उप्र में श्रमिकों की बस पर रस्साकशी जारी

उप्र में श्रमिकों की बस पर रस्साकशी जारी
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चेहरा बचाने की कवायद में जुटी कांग्रेस

लखनऊ, ब्यूरो। मजदूरों को ढ़ाल बनाकर उत्तर प्रदेश में अपनी राजनीति चमकाने वाली कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा बस राजनीति से किनारा करने को तैयार नहीं हैं। बसों के नाटक से झूट का पर्दा उठने के बावजूद वे अभी भी बसों पर सियासी घमासान मचाए हुए हैं। प्रियंका वाड्रा का कहना है कि सरकार अनुमति दें, तत्काल हम बस चलवा देंगे। और अगर अनुमति मिल गई होती तो अब तक 92,000 लोग अपने घर पहुंच गए होते। जबकि उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि खस्ताहाल बसों के सहारे श्रमिकों के जीवन के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। फिलहाल इन बसों की सम्मानजनक वापसी कराई जा रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुताबिक प्रवासी कामगारों व श्रमिकों की सम्मानजनक व सुरक्षित वापसी के लिए केन्द्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार ने निःशुल्क ट्रेन तथा बस की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रवासी कामगार श्रमिक स्वयं व परिवार के हितों को ध्यान में रखते हुए पैदल अथवा अवैध एवं असुरक्षित वाहनों से यात्रा न करें। उनकी सकुशल व सुरक्षित यात्रा के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार ने सभी प्रबन्ध किये हैं। उन्होंने आज बताया कि अब तक प्रदेश में 838 श्रमिक एक्सप्रेस से 14 लाख से अधिक प्रवासी कामगार श्रमिक पहुंचे हैं। अगले दो दिन में 206 ट्रेने और आएंगी। इस प्रकार 1,044 ट्रेनों की व्यवस्था कर दी गई है।

इस रस्साकशी के बीच प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने बुधवार को फिर कहा कि कांग्रेस ने जिन 1000 बसों की सूची भेजी है, उनमें 297 बसों की फिटनेस नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि क्या हम अनफिट बस चला कर श्रमिको के साथ खिलवाड़ कर सकते है। शर्मा के मुताबिक 68 बसों के कागज ही नहीं है। श्री शर्मा का कहना है कि कांग्रेस को लोगों से इतनी ही लगाव है तो कोटा में जो बच्चे फंसे थे उनके लिए क्यों नही कोई व्यस्वस्था की। उन्हें केवल बॉर्डर तक ही भेज देते। मुख्यमंत्री योगी ने 630 बसों की मदद से बच्चों को लाये थे। कांग्रेस को इसके लिए माफी मांगना चाहिए। उनका कहना है कि जान कर सरकार का समय बर्बाद करने के लिए ऐसा किया गया है।

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