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कोरोना से लड़ाई जीतने के लिये यूपी सरकार ने दी लखनऊ को बड़ी राहत
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिये राजधानी लखनऊ में रहने वाले लोगों को बड़ी राहत दी है। सरकार की तरफ से गोल्डेन ब्लॉसम होटल और हज हाउस में इलाज के लिये 2100 बेडों की व्वयस्था की जा रही है। जिससे बीमारी से ग्रसित लोगों को इलाज की तत्काल सुविधा मिलेगी।
सरकार की मदद के लिये डीआरडीओ की टीम भी जमीन पर उतर चुकी है। उसकी ओर से लखनऊ के चारों कोनों पर 500 से 600 बेड वाले अस्पताल संचालित किए जाऐंगे। दिल्ली से डॉक्टरों की विशेष टीम भी लखनऊ के लिये रवाना हो चुकी है जो गंभीर मरीजों को इलाज मुहैया कराएगी।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पहले ही निर्देश दे चुके हैं कि अस्पताल प्रशासन को किसी प्रकार की जरूरत हो तो वह तत्काल शासन को पूरी जानकारी दे। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मरीजों के बेहतर इलाज देने के लिये पूरी मुस्तैदी से काम शुरू कर दिया गया है।
उन्होंने संसाधनों की आवश्यकता के लिये भारत सरकार को भी जानकारी दी है। जिसके बाद से बीमारी से रोकथाम की व्यवस्था को और मजबूती मिली है। केन्द्र सरकार की ओर से बीमारी की रोकथाम के लिये विशेष इतजाम उत्तर प्रदेश के लिये किये जा रहे हैं।
लखनऊ के चारों कोनों में बनेंगे 500 से 600 बेड वाले कोविड अस्पताल बनेंगे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर अब डीआरडीओ भी कोरोना की जंग जीतने में सरकार के साथ नजर आएगा। बहुत जल्द ही डीआरडीओ की टीम लखनऊ पहुंचकर यहां विभिन्न स्थलों पर 500 से 600 बेड वाले अस्पतालों का संचालन शुरू करने जा रहा है। कोविड अस्पताल के रूप में काम करने वाले इन अस्पतालों में मिशन मोड पर काम किया जाएगा।
दिल्ली से मंगाए जा रहे अतिरिक्त वेंटिलेटर
राजधानी लखनऊ में कोरोना के बढ़ते मामलों पर नियंत्रण पाने के लिये दिल्ली से अतरिक्त वेंटिलेटर मंगाए गये हैं। सरकार का उद्देश्य प्रत्येक मरीज को इलाज और उसकी जिंदगी को बचाना है। मरीजों के इलाज के लिये डॉक्टरों की टीम भी लखनऊ आने के लिये रवाना हो चुकी है।
केजीएमयू और बलरामपुर अस्पताल में कोविड मरीजों का इलाज शुरू
कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिये प्रतिबद्ध उत्तर प्रदेश ने केजीएमयू और बलरामपुर हॉस्पिटल को पूरी तरह से 'डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल' बनाकर वहां इलाज देना शुरू कर दिया है। इन डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटलों में आइसोलेशन बेड, वेंटिलेटर, बाइपैप मशीन और एचएफएनसी मशीन की अतिरिक्त सुविधा मरीजों को उपलब्ध कराई जा रही है।
विभिन्न जनपदों से आने वाले मरीजों की विशेष देखरेख शुरू
राजधानी लखनऊ में अन्य जनपदों से आने वाले मरीजों के इलाज के लिये विशेष व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने इसके लिये अतिरिक्त मानव संसाधन की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने के लिये कहा है। उन्होंने सख्त निर्देश दिये हैं कि मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं दी जाएं। शिकायत मिलने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी करवाई की भी चेतावनी जारी की है। राजधानी लखनऊ में सुविधाओं में इजाफा करते हुए कोविड प्रोटोकॉल का पूरा पालन करते हुए मरीजों का इलाज शुरू हो गया है।
इंटीग्रल और हिन्द मेडिकल कॉलेज भी 'डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल' के रूप में करने लगे काम
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में टीएस मिश्र हॉस्पिटल, इंटीग्रल और हिन्द मेडिकल कॉलेजों को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के रूप में क्षमता विस्तार किए जाने के निर्देश दिये थे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इन अस्पतालों में भी कोविड के मरीजों का इलाज किया जाना शुरू हो चुका है।
रेमिडीसीवीर और ऑक्सीजन की कमी होने पर कार्रवाई की चेतावनी दी
मुख्यमंत्री ने कोविड से बचाव के लिए उपयोगी रेमिडीसीवीर और ऑक्सीजन की कमी नहीं होने देने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि इनकी कमी होने पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मुख्य सचिव कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय से प्रतिदिन इसकी समीक्षा करने को कहा है। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश के किसी भी जनपद के किसी भी अस्पताल में इन आवश्यक चीजों का अभाव न हो। उन्होंने कड़े निर्देश देते हुए कहा है कि सभी जनपदों में कोविड मरीजों के लिए बेड तथा ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। हर दिन इस स्थिति की जनपदवार समीक्षा की जाए। यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक जनपद में कोविड बेड, दवाओं, मेडिकल उपकरणों तथा ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे।
कर्फ्यू का समय बढ़ने और व्यापारियों के सरकार के सहयोग में आने से बदला माहौल
कोरोना के बढ़ते मामलों की रोकथाम के लिये उत्तर प्रदेश की सरकार ने उत्तर प्रदेश के दस जनपदों में रात्रि कर्फ्यू में जहां दो घंटे का इजाफा किया है। वहीं सरकार की पहल को देखते हुए उत्तर प्रदेश के व्यापारी भी आगे आए हैं। उन्होंने सरकार का सहयोग करते हुए स्वयं से बाजारों को बंद करने का निर्णय लिया है। जिससे बीमारी के फैलने पर रोक लगेगी और कोरोना के खिलाफ जंग जीतने में बड़ी सफलता हासिल होगी।