प्रदेश में रोजाना सवा तीन लाख से साढ़े 3 लाख हो रहे कोरोना के टेस्ट

प्रदेश में रोजाना सवा तीन लाख से साढ़े 3 लाख हो रहे कोरोना के टेस्ट
कोरोना संक्रमण की अधिक से अधिक जांच आरटीपीआर के जरिए की जाए इसको लेकर योगी सरकार प्रतिबद्ध है। इसका ही परिणाम है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में रोजाना सवा तीन लाख से साढ़े 03 लाख टेस्ट किए जा रहे हैं।

लखनऊ: प्रदेश में कोरोना संक्रमण की अधिक से अधिक जांच आरटीपीआर के जरिए की जाए इसको लेकर योगी सरकार प्रतिबद्ध है। इसका ही परिणाम है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में रोजाना सवा तीन लाख से साढ़े 03 लाख टेस्ट किए जा रहे हैं।

ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के अनुरूप योगी सरकार की नीति के सफल परिणाम देखने को मिल रहे हैं। बता दें कि बीते तीन घंटे में 58 लाख 704 टेस्ट हुए, इसमें 1.47 लाख सैम्पल आरटीपीसीआर माध्यम से जांचे गए। उत्तर प्रदेश सर्वाधिक कोविड टेस्ट करने वाला राज्य है। अब तक प्रदेश में चार करोड़ 84 लाख 26 हजार 572 सैम्पल की टेस्टिंग की जा चुकी है।

दो जिलों में एक भी कोरोना का केस नहीं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साधी नीति के सफल परिणाम का असर है कि प्रदेश के दो जिलों में कोई केस नहीं है। इसके साथ ही16 जिलों में सिंगल डिजिट में केस हैं, जबकि 53 जिलों में डबल डिजिट में केस हैं। प्रदेश में संक्रमण की दर में। तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है। एक और जहां नए कोविड केस में लगातार कमी आ रही है वहीं स्वस्थ होकर डिस्चार्ज होने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बीते माह 30 अप्रैल को प्रदेश में 03 लाख 10 हजार एक्टिव कोविड केस थे, यह कोविड काल में अब तक का पीक था। इसके सापेक्ष आज 52,244 एक्टिव केस हैं। जबकि 16 लाख 13 हजार प्रदेशवासी कोविड से लड़ाई में जीत प्राप्त कर ली है।

प्रदेश का पॉजिटिविटी दर बढ़कर 95.7% पहुंचा

कोरिया के खिलाफ मजबूत राजनीति बनाकर काम करने वाली योगी सरकार के अहम निर्णयों का ही परिणाम है कि प्रदेश का पॉजिटिविटी दर बढ़कर 95.7% पहुंचा है। देश में सबसे ज्यादा कोविड टेस्ट करने वाले उत्तर प्रदेश की पॉजिटिविटी रेट बीते 24 घंटो में मात्र 0.7 फीसदी पाई गई है।

निगरानी समितियां कर रही कड़ी निगरानी

प्रदेश में पब्लिक एड्रेस सिस्टम द्वारा व्यापक स्तर पर कोविड-19 से बचाव के बारे में लोगों को निरन्तर जागरूक किया जा रहा है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में तथा नगरीय क्षेत्रों में निगरानी समितियां क्रियाशील हैं। ये निगरानी समितियां लोगों को जागरूक करने संग समय रहते जांच और उपचार के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही हैं।

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