सांसद चंद्रशेखर आजाद ने सदन में उठाई यूपी को चार भागों में बांटने की मांग, कहा- राज्य जितना छोटा होगा विकास उतना ज्यादा होगा

सांसद चंद्रशेखर आजाद ने सदन में उठाई यूपी को चार भागों में बांटने की मांग, कहा- राज्य जितना छोटा होगा विकास उतना ज्यादा होगा
आज मॉनसून सत्र के दौरान आजाद समाज पार्टी के एकलौते सांसद और मुखिया ने यूपी के बंटवारे की मांग की थी। उन्होंने सदन में कहा कि यूपी को चार भागों में बांट देना चाहिए। जिससे कि उसका विकास सही से हो सके।

आज सदन में नगीना लोकसभा सीट से सांसद एवं आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने यूपी के बंटवारें का मुद्दा उठाया था। उन्होंने सदन में केंद्र सरकार के सामने ये मांग की कि यूपी को चार भागों में बांट दिया जाए। साथ ही उन्होंने यूपी में मौजूदा सरकार को भी घेरा। उन्होंने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह से बीजेपी सरकार वहां काम कर रही है उससे विकास की रफ़्तार काफी धीमी हो गई है। इसीलिए यूपी के लिए यही अच्छा होगा कि उसे चार भागों में बांट दिया जाए। उन्होंने कहा राज्य जितना छोटा होगा विकास उतना जल्दी होगा।


चंद्रशेखर ने सदन में क्या कहा

सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि सदन में कहा कि उत्तर प्रदेश में 80 सांसद यहाँ पर जीत कर आएं हैं। आपको भी पता है कि यूपी की कुल आबादी 25 करोड़ है। वहां की मौजूदा सरकार 5 किलो राशन दे रही है जोकि एक परिवार के जीवन जीने के लिए काफी नहीं है। सांसद चंद्रशेखर ने कहा कि इज्जत की जिंदगी जीने के लिए और भी बुनियादी सुविधाओं की जरूरत पड़ती है। उसके लिए सरकार के पास कोई उपाय नहीं है। भाजपा सरकार की रफ़्तार विकास के मामले में यूपी में बहुत पीछे है। यूपी एक बहुत बड़ा राज्य बन चुका है जिसका विकास सिर्फ विभाजन से सही तरीके से हो सकता है।

बाबा साहेब की किताब का दिया हवाला

चंद्रशेखर आजाद ने आज केंद्र सरकार के सामने यूपी के विभाजन की बात करते हुए बाबा साहेब आंबेडकर की किताब का हवाला दिया। जिसमें उन्होंने कहा कि जो राज्य जितना छोटा होगा उसकी प्रगति उतनी ही अधिक होगी। वहां की जनता को उतना ही रोजगार मिलगा और परिवार पूरी तरह से संपन्न होंगे। इस बार बजट में भी यूपी को कुछ नहीं मिला जबकि यूपी एक बड़ा राज्य बन गया है। चंद्रशेखर ने आगे कहा कि हमें यूपी की बीजेपी सरकार की चिंता नहीं है, बल्कि यूपी की जनता की चिंता है, इसलिए सरकार से मांग है कि उत्तर प्रदेश को चार भागों में बांट दिया जाए।

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