राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने में उप्र की अग्रणी भूमिका : केंद्रीय शिक्षा मंत्री

राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने में उप्र की अग्रणी भूमिका : केंद्रीय शिक्षा मंत्री
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- केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने की यूपी के पांचों शिक्षा विभागों की समीक्षा

लखनऊ/वेब डेस्क। केंद्रीय शिक्षा मंत्री और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को यूपी के शिक्षा व्यवस्था की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने में भी अन्य राज्यों की तुलना में उप्र की भूमिका अग्रणी है। योजना भवन में प्रदेश के बेसिक, माध्यमिक, उच्च, तकनीकी एवं कौशल विकास यानि पांचों शिक्षा विभागों की समीक्षा के बाद धर्मेंद्र प्रधान ने पत्रकारों को बताया कि उप्र में शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक विकास हुआ है। उन्होंने बताया कि समीक्षा के दौरान कई ऐसे तथ्य मिले जिनके आधार पर पता लगा कि यहां पर तो लगातार शिक्षा के स्तर में सुधार हो रहा है।


केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक महत्वपूर्ण राज्य है। यहां के सुशासन का माॅडल ही पूरे देश के लिए नजीर बनता है। उन्होंने बताया कि इस प्रदेश में देश के 15 से 18 प्रतिशत विद्यार्थी हैं और इनकी संख्या करीब पांच करोड़ की है। उन्होंने कहा कि प्रसन्नता की बात यह है कि उप्र में शिक्षा देने के साथ स्किल डेवलपमेंट का भी काम किया है। प्रधान ने कहा कि उप्र में माध्यमिक शिक्षा स्तर पर छात्राओं की एनसीसी के प्रति रुझान एक अच्छा संकेत है। एनसीईआरटी के साथ सामंजस्य बनाकर छात्र-छात्राओं को सस्ते दर पर गुणात्मक पुस्तकें उपलब्ध कराने की प्रक्रिया की भी उन्होंने सराहना की।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मेधावी छात्र-छात्राओं के नाम जो गौरव पथ बनाने का काम हो रहा है, वह बहुत ही प्रेरणादायक है। इस योजना को उन्होंने पूरे देश में लागू करने की जरूरत बताई। पूर्व में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ शिक्षा के पांचों विभागों की समीक्षा की। इस दौरान प्रदेश के उप मुख्यमंत्री तथा माध्यमिक व उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री डा. दिनेश शर्मा, प्राविधिक शिक्षा मंत्री जितिन प्रसाद और बेसिक शिक्षा के स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री संतीश चंद्र द्विवेदी भी उपस्थित थे।

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