झूठे आरोप लगा रहीं पत्‍नियां…समान कानून ही समाधान: सांसद डॉ.दिनेश शर्मा ने उठाई लिंग तटस्थ कानून बनाने की मांग तेज…

सांसद डॉ.दिनेश शर्मा ने उठाई लिंग तटस्थ कानून बनाने की मांग तेज…
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एनसीआरबी के हवाले से बताया कि आत्महत्या करने वालों में 72% पुरुष

लखनऊ/नई दिल्ली। भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ.दिनेश शर्मा ने सदन में लिंग तटस्थ कानून बनाए जाने की मांग उठाई है। उन्होंने संसद के उच्च सदन में अतुल सुभाष के मामले के आधार पर बताया कि किस तरह महिला सशक्तिकरण की अंधी दौड़ पुरुषों को काल के गाल में धकेल रही है। डॉ.शर्मा ने एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि पत्नियों के झूठे आरोपों के चलते पुरुषों में आत्महत्या की घटनाएं बड़ी तेजी से बढ़ रही हैं।

राज्यसभा में अतुल सुभाष की मौत पर चर्चा करते हुए भाजपा सांसद डॉ.दिनेश शर्मा ने घरेलू हिंसा कानून को जेंडर न्यूट्रल बनाने और झूठे आरोप पर लगाम लगाने की मांग उठाई। राज्यसभा में बेंगलुरु के एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की मौत का मामला चर्चा में रहा। अतुल ने बीवी की प्रताड़ना से तंग आकर जान दे दी थी। भाजपा सांसद डॉ.दिनेश शर्मा ने देश में इस तरह के मामले बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की। साथ ही कहा कि घरेलू हिंसा से जुड़े मामलों से जुड़े कानून को जेंडर न्यूट्रल बनाया जाना चाहिए। झूठे आरोप लगाने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

आंकड़ों कर रहे भयावहता की ओर इशारा : डॉ.शर्मा ने कहा कि मैं ऐसा मुद्दा उठा रहा हूं जो हमारे संविधान द्वारा दिए गए समानता के मूल में है। पुरुष और महिलाओं दोनों के लिए संतुलित कानून की जरूरत है। एनसीआरबी के 2022 में अपनी जान देने वाले 72 प्रतिशत पुरुष थे। एक लाख 25 हजार से ज्यादा पुरुष ने जान दी। महिलाओं की संख्या 47 हजार से ज्यादा है। साल 2014 से 2021 के बीच पुरुषों और महिलाओं के अनुपात में वृद्धि हुई है। इस दौरान 107.5 पुरुषों की मौत के पीछे का कारण पारिवारिक बताया है।

कानून को जेंडर न्यूट्रल बनाया जाए : सांसद ने कहा कि अतुल सुभाष का मामला बताता है कि झूठे आरोपों का सामना करने वाले पुरुषों के लिए समर्थन करने के लिए कानून नहीं है। भारतीय न्याय संहिता का धारा 85 जैसे प्रावधानों के दुरुपयोग भी बड़ी चिंता का विषय है। मैं मंत्री महोदय से चाहता हूं कि घरेलू हिंसा और उत्पीड़न से जुड़े कानूनों में जेंडर न्यूट्रल बनाया जाए। अगर सिस्टम की कमी के कारण एक शख्स भी जान दे देता है तो हमारे लिए आत्ममंथन का समय है। झूठे आरोप लगाने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की

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