- Home
- /
- देश
- /
- उत्तरप्रदेश
- /
- लखनऊ
NCR में मील का पत्थर साबित होगा लिफ्ट और एस्केलेटर कानून, विधनसभा में पारित हुआ विधेयक
लखनऊ। विधानसभा में लिफ्ट एंड एस्केलेटर विधेयक-2024 ध्वनि मत से पारित हो गया। इसका सर्वाधिक लाभ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) के लोगों को मिलेगा। इस विधेयक का प्रस्ताव जेवर के भाजपा विधायक धीरेन्द्र सिंह ने प्रस्तुत किया था। बजट सत्र में योगी मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद इसे शनिवार को विधानसभा के पटल पर रखा गया, जिसे सभी सदस्यों ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। अधिनियम के पारित होते ही इस कानून के लागू होने का रास्ता साफ़ हो गया है। इस कानून के माध्यम से बहुमंजिला इमारतों में लिफ्ट और एक्सीलेटर के चलते होने वाले हादसों पर नियंत्रण लगाने में मदद मिलेगी। विधायक ने कहा कि इस सराहनीय कदम के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का आभारी व्यक्त करता हूं।
जेवर के विधायक धीरेन्द्र सिंह ने स्वदेश को बताया कि एनसीआर और एससीआर में हाई राइज इमारतों की संख्या एकाएक बढ़ गई। इन इमारतों में लोगों की सुविधा के लिए लिफ्ट लगाए गए हैं। इसके रखरखाव के लिए कोई नियम-कानून नहीं थे। मौजूदा समय में सुरक्षा मानकों का पालन न किए जाने से आए दिन दुर्घटना होने की शिकायतें मिलती रहती थीं। अब कानून के अस्तित्व में आने के बाद से लिफ्ट एवं एक्सीलेटर के निर्माण, गुणवत्ता, सुरक्षा, सुविधाओं, स्थापना, संचालन और रखरखाव के लिए निर्धारित प्रासंगिक कोड और प्रक्रियाओं का पालन अनिवार्य होगा। लिफ्ट और एस्केलेटर स्थापित करने वाली कंपनी अथवा फर्म को दिन-प्रतिदिन के संचालन के दौरान आने वाली किसी भी तकनीकी खराबी को तुरंत दूर किए जाने का भी कानून में उल्लेख दिया गया है। उन्होंने बताया कि आपातकालीन स्थिति में लिफ्ट के भीतर फंसे यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए स्वामी को वर्ष में कम से कम दो बार मॉक ड्रिल अभ्यास किए जाने का भी हवाला दिया गया है। अधिनियम में स्वामी को बिजली आपूर्ति में किसी भी खराबी की स्थिति में अंदर फंसे यात्रियों को बचाने के लिए लिफ्ट या एस्केलेटर में स्वचालित बचाव युक्ति की स्थापना करनी अनिवार्य है। दुर्घटना होने पर स्वामी द्वारा वित्तीय क्षतिपूर्ति भी पीड़ित परिवार को प्रदान की जाएगी। लिफ्ट और एस्केलेटर की स्थापना एवं संचालन के संबंध में शिकायत मिलने पर स्वामी अथवा संबंधित एजेंसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान भी किया गया है।
जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने कहा कि कानून में इसका भी प्रावधान है कि इमारत के मालिक को लाइट जाने के बाद लिफ्ट में फंसे लोगों के बचाव के लिए ऑटोमेटिक रेस्क्यू सिस्टम लगाना होगा। इससे बिजली आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में लिफ्ट नजदीकी तल पर पहुंचे जाएगी। उसके दरवाजे अपने आप खुल जाएंगे। लिफ्ट में पर्याप्त रोशनी और अंदर फंसे लोगों से बाहर के लोगों की बातचीत की प्रणाली लगानी होगी। लिफ्ट में आपातकालीन घंटी होना अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार जनता के हकों के लिए दृढ़ संकल्पित है। उत्तर प्रदेश के साथ एनसीआर क्षेत्र में शहरीकरण का दौर बढ़ने से लिफ्ट और एस्केलेटर कानून लिए मील का पत्थर साबित होगा। इस सराहनीय कदम के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का आभारी हूं।