मुख्यमंत्री ने तकनीकी सहायकों को दिए नियुक्ति पत्र, कहा -अब सिफारिश की जरूरत नहीं

मुख्यमंत्री ने तकनीकी सहायकों को दिए नियुक्ति पत्र, कहा -अब सिफारिश की जरूरत नहीं
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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को यहां लोकभवन में कृषि विभाग में नवनियुक्त तकनीकी सहायकों को नियुक्ति पत्र वितरित किया। प्रदेश के समस्त जिलों में कार्यक्रम आयोजित कर कुल 1868 सहायक प्राविधिक सहायकों को नियुक्ति पत्र वितरित किया गया है। वहीं लोक भवन में 288 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी नवनियुक्त तकनीकी सहायकों को बधाई देते हुए कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि आप सब ने अपने परिश्रम से अपने गुरुजनों के आशीर्वाद से यह स्थान हासिल किया है। कहा कि आप लोगों को आवेदन से लेकर नियुक्ति पत्र प्राप्त करने तक कहीं भी किसी से सिफारिश कराने की जरूरत नहीं पड़ी होगी। इतनी बिगड़ी हुई व्यवस्था में स्वच्छ व्यवस्था और पारदर्शी व्यवस्था प्रशासन की मंशा को दर्शाता है। अगर कोई गड़बड़ी हुई होती तो साढ़े चार सालों में साढ़े चार लाख नौजवानों को प्रदेश में सरकारी नौकरी नहीं दे पाते।

मुख्यमंत्री ने पिछली सरकारों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में बहुत कुछ है लेकिन कहीं ना कहीं कमी थी। अच्छे मानव संसाधन, अच्छी उर्वरा भूमि होने के बावजूद उत्तर प्रदेश हर एक क्षेत्र में पीछे रहता था। विगत साढ़े चार वर्ष के अंदर जो प्रक्रिया प्रारम्भ हुई आज उत्तर प्रदेश देश की नंबर दो की अर्थव्यवस्था बन चुका है। पहले उत्तर प्रदेश के बारे में कहा जाता था कि यहां पर कार्य की सम्भावना न के बराबर है। शासन की किसी भी योजना को ईमानदारी से लागू नहीं किया जा सकता है। कहीं पर भी कार्य संस्कृति नहीं थी। नौकरशाही कार्य को संपादन करने में आड़े आती थी। राजनीतिक संक्रमण इस कदर से था कि कुछ भी ईमानदारी पूर्वक पारदर्शी तरीके से लागू नहीं किया जा सकता था। वहीं प्रदेश आज इज ऑफ डूइंग बिजनेस में देश के अंदर 14वें, 15वें स्थान पर था। आज दूसरे स्थान पर है। यह वही प्रदेश है जो केंद्र सरकार की 44 योजनाओं में पहले नंबर पर है। यह सब सामूहिक प्रयास से सम्भव हुआ है।

375 महिलाओं को मिली नौकरी -

कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि इनमें 375 महिलाएं हैं। 62 दिव्यांगजन हैं। आयोग से चयन के बाद एनआईसी के माध्यम से पारदर्शी प्रक्रिया अपनाते हुए काउंसलिंग की गई है। काउंसलिंग में हमने फैसला किया है कि प्रत्येक जिले में अनुपातिक रूप से रिक्त पदों पर तैनाती की जा सके। आकांक्षात्मक जिलों में कुछ अधिक भर्ती की गई है। तैनाती में भी अभ्यर्थियों को छूट दी गई थी कि वह अपने हिसाब से अनुकूल जिलों की मांग कर सकें। उसी के आधार पर उन्हें पहले, दूसरे, तीसरे, चौथे या पांचवें नंबर के जिलों को दिया गया है।

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