोई भी मुस्लिम त्योहार का जुलूस वो हिंदू मोहल्ले से, मंदिर के सामने से सुरक्षित निकल जाता है, कोई समस्या नहीं होती।

समस्या वहीं पर क्यों खड़ी होती है, जब कोई हिंदू शोभायात्रा किसी मस्जिद के सामने से या मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र से निकलती है। झंडा लगाने में क्या समस्या आ रही है। क्या भारत की धरती पर केसरिया झंडा नहीं लग सकता।

पूछना चाहता हूं कि हिंदु मोहल्ले और मंदिर के सामने से मुस्लिम जुलूस निकल सकता है तो मुस्लिम मोहल्ले से कोई शोभायात्रा क्यों नहीं निकल सकती। यहीं पर विवाद शुरू होता है। आप चाहते हैं कि आपके पर्व और त्योहार तो शांति से मनाए जाएं, लेकिन दूसरों के नहीं।

जय श्री राम का नारा हमारी श्रद्धा का नारा है

सीएम योगी ने पूछा कि आखिर ये संविधान में कहां लिखा है कि किसी मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में हिंदू शोभायात्रा नहीं निकल सकती। जब आप रोकते हैं तो हिंदू पक्ष की ओर से भी रिएक्शन आता है कि हम भी नहीं जाने देंगे। मुझे आश्चर्य होता है इन बातों को लेकर कि मस्जिद के सामने से शोभायात्रा नहीं निकलने देंगे।

ये सड़क किसी की अमानत है क्या, ये सार्वजनिक मार्ग है, आप किसी को कैसे रोक सकते हैं। बहराइच में भी परंपरागत जुलूस था और उसी परंपरागत जुलूस को आगे बढ़ाने के लिए सारे कार्यक्रम संपन्न हुए थे। लेकिन यह कहना की उत्तेजक नारे लगाए जा रहे थे।

जय श्री राम का नारा उत्तेजक नहीं है, ये हमारी श्रद्धा का नारा है, हमारी आस्था का प्रतीक है। कल आपसे कहूंगा कि अल्ला हो अकबर का स्लोगन हमें अच्छा नहीं लगता तो क्या आपको अच्छा लगेगा। हमारी विरासत तो इतनी लंबी चौड़ी और प्राचीन है कि हम उस परंपरा को लेकर ही चले जाएं और जय श्री राम, हर हर महादेव और राधे राधे के संबोधन से ही पूरा जीवन काट सकता हूं। हमें और किसी संबोधन की आवश्यकता ही नहीं है।

बाबरनामा पढ़ा होता तो ये बहस नहीं होती

सीएम योगी ने कहा कि कोई भजन गाया जा रहा है तो आप उस भजन को अश्लील कैसे कह सकते हैं। कांवड़ यात्रा में क्या अश्लील गाने बजते हैं। वहां भगवान शिव के गाने बजते हैं। दुर्गा पूजा के दौरान जो शोभायात्रा निकलती है उसमें जगत जननी मां दुर्गा की आरती बजती है, दुर्गा चालीसा बजती है, हनुमान चालीसा बजती है,ये हमारे शक्ति और भक्ति के प्रतीक हैं।

आपने बाबरनामा पढ़ा होता तो ये बहस करते ही नहीं होती जिसमें स्वयं मीरबाकी के द्वारा हरिहर मंदिर तोड़ने का जिक्र किया गया है। जितने लोग यहां पर हैं, लेकिन वहां पर आपके फोर फादर और फोर फादर की पीढ़ी उसकी भुक्तभोगी रही होगी इसलिए वहां पर आप इस स्थिति में हैं।

आपकी राजनीति बांटने और कटवाने की, इसीलिए हमने कहा न बटेंगे, न कटेंगे

आपके संभल में 1976 में शिया सुन्नी का विवाद हुआ था। ये लखनऊ का शिया सुन्नी विवाद भारतीय जनता पार्टी के समय ही समाप्त हुआ है। आप लोग तो शिया और सुन्नी को भी लड़ाते थे, क्योंकि आपकी तो शुरू से ही राजनीति बांटने और कटवाने की रही है।

इसीलिए हमने कहा है कि न कटेंगे और न बटेंगे। सीएम योगी ने कहा कि आखिर ये दंगे क्यों किए जाते हैं। बहराइच का मामला, महाराजगंज कस्बे का, चार कंपनी पुलिस थी वहां पर और दंगा सड़क पर नहीं हो रहा था, गोली घर के अंदर से चल रही थी।

जिस निर्दोष राम गोपाल मिश्रा की हत्या हुई उसे घर के अंदर से गोली मारी गई। हमें इस सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए। दंगा सड़क पर आमने-सामने नहीं था। अगर पुलिस घर के अंदर घुसती तो लोग कुछ और ही आरोप लगाते। पुलिस ने बचाव करने का अपना प्रयास किया। भाजपा के विधायक की गाड़ी पर हमला हुआ जो वहां से 30-35 किमी दूर है।

इन्होंने जो तहरीर दी वो दूसरे मामले को लेकर है, इसका उस घटना से कोई लेना देना नहीं, लेकिन उसको किस तरह से जोड़कर देखा जा रहा है।

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