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उप्र में कोरोना का नया वेरिएंट नहीं, जलजनित बीमारियों से बच्चे ग्रसित
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के नए मामलों के बारे में राज्य सरकार ने अपना रुख साफ कर दिया है। सरकार ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि प्रदेश के जिन जनपदों में संक्रमण के मामले सामने आए हैं उनकी पड़ताल से पता चला है कि यह कोरोना का कोई नया वेरिएंट नहीं है। यह सभी जलजनित बीमारियां हैं। बदलते मौसम से इनका प्रकोप बढ़ रहा है।अच्छी खबर यह है कि प्रदेश में डेंगू, चिकनगुनिया और काला अजार के मामले नियंत्रण में हैं। इस बात की गवाही स्वास्थ्य विभाग की ओर से गुरुवार को जारी किए गए आंकड़े दे रहे हैं। इस रिर्पोट के अनुसार प्रदेश के 58 जिलों से अब तक डेंगू के 1374 मरीजों की पुष्टि हुई है। वहीं पिछले 24 घंटों में 129 मामले सामने आए हैं।
मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश -
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को एक बैठक में सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि वे डेंगू और जलजनित बीमारियों के मामलों को देखते हुए चिकित्सा सुविधाओं और साफ-सफाई का ध्यान रखें। इस बैठक में सीएम ने आला अधिकारियों से कहा कि डेंगू व अन्य वायरल बीमारियों के से बचाव के लिए प्रदेशव्यापी सर्विलांस कार्यक्रम को तेजी से चलाया जाए। प्रदेश में बुखार व संक्रमण के अन्य लक्षणों के मरीजों की पहचान प्राथमिकता पर की जाए। विशेषज्ञ टीम के दिशा-निर्देशों के अनुरूप उपचार की समस्त व्यवस्था करते हुए इन बीमारियों की रोकथाम के लिए टीमों द्वारा दवाइयां तेजी से वितरित की जाएं। साथ ही चिकित्सीय सुविधाओं जैसे बेड, दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता को सुनिश्चित करते हुए फिरोजाबाद, आगरा, कानपुर, मथुरा जैसे प्रभावित जनपदों की स्थिति पर पैनी नजर रखी जाए।
चिकनगुनिया के महज 24 मामलों की पुष्टि -
रिर्पोट के अनुसार प्रदेश में चिकनगुनिया के 24 मरीजों की पुष्टि हुई है। इसके साथ काला अजार के 37 मरीजों की पुष्टि हुई है। प्रदेश में डेंगू के मरीजों की पुष्टि होने पर तीन दिनों के अंदर रोकथाम की कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा डेंगू के रोगियों की पुष्टि होने पर उस घर व आस-पास के 50 घरों में पाइरिथ्रम का छिड़काव कराया जा रहा है।
स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर बुखार से पीड़ित लोगों की करेंगे पहचान -
मुख्यमंत्री ने शहरी एवं ग्रामीण निकायों को क्षेत्र में साफ सफाई करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सर्विलांस को और बेहतर करने के साथ ही 07 से 16 सितम्बर तक प्रदेशव्यापी सर्विलांस कार्यक्रम आयोजित होंगे। स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर बुखार से पीड़ित और कोविड के लक्षण वाले लोगों की पहचान करेंगे।
स्वच्छता-सैनीटाइजेशन का चल रहा वृहद अभियान -
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि प्रदेश में स्वच्छता-सैनीटाइजेशन का वृहद अभियान पांच सितंबर से शुरू किया गया है। इसके तहत सभी जिलों के नामित नोडल अधिकारी इस कार्य पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से आशा बहू, संगिनी, आंगनबाड़ी समेत स्वास्थ्यकर्मियों के जरिए प्रदेशव्यापी सर्विलांस कार्यक्रम किया जा रहा है। ये स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर बुखार से पीड़ित और कोविड के लक्षण वाले लोगों को चिन्हित कर रहे हैं। इसके साथ ही 45 वर्ष से अधिक आयु के जिन लोगों ने अब तक कोविड वैक्सीन की एक भी डोज नहीं ली है उनकी सूची भी तैयार कर रहे हैं।