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'शौकीनों' ने तोड़ा रिकॉर्ड, एक साल में ही गटक गए 53 करोड़ की शराब: “आबकारी विभाग ने वर्ष 2024-25 में 52,297.08 करोड़ रुपये राजस्व जुटाया” - नितिन अग्रवाल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 'शौकीनों' ने पिछले साल शराब की बिक्री में नया रिकॉर्ड बनाया है। आबकारी विभाग के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 में शराब की बिक्री से 52,297.08 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो पिछले साल से 14.76% ज्यादा है।
यह बढ़ोतरी अवैध शराब पर नियंत्रण और नई आबकारी नीति के कारण हुई है। यह कहना है आबकारी एवं मद्य निषेध राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल का। वह गुरुवार को गौतम पल्ली स्थित अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों के साथ विभागीय उपलब्धियां साझा करते हुए बोल रहे थे।
नितिन अग्रवाल ने 'स्वदेश' को बताया कि नए वित्तीय वर्ष में शराब की बिक्री से मिलने वाला यह राजस्व पिछले साल के मुकाबले बहुत अधिक है। इससे पहले वित्तीय वर्ष 2023-24 में विभाग को 41,252.24 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था, जो 2022-23 से 10.47% ज्यादा था।
अवैध शराब पर कार्रवाई के चलते पिछले साल कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। नितिन ने कहा कि वर्ष 2024-25 में 52,297.08 करोड़ राजस्व अर्जित किया गया, जो अब तक का सर्वाधिक है। यह गत वर्ष 2023-24 में प्राप्त राजस्व ₹45,570.47 करोड़ से ₹6,726.61 करोड़ अर्थात् 14.76% अधिक है।
उन्होंने कहा, वर्ष 2022-23 में ₹41,252.24 करोड़ का राजस्व अर्जित किया गया था। इस प्रकार वर्ष 2023-24 में प्राप्त राजस्व 45,570.47 करोड़ वर्ष 2022-23 की तुलना में 4,318.23 करोड़ अर्थात् 10.47% अधिक था। प्रतिशत दर में इस वित्तीय वर्ष की बढ़ोत्तरी (14.76%) पिछले वित्तीय वर्ष की बढ़ोत्तरी (10.47%) से अधिक है।
इस बार ई-लॉटरी से हुआ दुकानों का व्यवस्थापन : नितिन ने बताया कि वर्ष 2025-26 हेतु मदिरा/बीयर की दुकानों का व्यवस्थापन ई-लॉटरी से किया गया। विदेशी मदिरा एवं बीयर की अब कम्पोजिट दुकानें बनाई गई हैं। देसी शराब की 16,052 दुकानों में प्रथम चरण में 15,662 तथा द्वितीय चरण में 366 दुकानों का व्यवस्थापन कराया गया।
वर्ष 2024-25 में विदेशी मदिरा की 6,563 दुकानें तथा बीयर की 5,970 दुकानें थीं। इनको वर्ष 2025-26 में घटा कर 9,362 कम्पोजिट दुकानें खोली गईं। प्रथम चरण में 9,316 दुकानों तथा द्वितीय चरण में शेष 46 दुकानों का व्यवस्थापन हुआ।
दुकानों की संख्या में कमी के बाद भी आबकारी राजस्व सुरक्षित रहा। ई-लॉटरी प्रक्रिया में प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में विभाग को 2,318.77 करोड़ का राजस्व मिला है।
अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर बनाने में आबकारी का अहम रोल : नितिन अग्रवाल ने बताया कि अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर किए जाने में विभाग का अहम योगदान होगा। निवेशकों के साथ 137 एमओयू हुए हैं। इससे 39,708.21 करोड़ के निवेश की सम्भावना है। 72,474 रोजगार का सृजन होगा।
