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एक माह में 11 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीद
लखनऊ: इस वर्ष उत्तर प्रदेश में एक माह में 11.31 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद करके दो लाख से अधिक किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाया है। प्रदेश सरकार ने 29 अप्रैल को एक दिन में 92530 मीट्रिक टन गेहूं की क्विंटल खरीद की जबकि पिछले सीजन में अधिकतम दैनिक खरीद 72000 मीट्रिक टन थी।कोविड-19 महामारी के बावजूद इस वर्ष खरीद शुरू होने के महज एक माह के भीतर ही इतने अधिक पैमाने पर गेहूं की खरीद की गई।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के आयुक्त मनीष चौहान ने जानकारी देते हुए कहा कि फसलों की खरीद में पहले के मुक़ाबले काफी तेजी से किसानों से अब तक कुल 2234 करोड़ रुपये की खरीद की जा चुकी है और 1433 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है। मनीष चौहान के अनुसार, विभिन्न एजेंसियों द्वारा अब तक 1,975 प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर यह खरीद की गई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पारदर्शिता के साथ फसलों की खरीद का सीधा भुगतान किसानों के बैंक खातों में किया गया।
अब तक, राज्य के विभिन्न जिलों के 219214 किसान लाभान्वित हुए हैं। कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच, मास्क के प्रयोग, शारीरिक दूरी, हाथ स्वच्छता, सैनिटाईजेशन और अन्य सावधानियों का ध्यान रखा जाता है। रबी फसल खरीदी वर्ष में न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत 1 अप्रैल, 2021 से किसानों से सीधे गेहूं की खरीद शुरू हुई। सरकार ने गेहूं का एमएसपी 1,925 रुपये से बढ़ाकर 2021-22 में 1,975 रुपये कर दिया है। भारी मात्रा में गेहूं खरीदा जा रहा है और खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है। किसानों को किसी समस्या का सामना न करना पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए कि योगी सरकार ने खाद्य और आपूर्ति विभाग, पीसीएफ, यूपीएसएस, यूपीपीसीयू, एसएफसी, मंडी परिषद और भारतीय खाद्य निगम सहित सात क्रय एजेंसियों को नामित किया है।
इसके अलावा, इस साल क्रय केंद्रों की संख्या 5000 से बढ़ाकर 6,000 कर दी गई है। इस वर्ष 1000 केन्द्रों को बढ़ाया गया है, ताकि किसी भी किसान को कोई समस्या न हो। किसानों से अधिक से अधिक अनाज खरीदने के साथ शारीरिक दूरी का पालन सुनिश्चित करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा क्रय केंद्रों की संख्या बढ़ाने का दूरदर्शी निर्णय लिया गया।
किसानों को कोरोनावायरस से संक्रामण से बचाने के लिए, हर केंद्र पर कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है। क्रय केन्द्रों पर बिना मास्क के किसी के भी आने जाने पर प्रतिबंध है। इस डेस्क के माध्यम से बिना मास्क के क्रय केन्द्रों पर आने वाले किसानों को मास्क वितरित किया जा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा रहा है। क्रय केंद्र पर कोरोनोवायरस के प्रसार पर नजर रखने के लिए हैंडवाश, पानी, सैनिटाइजर, थर्मामीटर और ऑक्सीमीटर की सुविधा भी प्रदान की गई है।
गौरतलब है कि महामारी के चरम पर होने के बीच सीएम योगी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे कि इस साल राज्य में किसी भी किसान को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए। पिछले साल कोरोना महामारी के प्रारम्भ में हुए लॉकडाउन के कारण फसलों की खरीद को काफी नुकसान हुआ था।
इस वर्ष जमीनी स्तर पर किसानों को अधिक से अधिक लाभान्वित करने के लिए सरकार द्वारा सभी स्टोरेज गोदामों और क्रय केंद्रों की जियो-टैगिंग, रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर लखनऊ के माध्यम से की गई है। साथ ही किसानों की सुविधा के लिए सरकार द्वारा कोविड प्रसार को रोकने के लिए ऑनलाइन टोकन की भी व्यवस्था की गई है।