सूबे में सत्रह लाख मीट्रिक टन से अधिक हो चुकी गेंहूं की खरीद

सूबे में सत्रह लाख मीट्रिक टन से अधिक हो चुकी गेंहूं की खरीद
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अब तक सत्रह लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है। यहीं नहीं गेहूं बेचने वाले किसानों को 2207.79 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है।

लखनऊ: कोरोना संक्रमण के प्रकोप के बीच सूबे में गेहूं खरीद की रफ्तार लगातार बढ़ रही है। अब तक सत्रह लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है। यहीं नहीं गेहूं बेचने वाले किसानों को 2207.79 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है। कोरोना प्रोटाकाल का पालन करते हुए गेहूं की हुई यह रिकार्ड खरीद है।

गेहूं खरीद के कार्य में लगे अधिकारियों के अनुसार, राज्य में अब तक 17,61,857.42 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो चुकी है, जबकि पिछले साल इसी समयावधि में 10, 04,178.12 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी। सूबे के 3,44,294 किसानों से 17,61,857.42 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है। खरीदे गए गेहूं की कुल मूल्य 3479.61 करोड़ रुपए हैं, जिसमें से किसानों को 2207.79 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया है। शेष बचे 1271.82 करोड़ रुपए का भुगतान भी गेहूं किसानों को करने की कार्यवाही की जा रही है।

अधिकारियों का अनुमान है कि इस बार राज्य में गेहूं खरीद का एक नया रिकार्ड बनेगा। इसकी वजह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गेहूं की बिक्री करने को लेकर किसानों को दी गई रियायतों को बताया जा रहा है।

गौरतलब है कि किसान बिचौलियों से बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने किसानों को किसी भी सरकारी क्रय केंद्र पर गेहूं बेचने छूट दी हुई है। इसके अलावा कोरोना संकट को देखते हुए इस बार खेत से 10 किलोमीटर के दायरे में गेहूं की खरीद का प्रबंध किया गया, क्रय केंद्रों पर भीड़ कम से कम हो इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू की गई। गेहूं खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए ई-पॉप मशीनों का इस्तेमाल किया गया। इस व्यवस्था से गेहूं खरीद में धांधली और गड़बड़ी की आशंका पूरी तरह से समाप्त हो गई।

किसानों को उनके अनाज के हर दाने का भुगतान उनके खातों में मिलें इसकी व्यवस्था की गई। इसके साथ ही सभी क्रय केंद्रों पर कोरोना से किसानों को बचाने के लिए कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने में सख्ती की जा रही। और सूबे में कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) को गेहूं खरीदने के लिए बढ़ावा दिया गया। अनाज खरीद प्रक्रिया में कृषक उत्पादक संगठनों को भी शामिल किए जाने से प्रदेश के 150 से अधिक गेहूं केंद्रों पर एफपीओ खरीद प्रक्रिया का हिस्सा बने।

एफपीओ के को गेहूं खरीद में शामिल होने तथा गेहूं की खरीद के लिए सरकार द्वारा किए प्रबंधों के चलते सूबे के किसानों ने सरकारी क्रय केंद्रों पर जाकर अपना गेहूं बेचने में रूचि दिखाई। और अब हर दिन गेहूं की खरीद का एक नया रिकार्ड बन रहा है।

प्रदेश सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,975 रुपये तय किया है। किसान इन मूल्य पर गेहूं बेचने ले लिए बड़ी संख्या में क्रय केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। किसानों के रुख को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि गेहूं खरीद के लिए तय किया गया लक्ष्य जल्दी ही पूरा हो जाएगा।

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