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समाजवादी पार्टी ने यूपी में उठाया नई राजनीति का मुद्दा, विधानसभा उपचुनाव में क्या होगा इससे फायदा?
यूपी में समाजवादी की पकड़ काफी समय से रही है। लेकिन लोकसभा का परिणाम आने के बाद जिस तरह से यूपी में समाजवादी पार्टी एक्टिव हुई है उसके बाद से यही कहा जा रहा है कि आने वाले उपचुनाव में इस पार्टी को काफी फायदा हो सकता है। समाजवादी पार्टी ने इस बार यूपी में ब्राह्मणों पर अपना दांव लगाया है। इसीलिए सदन में विपक्ष के नेता के तौर पर माता प्रसाद पांडेय को खड़ा किया गया है। पार्टी इस बार चुनाव में बहुत सूझ- बूझ कर मैदान में उतरेगी। कई विषेशज्ञों का ऐसा भी कहना है कि समाजवादी पार्टी को इससे काफी फायदा मिल सकता है।
सपा ने लगाया ब्राह्मणों पर दांव
जिस हिसाब से पहली बार समाजवादी पार्टी ने किसी सवर्ण जाती को सदन में नेता प्रतिपक्ष का नेता चुना है उसको देखकर ऐसा ही माना जा रहा है कि इस बार ब्राह्मण वोटों पर सपा पूरी नजर रखने वाली है। लोकसभा चुआव में सपा को ज्यादातर सीटें ब्राह्मण बहुल सीट से मिली है। जिसको मद्देनजर रखते हुए समाजवादी पार्टी अगले चुनाव में अपना दांव लगाएंगी। इसी बीच सपा ने ब्राह्मण नेता दिवंगत पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के लिए बन रहे चबूतरे को लेकर सोशल मीडिया पर एक नया मुद्दा उठाया है। इसके साथ पार्टी ने छोटे लोहिया के नाम से मशहूर पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष स्वर्गीय जनेश्वर मिश्र की जयंती मनाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में पार्टी ने सभी जिला व शहर इकाइयों को निर्देश दिए हैं।
सपा ने चला अपना नया दांव
यूपी में होने वाले उपचुनाव में सपा ब्राह्मण कार्ड खेलने वाली है। यह सपा के लिए एक तरह से ट्रायल होगा। अगर इस चुनाव में सपा को फायदा हुआ तो आगे आने वाले मुख्यमंत्री के चुनाव में वो इसी चाल के साथ आगे बढ़ेंगे। इसी बीच सपा की एक प्रवक्ता ने कहा कि बड़ी संख्या में सपा से ब्राह्मण जुड़े हैं। पूरे राज्य में ब्राह्मणों का शोषण और दमन हो रहा है। जगह-जगह हत्याएं हो रही हैं। सपा पीडीए में जितने पिछड़े को मौका दे रही है। उतने अगड़ों को भी। वह अपने फार्मूले पर कायम है।