अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई पर अब होगा कड़ा पहरा, कंट्रोल रूम से रखी जायेगी नजर

अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई पर अब होगा कड़ा पहरा, कंट्रोल रूम से रखी जायेगी नजर
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उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में ऑक्सीजन की सप्लाई करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश में कंट्रोल रूम शुरू किया गया है। यह पूरे चौबीसों घंटे काम करेगा।

लखनऊ: कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते यूपी के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी सामने आ रही है। इस कमी को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। इस कंट्रोल रूम से ऑक्सीजन सप्लाई पर नजर रखी जाएगी। इसके अलावा किसी भी प्रकार की जरूरत का तत्काल समाधान किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में ऑक्सीजन की सप्लाई करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश में कंट्रोल रूम शुरू किया गया है। यह पूरे चौबीसों घंटे काम करेगा। कंट्रोल रूम से प्रत्येक जिले को ऑक्सीजन की व्यवस्था की जा रही है।

उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि पूरे राज्य में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए एक नियंत्रण कक्ष शुरू किया गया। खाद्य एवं औषधि विभाग, परिवहन विभाग, चिकित्सा विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, गृह विभाग और पुलिस विभाग के अधिकारी काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत सरकार से मंगलवार को पांच नए बड़े टैंकर उपलब्ध कराए गए हैं। लगभग 70 मीट्रिक टन के ये टैंकर बंगाल में एयर फोर्स बेस पर लैंड करा दिए गए हैं।

अवनीश अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति हर दिन बेहतर करने का प्रयास किए जा रहें हैं। मंगलवार को लगभग 630 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई है। इससे एक दिवस पूर्व लगभग 530 मीट्रिक टन ऑक्सीजन विभिन्न अस्पतालों को उपलब्ध कराया गया था।

अवनीश अवस्थी ने बताया कि आगरा एयरफोर्स की सहायता से रांची से ऑक्सीजन की आपूर्ति कराई जा रही है। आपूर्ति के लिए टैंकरों की संख्या भी बढ़ी है। 64 टैंकर इसी कार्य में लगाये गए हैं। इसके अलावा, 20 टैंकर विभिन्न जिलों में सीधे अस्पतालों को आपूर्ति कर रहे हैं। भारत सरकार से भी आठ नए टैंकर मिल रहे हैं। इसके अलावा जमशेदपुर से ऑक्सीजन की आपूर्ति कराई जा रही है। सभी ऑक्सीजन टैंकर जीपीएस से लैस हैं। उनकी लाइव मॉनिटरिंग की जा रही है। ऑक्सीजन ऑडिट का काम भी तेजी से किया जा रहा है।

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