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मुख्यमंत्री योगी ने दिए निर्देश, प्रदेश को 2025 से पहले मिले गंगा एक्सप्रेस-वे
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को शासन के उच्चाधिकारियों के साथ विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की और समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश को पूरब से पश्चिम को जोड़ने वाला गंगा एक्सप्रेस-वे 2025 में होने वाले कुम्भ से पूर्व बन जाना चाहिए। प्रदेश का यह अब तक का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य में तेजी की अपेक्षा है। हमारा लक्ष्य है कि प्रयागराज कुंभ 2025 से पूर्व मेरठ से प्रयागराज तक का यह एक्सप्रेस-वे आमजनता के लिए उपलब्ध हो।उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 समाप्त होने वाला है। ऐसे में मुख्य सचिव स्तर से राजस्व संग्रह की स्थिति की समीक्षा की जाए। आमजन की सुविधा का ध्यान रखते हुए राजस्व में बढ़ोतरी के नवीन प्रयास किए जाएं। विभागों को आवंटित बजट का समुचित और समयबद्ध उपयोग सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्नाथ ने कहा कि स्वामित्व, घरौनी और वरासत जैसे कार्यक्रमों ने आम जनमानस को बड़ी सुविधा प्रदान करने में सफलता प्राप्त की है। इनकी स्थिति की समीक्षा की जाए। अब तक 60 लाख से अधिक ग्रामीणों को घरौनी प्रदान की जा चुकी है। ड्रोन सर्वेक्षण का कार्य भी पूरा हो चुका है। हमारा लक्ष्य हो कि इस वर्ष के अंत तक सभी पात्र ग्रामीणों को उनके घरों का मालिकाना हक देने वाला प्रमाण पत्र "घरौनी" मिल जाए।
स्कूल चलो अभियान में जनप्रतिनिधि होंगे शामिल
उन्होंने कहा कि सतत, समन्वित प्रयासों से बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में बच्चों के नामांकन में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। इस वर्ष आगामी एक अप्रैल से प्रदेशव्यापी 'स्कूल चलो अभियान' प्रारंभ किया जा रहा है। संचारी रोग अभियान की भांति इस स्कूल चलो अभियान में सांसद, विधायक, जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधान सहित हर जनप्रतिनिधि की सहभगिता सुनिश्चित की जाए।
ट्रैफिक जाम से निजात के लिए ठोस कार्ययोजना बने
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बड़े शहरों में ट्रैफिक जाम की समस्या है। इसके लिए ठोस कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश के किसी भी जनपद में अवैध टैक्सी स्टैंड, बस स्टैंड, रिक्शा स्टैंड संचालित न हों। ऐसे स्टैंड अवैध वसूली होने को बढ़ावा देते हैं। जहां कहीं भी ऐसी गतिविधियां संचालित हो रही हों, उन्हें तत्काल बंद कराया जाए। रेहड़ी-पटरी व्यवसायियों और वाहन पार्किंग स्टैंड के लिए स्थान चिन्हित हों। रास्ता जाम कर स्टैंड न बनाये जाएं।
औद्योगिक परियोजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए लैंडबैंक बड़ी आवश्यकता है। सभी विकास प्राधिकरणों को लैंडबैंक विस्तार के लिए मिशन मोड में काम करना होगा। प्रदेश के विकास की दृष्टि से उपयोगी औद्योगिक इकाइयों के लिए भूमि की कोई कमी नहीं है। राजस्व विभाग, औद्योगिक विकास विभाग और विकास प्राधिकरण समन्वय के साथ लैंडबैंक विस्तार के लिए कार्य करें।