स्मार्ट मीटर योजना: ऊर्जा बचत के दूत बन रहे हैं यूपी के विधायक

ऊर्जा बचत के दूत बन रहे हैं यूपी के विधायक
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केंद्र की महत्वाकांक्षी रीवॅम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम ने उद्देश्य को किया सार्थक

लखनऊ। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी रीवॅम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम ने एक बार फिर अपने उद्देश्य को सार्थक किया है। आम जनता के मन में इस योजना के प्रति और अधिक विश्वास पैदा हो इसके लिए जनप्रतिनिधि भी आगे आने लगे हैं।

हाल ही में मुरादनगर से विधायक अजितपाल त्यागी समेत कई निगम पार्षदों ने अपने घरों में स्मार्ट मीटर लगवाए थे। वहीं इस योजना को आगे बढ़ाते हुए लखनऊ पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक ओपी श्रीवास्तव ने भी अपने आवास पर स्मार्ट मीटर लगवाया है।

सरकार का यह कदम बता रहा है कि यूपी के जनप्रतिनिधियों को अब समाज में ऊर्जा बचत और पारदर्शिता के दूत के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। यूपी सरकार ने स्मार्ट मीटर को लेकर आम जनता में फैली भ्रांतियों को तोड़ने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सबसे पहले जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों के आवासों पर इस आधुनिक तकनीक को इंस्टॉल किया जा रहा है।

सरकार का उद्देश्य है कि विधायक, सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष और अन्य प्रमुख पदों पर बैठे लोग खुद इस बदलाव को अपनाएं, ताकि वे जनता के लिए प्रेरणा बनें।

समाज में जागरूकता फैलाने का माध्यम है यह कदम : जनप्रतिनिधियों के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का उद्देश्य केवल सुविधा प्रदान करना नहीं, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाना है। ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह कदम जनता में स्मार्ट मीटर को लेकर विश्वास बढ़ाएगा और लोग इसे अपनाने के लिए प्रेरित होंगे।

क्या कहते हैं विधायक ओपी श्रीवास्तव : लखनऊ पूर्वी विधानसभा से विधायक ओपी श्रीवास्तव ने कहा कि मैं भी उपभोक्ता हूं। इस तकनीक ने मेरी दिनचर्या को और आसान बना दिया है। स्मार्ट मीटर केवल उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए नहीं, बल्कि ऊर्जा के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए भी अहम है। मुझे गर्व है कि मैं इस बदलाव का हिस्सा बना हूं।

विधायक अजीत पाल त्यागी ने बताया : मुरादनगर से विधायक अजीत पाल त्यागी ने कहा कि यह सरकार की महत्वपूर्ण योजना है, जो जनहितैषी है। इस मीटर के द्वारा जो रीडिंग आएगी, वह एकदम सही आएगी। पुराने मीटर में गलत रीडिंग की वजह से जो समस्याएं आती थीं, वह अब नहीं आएंगी। मैं सभी से अपने घरों में स्मार्ट मीटर लगवाने का आग्रह करता हूं।

यह है भविष्य की तैयारी, 'हर घर स्मार्ट मीटर' : स्मार्ट मीटर योजना में जुटे विभागीय अधिकारी बताते हैं कि सरकार का लक्ष्य है कि जल्द ही प्रदेश के हर घर में स्मार्ट मीटर लग जाए। यह योजना न केवल बिजली वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाएगी, बल्कि बिजली चोरी और गलत बिलिंग जैसी समस्याओं को भी समाप्त करेगी। स्मार्ट मीटर का हर घर में इंस्टॉल होना तकनीकी विकास का हिस्सा है और यह एक नई सोच की शुरुआत भी है। सरकार का यह कदम बताता है कि यदि जनप्रतिनिधि खुद बदलाव को अपनाते हैं, तो समाज भी उसे सकारात्मक रूप से अपनाएगा।

'स्मार्ट भारत' की ओर कदम : जनप्रतिनिधियों के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने के संदेश से यह स्पष्ट है कि यह तकनीक सिर्फ आम जनता के लिए नहीं, बल्कि हर वर्ग के लिए उपयोगी है। यह पहल ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा और 'स्मार्ट भारत' के सपने को साकार करने वाली भी है।

समय की मांग है स्मार्ट मीटर

  • स्मार्ट मीटर केवल तकनीकी उन्नति का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह बिजली खपत और बचत में एक क्रांतिकारी बदलाव लाता है।
  • रियल टाइम मॉनिटरिंग की जा सकती है। उपभोक्ता अपनी खपत को देख सकते हैं और उसे अपनी जरूरत के हिसाब से नियंत्रित भी कर सकते हैं।
  • गलत बिलिंग से छुटकारा भी मिलता है। क्योंकि, मीटर रीडिंग में मानवीय भूल की गुंजाइश नहीं रहती है।
  • इसमें ऊर्जा बचत होती है। यह बिजली चोरी को रोकता है और अधिक खपत पर अलर्ट देता है।
  • ऑनलाइन सुविधाएं भी हैं। बिल भुगतान और खपत की जानकारी सीधे मोबाइल पर उपलब्ध है।
  • यह पर्यावरण हितैषी है। ऊर्जा की बचत कर यह पर्यावरण संरक्षण में योगदान देता है।
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