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सपा के 75, रालोद के 59 फीसदी उम्मीदवार है दागी, योगेश वर्मा पर सर्वाधिक मुकदमें
लखनऊ। विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 11 जिलों की 58 सीटों पर 10 फरवरी को मतदान होगा। पहले चरण में कुल 623 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। सपा के 75 प्रतिशत और रालोद के 59 प्रतिशत प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं, बसपा के 34 प्रतिशत और भाजपा के 51 प्रतिशत उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
द एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने राज्य के 11 जिलों में 58 विधानसभा सीटों से राजनीतिक दलों के 615 उम्मीदवारों और निर्दलीय उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया। एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में पहले चरण की 58 सीटों पर हो रहे चुनाव में सपा के 75 प्रतिशत उम्मीदवारों पर आपराधिक मुकदमें हैं, वहीं रालोद ने 59 प्रतिशत आपराधिक छवि वालों को टिकट दिए हैं। एडीआर ने 615 प्रत्याशियों के हलफनामें के विश्लेषण के आधार पर पाया कि करीब एक चौथाई यानी 156 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
एडीआर की रिर्पोट के अनुसार 615 प्रत्याशियों में से 25 प्रतिशत प्रत्याशियों पर गंभीर आरोप हैं। पहले चरण के चुनाव में सपा में सबसे ज्यादा यानी 28 में से 21 प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। रालोद के 29 में से 17 प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 615 प्रत्याशियों में से 156 (करीब 25 प्रतिशत) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि 121 (करीब 20 प्रतिशत) के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
सपा के 28 प्रत्याशियों में से 21 (करीब 75 प्रतिशत), रालोद के 29 में से 17 (करीब 59 प्रतिशत), भाजपा के 57 में से 29 (करीब 51 प्रतिशत), कांग्रेस के 58 प्रत्याशियों में से 21 (करीब 36 प्रतिशत), बसपा के 56 में से 19 (करीब 34 प्रतिशत) और आम आदमी पार्टी के 52 प्रत्याशियों में से आठ (करीब 15 प्रतिशत) ने हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की जानकारी दी है। सबसे अधिक मुकदमें मेरठ के हस्तिनापुर विधानसभा क्षेत्र से सपा प्रत्याशी योगेश वर्मा पर है। उन पर गंभीर अपराध के 71 मामले दर्ज हैं, जिसमें हत्या के प्रयास की धाराएं भी हैं।