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सपा नेता गायत्री प्रजापति को सामूहिक दुष्कर्म केस में उम्र कैद, ये था मामला
लखनऊ। चित्रकूट की महिला से सामुहिक दुष्कर्म के मामले में एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने शुक्रवार देर शाम को पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत तीन दोषियों को आजीवन कारवास की सुनाई गई है। तीनों पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
इस मामले में कोर्ट 10 नवम्बर को प्रजापति और उनके दो साथियों को दोषी करार देते हुए फैसले को सुरक्षित कर लिया था। कहा था कि वह यह फैसला 12 नवम्बर को सुनायेंगे। वहीं, इस मामले के चार अन्य अभियुक्त गायत्री के गनर रहे चंद्रपाल, पीआरओ रुपेश्वर उर्फ रुपेश व एक वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी के बेटे विकास वर्मा तथा अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू को साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने बरी कर दिया गया था। शुक्रवार को तीनों अभियुक्त कोर्ट में मौजूद रहे।
चार साल पहले दर्ज हुआ था मुकदमा -
महिला से सामुहिक दुष्कर्म और उसकी बेटी को प्रताड़िक करने के मामले को सर्वोच्च न्यायलय ने संज्ञान लिया था। इसके बाद हरकत में आई लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति व अन्य छह अभियुक्तों के खिलाफ चार साल पहले 18 फरवरी 2017 को सामूहिक दुष्कर्म, जानमाल की धमकी व पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। मार्च 2017 में गायत्री समेत सभी आरोपितों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया था।
गौरतलब है कि, चित्रकूट की पीड़ित महिला ने गायत्री प्रजापति व उनके साथियों पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए नाबालिग बेटी के साथ भी दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दुष्कर्म पीड़िता की अर्जी पर कार्रवाई के लिए लखनऊ पुलिस को यह आदेश दिया था।