उप्र विधानसभा चुनाव से पूर्व तीर्थराज प्रयाग पहुंचीं प्रियंका वाड्रा, भगवामय होने का प्रयास

उप्र विधानसभा चुनाव से पूर्व तीर्थराज प्रयाग पहुंचीं प्रियंका वाड्रा, भगवामय होने का प्रयास
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- धार्मिक अवसर पर स्नान करने पहुंचीं प्रियंका ने आनन्द भवन में ली कार्यकर्ताओ की बैठक

प्रयागराज/ओम प्रकाश परिहार। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा मौनी अमावस्या पर बृहस्पतिवार को प्रयागराज पहुंचीं। दिल्ली से विशेष विमान से प्रयागराज पहुंचीं प्रियंका गांधी वाड्रा एयरपोर्ट बमरौली से सीधे आनंद भवन गईं। वहां एनएसयूआई के सदस्य आनंद भवन के मुख्य द्वार पर उनका इंतजार कर रहे थे। कार्यकर्ताओं से मिलने के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा अंदर प्रवेश की। आनंद भवन परिसर में पहुंचकर प्रियंका भाव विभोर हो गईं। अपने बच्‍चों के साथ आई प्रियंका ने कभी गांधी परिवार का आवास रहे आनंद भवन में पुरखों को याद किया। उन्‍होंने देश के पहले प्रधानमंत्री और अपने परनाना जवाहर लाल नेहरू की स्‍मृतिका पर फूल चढ़ाकर उन्‍हें श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही पंडित मोतीलाल नेहरू और इंदिरा गांधी को भी नमन किया। वहां एक कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद उन्‍होंने स्वराज भवन ट्रस्ट से जुड़े कर्मचारियों से मुलाकात कर अनाथालय के बच्चों के बारे में जानकारी लीं। उन्होंने स्वराज भवन ट्रस्ट के संचालित अनाथालय में रहने वाले बच्चों के साथ भी कुछ समय बिताया।


इसी बीच भीड़ में से नैनी की सीमा सिंह ने जब आवाज दी तो प्रियंका सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए उसके पास पहुंच गईं और बातचीत करते हुए उसे अपने साथ अपनी गाड़ी तक ले आईं। सीमा सिंह बीटीसी द्वितीय वर्ष की छात्रा बताई गई। आनंद भवन से निकलकर प्रियंका गांधी वाड्रा का काफिला संगम तट पहंची। आनंद भवन से वह नैनी ओवरब्रिज होते हुए अरैल घाट पहुंचीं। वहां नाव से बीचोबीच जाकर उन्‍होंने संगम में डुबकी लगाई। नाव से ही उन्‍होंने माघ मेला क्षेत्र में प्रवेश किया। उनके साथ दिल्‍ली से कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्र मोना भी आई हैं। प्रयागराज पहुंचने पर प्रियंका गांधी की अगवानी वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने की।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने एयरपोर्ट पर प्रियंका गांधी का स्वागत बुके भेंटकर किया। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू समेत तमाम कांग्रेसियों ने एयरपोर्ट परिसर में प्रियंका का स्वागत किया। प्रियंका गांधी वाड्रा मौनी अमावस्या के पावन पर्व पर स्नान के लिए आनंद भवन से सीधे नैनी पुल से अरेल घाट पहुँची। नाव से प्रियंका संगम पहुंचीं और आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान उनके साथ बेटी और कांग्रेस के नेता मौजूद रहे। वापसी में प्रियंका ने नाव पर भी हाथ आजमाया। उन्होंने नाविक के साथ मिलकर कुछ दूर तक खुद नाव भी चलाई। प्रियंका के दौरे के दौरान एक अजब संयोग बना। प्रियंका गांधी जब नाव पर सवार होकर संगम जा रहीं थीं तो उसी वक्त योगी सरकार की तरफ से हेलीकॉप्टर के जरिए माघ मेले में मौजूद श्रद्धालुओं पर फूलों की बारिश हो रही थी। इस दौरान प्रियंका गांधी व उनके साथ आए लोगों पर भी फूलों की बारिश हुई।

मनकामेश्‍वर मंदिर पहुंचकर की दर्शन-पूजन : प्रियंका गांधी वाड्रा ने मनकामेश्‍वर मंदिर पहुंचकर पूजन-दर्शन किया। इसके बाद वे स्वरूपा नन्द सरस्वती से मिलकर आशीर्वाद प्राप्त किया। जानकारों के मुताबिक बताया जा 2001 में जब सोनिया गांधी आईं थीं तो मनकामेश्वर में मनौती मांगीं थीं। इसी दौरान गुजरात में कांग्रेस की सरकार बनी थी। कहा जा रहा है वह भी यहां मन्नत मांगने ही पहुँची है। इसे उत्तर-प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से जोड़कर देखा जा रहा है। कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी करीब दो साल बाद प्रयागराज आई हैं। वर्ष 2019 में दो बार प्रियंका का प्रयागराज आना हुआ था। 17 मार्च 2019 को प्रियंका ने प्रयागराज से जल यात्रा निकाली थी। संगम में हनुमान मंदिर में मत्था टेकने के बाद वह सड़क मार्ग से छतनाग होते हुए दुमदुमा घाट गई थीं। दुमदुमा घाट, कौडिहार तक गंगा के रास्ते स्टीमर से गई थी। उन्होंने पुलवामा में शहीद महेशराज यादव के परिजनों से मुलाकात भी की थी। इसके बाद वह गंगा के रास्ते कौड़िहार से सीतामढ़ी तक स्टीमर से गई थीं। इस दौरान प्रियंका ने युवाओं से मुलाकात भी की थी और संवाद में भी शिरकत की थी। एक गोष्ठी में भी प्रियंका शामिल हुई थी। इसके बाद 29 अप्रैल 2019 को प्रियंका का एक और प्रयागराज दौरा हुआ था। लोकसभा चुनाव के ठीक पहले अचानक बिना किसी पूर्व सूचना के प्रियंका कुछ बच्चों के साथ प्रयागराज आ गई थीं। यहां उन्होंने बच्चों को आनंद भवन के बारे में बताया और शाम को अमेठी रवाना हो गईं। यूपी की राजनीति में प्रवेश करने के बाद कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी ने मार्च 2017 में संगम से गंगा यात्रा शुरू की थी। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रियंका का यह कार्यक्रम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पूर्व में 1975 में इंदिरा गांधी तो 2001 में सोनिया गांधी मेला के दौरान संगम आईं थी।

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