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उप्र में चीनी मिलें किसानों को ऋण पर देंगी बीज,खाद, कीटनाशक, नहीं लेंगी कोई ब्याज
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की 72 निजी चीनी मिलों को गन्ने की खेती के लिए आवश्यक कृषि निवेश गन्ना बीज, कीटनाशक, खाद, मशीनरी आदि के ब्याज मुक्त वितरण की अनुमति सख्त प्रतिबंधों के साथ प्रदान की गई हैं ताकि चीनी मिलें अपने निहित लाभ के लिए इसका दुरुपयोग न कर सकें। साथ ही गन्ना किसानों को समय पर कृषि निवेशों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। इस ऋण की भरपाई चीनी मिलों किसानों को किए जाने वाले गन्ना मूल्य भुगतान से करेंगी।
दरअसल, यह जानकारी प्रदेश के गन्ना आयुक्त संजय आर.भूसरेड्डी ने दी है। उन्होंने बताया कि गन्ना किसानों को कृषि निवेशों का वितरण उनके वास्तविक गन्ना क्षेत्रफल के सापेक्ष अनुमन्य मात्रा तक सीमित होगा और किसानों की आवश्यकता के अनुरूप ही दिया जाएगा। चीनी मिलों द्वारा व्यावसायिक गतिविधि के रूप में कोई लक्ष्य निर्धारित कर किसी किसान को बिना उसकी सहमति एवं आवश्यकता के कृषि निवेशों का वितरण नहीं किया जाएगा।
बता दें कि गन्ना आयुक्त ने निर्देश दिए हैं कि कृषि निवेशों पर राज्य सरकार व केन्द्र सरकार को देय करों के भुगतान का दायित्व निवेश वितरित करने वाली चीनी मिल का होगा। अगर कहीं यह पाया गया कि देय करों को नियमानुसार राजकोष में जमा नहीं किया गया है तो इसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व सम्बन्धित चीनी मिल का निर्धारित कर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
एग्री इनपुट के वितरण एवं गन्ना मूल्य से उसके समायोजन की अनुमति प्राप्त करने वाली चीनी मिलों को पांच लाख रुपये की बैंक गारंटी भी देनी होगी, यदि चीनी मिलों द्वारा उक्त सुविधा का दुरुपयोग किया जाता है या कृषि निवेशों के मूल्य की वसूली अन्तिम पर्चियों से न करके अन्य प्रकार की जाती है, तो बैंक गारंटी को जब्त कर लिया जाएगा और कृषि निवेशों के वितरण की अनुमति भी वापस ले ली जाएगी।