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कोरोना से जंग: यूपी में बढ़ रहा रिकवरी रेट, डिस्चार्ज के आंकड़ों में इजाफा
लखनऊ: देश में जहां कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में मरीजों के स्वस्थ्य होने का आंकड़ा भी दिनों दिन बढ़ता दिख रहा है। पिछले दो दिनों के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें, तो डिस्चार्ज की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। वहीं, प्रदेश सरकार टेस्टिंग पर जोर दे रही है। यही कारण है कि प्रदेश चार करोड़ से ज्यादा टेस्ट करने वाला पहला प्रदेश है।
उदाहरण के तौर पर देखें, तो बीती एक मई को प्रदेश में नए मामलों की संख्या 30 हजार 317 थी, जबकि डिस्चार्ज होने वालों की संख्या 38 हजार 826 रही। ऐसे ही आज के आंकड़ों पर नजर डालें, तो आज नए मामलों की संख्या जहां 30 हजार 983 है, वहीं डिस्चार्ज होने वाली की संख्या 36 हजार 650 है।
इन आंकड़ों की मदद से समझा जा सकता है कि प्रदेश में रिकवरी रेट बेहतर हो रहा है। बीते 28 अप्रैल को भी प्रदेश में 35 हजार 903 लोग स्वस्थ होकर अपने-अपने घरों को गए थे। देश में हर दिन बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए सरकार कड़े प्रतिबंध लगा रही है। साथ ही वैक्सीनेशन पर भी पूरा ध्यान दे रही है। प्रदेश में योगी सरकार ने वैक्सीनेशन के तीसरे चरण की भी शुरुआत कर दी है, जिसका मुख्य उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों तक वैक्सीन पहुंचाना है।
बीते 24 घंटों में हुए दो लाख 97 हजार कोरोना टेस्ट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पूरा जोर टेस्टिंग को बढ़ाने को लेकर है। ऐसे में लगातार प्रदेश सरकार टेस्टिंग के आंकड़े को दिन प्रतिदिन बढ़ा रही है। बीते 24 घंटों में स्वास्थ्य विभाग ने दो लाख 97 हजार से ज्यादा कोरोना टेस्ट किए हैं। इनमें से एक लाख 28 हजार से अधिक टेस्ट केवल आरटीपीसीआर के माध्यम से किए गए हैं। यह आंकड़ा भी पिछले पांच दिनों से बढ़ता हुआ दिख रहा है। सरकार की मंशा है कि जितनी जल्दी टेस्ट होगा, उतनी जल्दी मरीज को ठीक किया जा सकेगा। पूरे देश में 4.13 करोड़ टेस्ट करने में योगी सरकार ने सफलता हासिल की है।
4 मई से 97 हजार राजस्व ग्रामों में चलेगा टेस्टिंग अभियान
अब गांवों में भी संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सरकार ने बड़े स्तर पर अभियान शुरु कर रही है। चार मई से प्रदेश में चार दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत कर सरकार सभी 97 हजार राजस्व ग्रामों में टेस्टिंग का बड़ा अभियान चलाएगी। चार दिन चलने वाले इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग घरों में मेडिकल किट उपलब्ध कराएगा। इस दौरान जिन लोगों में खांसी, बुखार और जुकाम जैसे लक्षण होंगे उनका तत्काल टेस्ट कर उन्हें आइसोलेशन में भेजने की व्यवस्था की जाएगी। अगर किसी के घर में अलग से आइसोलेशन की व्यवस्था नहीं होगी, तो सरकार उसकी व्यवस्था करेगी। वहीं आवश्यकतानुसार उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।