उप्र में गारमेंट सेक्टर को मिलेगा बढ़ावा, सरकार ने दिया 175 करोड़ रुपये का बजट

उप्र में गारमेंट सेक्टर को मिलेगा बढ़ावा, सरकार ने दिया 175 करोड़ रुपये का बजट
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प्रदेश के पावरलूम बुनकरों को रियायती दरों पर विद्युत उपलब्ध करायी जा रही हैं, इस हेतु 345 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने सदन में पेश बजट में गारमेंट नीति को बढ़ावा देने के लिए 175 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया है। इससे रोजगार सृजन से युवाओं को लाभ मिलेगा।वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट में बताया कि कृषि क्षेत्र के बाद हथकरघा उद्योग सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाला विकेन्द्रीकृत कुटीर उद्योग है। प्रदेश में लगभग 1.91 लाख रुपये हथकरघा बुनकर एवं लगभग 80 हजार हथकरघे हैं। प्रदेश में 2.58 लाख पावरलूम कार्यरत हैं जिसके माध्यम से 5.50 लाख पावरलूम बुनकर अपना जीविकोपार्जन कर रहे हैं।

वस्त्र क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने एवं प्रदेश में अधिकाधिक रोजगार सृजन करने के उद्देश्य से उ.प्र.टेक्सटाइल एण्ड गारमेंटिंग पालिसी 2022 प्रख्यापित की गयी है, जिसमें वस्त्र क्षेत्र के निवेशकों एवं नया स्वरोजगार प्रारम्भ करने वाले युवाओं को अनेक वित्तीय सुविधाएं अनुमन्य की गयी हैं, जिसके लिए 150 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। गारमेन्टिंग नीति, 2017 के अन्तर्गत 175 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

प्रदेश के पावरलूम बुनकरों को रियायती दरों पर विद्युत उपलब्ध करायी जा रही हैं, इस हेतु 345 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री पॉवर लूम उद्योग विकास योजना हेतु 20 करोड़ रुपये तथा मुख्यमंत्री बुनकर सौर ऊर्जा योजना हेतु 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। झलकारी बाई कोरी हथकरघा एवं पॉवर लूम विकास योजना हेतु लगभग 18 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।वित्तीय वर्ष 2021-22 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के युवाओं के तकनीकी सशक्तीकरण हेतु टैबलेट/स्मार्टफोन वितरण योजना लागू की गयी। इस पायलट योजना का विस्तार करते हुये लोक कल्याण संकल्प पत्र-2022 में स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजनान्तर्गत अनुरूप 02 करोड़ टैबलेट/स्मार्टफोन का 05 वर्षों में वितरण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। योजना हेतु 3600 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति के कार्यान्वयन हेतु 401 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। स्टेट डाटा सेन्टर हेतु 85 करोड़ 89 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप नीति हेतु 60 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी जनित सेवा क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए प्रदेश में आई०टी० पार्क्स की स्थापना की जा रही है।

उ.प्र. सूचना प्रौद्योगिकी नीति-2017-2022 के तहत राज्य को लगभग 53,000 व्यक्तियों को रोजगार के साथ लगभग 6,300 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। प्रदेश सरकार द्वारा नई उ.प्र. सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी जनित सेवा नीति-2022 दिनांक 18 नवम्बर 2022 को अधिसूचित की गयी है। इसके अन्तर्गत लगभग रुपये 5000 करोड़ के निवेश का अनुमान है जिससे लगभग 50 हजार व्यक्तियों हेतु प्रत्यक्ष एवं एक लाख व्यक्तियों हेतु अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने का अनुमान है।

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