सपा सांसद का विवादित बयान: राणा सांगा को गद्दार कहकर फंसे रामजी लाल सुमन...

राणा सांगा को गद्दार कहकर फंसे रामजी लाल सुमन...
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लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन के विवादित बयान ने उत्तर प्रदेश से लेकर पूरे देश की राजनीति को गरमा दिया है। संसद में अपने भाषण के दौरान उन्होंने महान योद्धा राणा सांगा को लेकर एक ऐसी टिप्पणी कर दी, जिस पर अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राजपूत समाज हमलावर हो गए हैं। बीजेपी ने इस बयान को राजपूत और हिंदू समाज का अपमान बताया है और सपा से देश से माफी मांगने की मांग की है।

रामजी लाल सुमन ने राज्यसभा में क्या कहा?

सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने राज्यसभा में बीजेपी नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी वाले अक्सर यह कहते हैं कि "मुसलमान बाबर की औलाद हैं।" इसके जवाब में उन्होंने कहा— "मैं जानना चाहूंगा कि बाबर को आखिर लाया कौन? इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को राणा सांगा लाया था। मुसलमान अगर बाबर की औलाद हैं तो तुम लोग उस गद्दार राणा सांगा की औलाद हो!"

रामजी लाल सुमन ने आगे यह भी कहा कि "भारत के मुसलमान बाबर को नहीं, बल्कि पैगंबर मोहम्मद और सूफी-संतों को अपना आदर्श मानते हैं।"

बीजेपी और राजपूत समाज भड़का, माफी की मांग

सपा सांसद की इस टिप्पणी के बाद बीजेपी ने इसे देश के महापुरुषों का अपमान बताया और पूरे देश से माफी की मांग की।

बीजेपी के पूर्व सांसद संजीव बालियान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' (पहले ट्विटर) पर लिखा—

"धिक्कार है! तुष्टिकरण की सभी हदें पार कर सपा नेता रामजी लाल सुमन ने संसद में 'महान वीर राणा सांगा' को गद्दार कह दिया। यह राजपूत समाज और समस्त हिंदू समाज का घोर अपमान है। सपा को इस शर्मनाक बयान पर पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।"

यूपी बीजेपी ने भी 'X' पर लिखा —

"सपा के नेता तुष्टिकरण की राजनीति में इतने डूब चुके हैं कि वे विदेशी आक्रांताओं का महिमामंडन करने के लिए भारतीय महापुरुषों को अपमानित करने में जरा भी परहेज नहीं करते। संसद में सपा सांसद की यह टिप्पणी बेहद शर्मनाक है। उन्हें अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।"

कौन थे राणा सांगा

राणा सांगा, जिनका पूरा नाम महाराणा संग्राम सिंह था, 16वीं सदी के मेवाड़ (वर्तमान राजस्थान, भारत) के एक प्रमुख राजपूत शासक थे। वे सिसोदिया वंश के राजा थे और 1508 से 1528 तक मेवाड़ पर शासन किया। राणा सांगा को उनकी वीरता, युद्ध कौशल और राजपूताना की एकता के प्रयासों के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपने शासनकाल में कई युद्ध लड़े, जिनमें सबसे प्रसिद्ध बाबर के खिलाफ खानवा का युद्ध (1527) था।

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