बिना एम.ओ.यू. 2,296 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनमें से 46 प्रोजेक्ट तैयार हैं। इससे 7,888.73 करोड़ का निवेश होगा और 10,957 लोगों को रोजगार मिलेगा। वर्ष 2022-23 से पी.डी.-33 के 17 एवं पी.डी.-2 के 19 अनुज्ञापन जारी किए गए। 95 आसवनी को पी.डी.-2 अनुज्ञापन निर्गत हैं।
इसी प्रकार इन्वेस्ट यू.पी.पोर्टल पर प्राप्त प्रस्तावों में से रेडी फॉर जी.वी.सी. प्रोजेक्ट की संख्या 46 है, जिससे राज्य में ₹7,888.73 करोड़ का निवेश प्राप्त होगा। वर्ष 2022-23 से कुल 23 माइक्रो बेवरी की स्थापना हेतु एम.वी.-5 अनुज्ञापन निर्गत किये गये हैं।
1,12,279 केस दर्ज, 30 लाख लीटर अवैध शराब बरामद : नितिन ने बताया कि अवैध मदिरा के मामले में वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1,12,279 केस दर्ज किए गए। 30 लाख लीटर अवैध शराब बरामद की गयी। 24,049 व्यक्तियों को गिरफ्तार करते हुए 5,557 व्यक्तियों को जेल भेजा गया। 203 वाहनों को जब्त किया गया। त्योहारों एवं अन्य अवसरों पर 6 विशेष अभियान चले। इस दौरान 27,108 केस दर्ज हुए। 7.04 लाख लीटर अवैध शराब बरामद हुई। 6,010 तस्करों को गिरफ्तार करते हुए उनमें से 1,380 व्यक्तियों को जेल भेजा गया। 44 वाहनों को भी जब्त किया गया।
आबकारी में अब सब कुछ ऑनलाइन : नितिन अग्रवाल ने बताया कि मदिरा/एल्कोहल उत्पादन एवं आपूर्ति की प्रक्रिया पर नियंत्रण रखे जाने, राजस्व अर्जित किये जाने, राजस्व क्षति को रोकने के उद्देश्य से एवं विभाग की सम्पूर्ण कार्य प्रणाली को पी.ओ.एस. मशीन सहित ऑनलाइन किये जाने एवं एंड टू एंड सॉल्यूशन उपलब्ध कराने के दृष्टिगत आईईएससीएमएस लागू किया गया है।
इसके तहत सारी प्रक्रिया ऑनलाइन की गई है। समस्त लाइसेंस/परमिटों को ऑनलाइन कर दिया गया है। सप्लाई चेन की समस्त प्रक्रिया को ऑनलाइन करते हुए एण्ड-टू-एण्ड ट्रैकिंग की भी व्यवस्था है।
इंटीग्रेटेड कमांड एण्ड कंट्रोल सेंटर से इंटीग्रेशन : आबकारी मंत्री ने बताया कि ई-ऑफिस प्रणाली लागू है। दुकानों का व्यवस्थापन ई-लॉटरी से हो रहा है। दुकानदार उठान की ऑनलाइन मॉनिटरिंग, वैधता की पहचान एवं एम.आर.पी. हेतु मोबाइल ऐप बनाया गया।
बार अनुज्ञापनों का आवेदन एवं निर्गमन की प्रक्रिया भी ऑनलाइन है। आसवनियों एवं अन्य इकाइयों में सी.सी.टी.वी. कैमरा स्थापित लगाया जा रहा है। उनका इन्टीग्रेटेड कमांड एण्ड कंट्रोल सेंटर से इंटीग्रेशन कराया जा रहा है। मदिरा एवं स्प्रिट के टैंकरों में डिजिटल लॉक लगाया जायेगा।
जी.पी.एस. युक्त वाहनों से ही मदिरा का परिवहन होगा। आसवनियों में डिजिटल अल्कोहल मीटर का उपयोग में लाया जायेगा। आसवनियों में मास फ्लो मीटर, रडार बेस्ड लेवल सेंसर एवं बॉटलिंग काउंटर लगाया जाना तथा उनका विभागीय पोर्टल से इंटीग्रेशन होगा।
अनुज्ञप्त परिसरों की जियो फेंसिंग कराई गई : नितिन अग्रवाल ने बताया कि आबकारी अनुज्ञप्त परिसरों की जियो फेंसिंग कराई गई है। समस्त आसवनियों/यवासवनियों/थोक अनुज्ञापनों से अल्कोहल/मदिरा के निर्माण एवं परेषण पर सतत निगरानी हेतु कमांड एण्ड कंट्रोल सेन्टर की स्थापना कराई गई है।
बोतलों एवं पेटियों पर हाई सिक्योरिटी एक्साइज अधेसिव लेबल स्टीकर का प्रयोग तथा इन कोड्स के माध्यम से बोतलों/पेटियों की उत्पादन स्थल से लेकर फुटकर दुकानों से बिक्री होने तक की ट्रैकिंग की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जा रही। आसवनियों/वासवनियों एवं चीनी मिलों में एएनपीआर कैमरे लगाये जाने एवं पोर्टल से इंटीग्रेट कराये जाने की व्यवस्था है।