यूपी के ग्रामीण इलाकों में कोरोना को रोकने में 'ढाल' बनीं निगरानी समितियां

यूपी के ग्रामीण इलाकों में कोरोना को रोकने में ढाल बनीं निगरानी समितियां
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निगरानी समिति में लेखपाल, रोजगार सेवक, एनजीओ, एसएचजी, कोटेदार से लेकर सफाई कर्मचारी तक अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। निगरानी समितियां होम आइसोलेट मरीजों का हालचाल ले रही हैं।


लखनऊ: यूपी के ग्रामीण इलाकों में निगरानी समितियां बीमारी को रोकने के लिये ढाल बन गई हैं। गांव-गांव में कोरोना वायरस के खात्मे के लिये तिगुनी ताकत से आर-पार की लड़ाई में जुटी हैं। इसके लिये योगी सरकार के निर्देशों पर 60 हजार निगरानी समितियां दिन-रात मेहनत कर रही हैं।

'टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट' के मूलमंत्र पर समितियों के 4 लाख सदस्य प्रतिदिन एक-एक व्यक्ति के घर तक पहुंच रहे हैं। कोरोना की चेन तोड़ने में लगी निगरानी समितियों के सदस्यों ने पिछले तीन (09 से 12 मई) दिनों में जनपदों में 31937797 मकानों का भ्रमण किया है। जिनमें लक्षित मकानों की संख्या 33069010 पाई गई है। निगरानी समितियों ने कुल 374685 रोगियों तक मेडकिल किट पहुंचाने का काम किया है। जनपदों में ब्लाक तक क्रियाशील सचल कोविड टेस्ट टीमों ने 6081 पाजिटिव केसों की पुष्टि की है। टीमों ने कुल 257845 लोगों की कोविड जांच कराई गई। क्रीयाशील सचल कोविड टेस्ट टीम दिवसों की कुल संख्या 12976 रही।

कोरोना की चेन तोड़ने में लगी निगरानी समितियों के सदस्यों की ओर से परिवार के एक-एक सदस्य की जांच की जा रही है। बीमारी के लक्षण वाले लोगों को तत्काल इलाज दिलाया जा रहा है। मेडिकल किट से लेकर होमआईसोलेशन में रहने की गाईडलाइनों से परिचित कराया जा रहा है। जो घरों में आईसोलेट नहीं रह सकते हैं उनको गांव के ही विद्यालयों, सामुदायिक केन्द्रों व स्वास्थ्य केन्द्रों पर इलाज की मुफ्त सुविधाएं दी जा रही है।

गौरतलब है कि इतनी तेज रफ्तार से बीमारी की रोकथाम करने में जुटी योगी सरकार के शानदार कोविड प्रबंधन को दुनिया भर में प्रशंसा मिली है। सरकार के ग्रामीण इलाकों में कोरोना के माइक्रो मैनेजमेंट का डब्ल्यूएचओ भी कायल हो चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी अपनी वेबसाइट पर यूपी सरकार के कोविड प्रबंधन की खुल कर तारीफ की है।

होम आईसोलेट मरीजों का रोज लिया जा रहा टेलीकन्सल्टेशन से हालचाल

निगरानी समिति में लेखपाल, रोजगार सेवक, एनजीओ, एसएचजी, कोटेदार से लेकर सफाई कर्मचारी तक अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। निगरानी समितियां होम आइसोलेट मरीजों का हालचाल ले रही हैं। रोजाना टेलीकन्सल्टेशन के माध्यम से डॉक्टर इनकी स्वास्थ्य की जानकारी हासिल कर रहे हैं। सरकार के निर्देश पर दिक्कत होने पर गंभीर रोगियों को हायर मेडिकल फैसिलिटी भी उपलब्ध कराई जा रही है। कोरोना पर लगाम लगाने के लिये निगरानी समितियां बढ़ा हथियार बन कर सामने आई है।

प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में 60589 निगरानी समितयों के चार लाख से अधिक कोरोना के आगे दीवार बन कर खड़े हो गए है। ग्रामीण इलाकों में कोविड समेत अन्यन संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए योगी सरकार ने बड़े स्तैर पर स्वोच्छडता अभियान चला रखा है। राज्या में इस तरह का अभियान चलाने वाला यूपी देश का पहला राज्यड है। गौरतलब है कि कोरोना की पहली लहर के दौरान भी योगी सरकार के शानदार कोविड मैनेजमेंट की डब्यूज्यडएचओ समेत देश और दुनिया में जम कर तारीफ हुई थी।

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