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राजभवन में मना प्रकाश उत्सव, मुख्यमंत्री ने कहा- देश व धर्म के लिए सिख गुरूओं ने बलिदान दिया
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री गुरू तेग बहादुर जी के प्रकाश उत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सिख गुरूओं ने देश व धर्म के लिए बलिदान दिया। गुरू गोविन्द सिंह के दोनों शाहबजादे काल की क्रूरता के समाने भी अपने मार्ग से विचलित नहीं हुए और देश के लिए अपने को बलिदान किया।
मुख्यमंत्री ने राजभवन में आयोजित श्री गुरू तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश उत्सव कार्यक्रम में कहा कि विगत वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीर बाल दिवस को पूरे देश में मान्यता दी। सिख गुरूओं के इतिहास से भारत की वर्तमान पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इतिहास को विस्मृत करके हम आगे नहीं बढ़ सकते। इतिहास के गौरवशाली क्षण हमें आगे बढ़ने में प्रेरणा देने का काम करते हैं। इसलिए इतिहास की गलतियों का परिमार्जन करना होगा।
योगी ने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर को स्वर्ण मंदिर युक्त करने का काम महाराजा रणजीत सिंह ने किया। एक विचारधारा वह थी जिसने काशी विश्वनाथ मंदिर को विध्वंस करने का काम किया था।मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम मंगल तक पहुंच रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ दुनिया काफी आगे बढ़ गई है, लेकिन याद रखना होगा कि इतिहास हमारा भी है। हम समाज अध्ययन से दूर नहीं रह सकते। यहां हो रहा कीर्तन हमको भक्ति के माध्यम से जोड़ता है। उत्तर प्रदेश की परंपरा समृद्ध है। गुरुनानक जी से लेकर गुरु तेग बहादुर, गुरु गोविंद सिंह जी के लिए किए गए कार्य ऐसे ही अनवरत जारी रहेंगे। योगी ने कहा कि देश धर्म व अपनी भाषा पर हमें गर्व करना चाहिए। गुरूद्वारे में लंगर की बहुत सुन्दर परम्परा है। यह सेवा के साथ समरसता का संदेश देता है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम हम कभी ननकाना साहेब में कर पाएंगे, क्या कभी काबुल में कर पाएंगे, मुश्किल है। वो स्थान अलग हो गया, लेकिन हमको अपनी संस्कृति को स्मरण करते हुए इस तरह के आयोजन करते रहना होगा। पंजाबी अकादमी द्वारा बताई जा रही गुरुमुखी भाषा सीखने के लिए कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए। यह हमारी संस्कृति रही है, इसे पाठ्यक्रमों में भी शामिल करना चाहिए।
राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया, प्रदेश सरकार के मंत्री बलदेव सिंह ओलख, अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सरदार परविन्दर सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित रहें।