मुख्यमंत्री ने चयनित अध्यापकों को बांटे नियुक्ति पत्र, कहा- युवाओं को मिल रहा रोजगार

मुख्यमंत्री ने चयनित अध्यापकों को बांटे नियुक्ति पत्र, कहा- युवाओं को मिल रहा रोजगार
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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को यहां लोक भवन में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में नवनियुक्त एक हजार 395 सहायक अध्यापकों एवं प्रवक्ताओं को नियुक्ति पत्र वितरित किया। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि प्रदेश का युवा निष्पक्ष चयन प्रक्रिया के तहत नियुक्त होकर सेवा के लिए तत्पर दिखाई दे रहा है। यह सभी शिक्षक लोक सेवा आयोग की ओर से चयनित हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उप्र की किसी भी भर्ती में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का आरोप नहीं लगा सकता है। 2017 के पहले भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार किसी से छिपा नहीं था। भर्ती निकलते ही पूरा परिवार वसूली के लिए निकल पड़ता था। अगर अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई तो भर्ती प्रक्रिया में भी हमने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। आज निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया के तहत युवाओं का चयन हो रहा है। चयन के बाद नियुक्ति पत्र मिल रहा है। ऐसी पारदर्शी व्यवस्था अपनाई गयी है कि विभागीय प्रमुख सचिव को भी यह नहीं पता है कि किस अध्यापक को कौन सा विद्यालय मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े पांच सालों के दौरान भर्ती प्रक्रिया को मिशन रोजगार के तहत आगे बढ़ाया गया है। इसीलिए पांच लाख से अधिक नौकरी दी गयी। बेहतर कानून व्यवस्था देने की वजह से निवेश आया। युवाओं को रोजगार मिला। तमाम बाधाओं को दूर करते हुए 60 लाख से अधिक युवाओं को स्वत: रोजगार से जोड़ने में सफल हुए हैं। आज 1395 अध्यापकों को नियुक्ति पत्र वितरित किया जा रहा है। यह प्रधानमंत्री मोदी के मिशन रोजगार के तहत सफल हो पा रहा है।

मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त शिक्षकों की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि याद रखना यदि हम समय की गति के अनुरूप नहीं चल पाए तो दुनिया से पिछड़ जाएंगे। नौकरी पाने के बाद हमे निश्चिंत नहीं हो जाना है। हमे व्यवस्था के प्रति, विद्यालय के प्रति, बच्चों के प्रति और उन अभिभावकों के प्रति जवाबदेह बनना पड़ेगा जिन्होंने अपने बच्चे को आपके विद्यालय में दाखिला कराया है। हमें अपने उनके विश्वास को मजबूत करना है।मुख्यमंत्री ने विद्यालयों में स्वच्छता रखने की भी नसीहत दी। उन्होंने कहा कि विद्यालय का माहौल, शिक्षण कार्य को दुरुस्त रखने के साथ ही अपडेट रखना होगा। ऐसा न हो कि नौकरी में आने के बाद पुरस्कार पाने के लिए किसी के पीछे भागने लगें। आपका कार्य पुरस्कार दिलाता है। बिना योग्यता के लिए पुरस्कार हासिल करने वाले हंसी का पात्र बनते हैं। कुछ लोग नौकरी के कुछ ही माह बाद ट्रांसफर के लिए लग जाते हैं। यह ठीक नहीं है। इसी प्रकार मुख्यमंत्री ने कई महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार व्यक्त किये। इस मौके पर माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी, प्रमुख सचिव सुधीर बोबड़े, महानिदेशक शिक्षा विजय किरण आनंद जैसे अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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