मुम्बई में बैठकर संसदीय क्षेत्र के लोगों के दुख दर्द की चिंता कर रही हैं हेमा

मुम्बई में बैठकर संसदीय क्षेत्र के लोगों के दुख दर्द की चिंता कर रही हैं हेमा
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-विभिन्न प्रांतों में फंसे मथुरा के लोगों को घर पहुंचाने के लिये महाराष्ट्र के राज्यपाल से मिलीं सांसद -वर्तमान हालातों पर सांसद की बेरूखी से जनपदवासी खासे नाराज


मथुरा। जनपदीय सीट मथुरा से लोकसभा सदस्य एवं सिने अभिनेत्री हेमा मालिनी आजकल मुम्बई में अपने आवास पर लाॅकडाउन का पालन कर रही हैं। विगत दिनों सांसद हेमा मालिनी ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से एक मुलाकात में देश के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ विदेशों में फंसे मथुरा के लोगों के बारे में चर्चा करते हुए चिंता व्यक्त की लेकिन अपने संसदीय क्षेत्र की वर्तमान में हो रही दयनीय स्थिति पर उनका कोई ध्यान नहीं है।

महाराष्ट्र की आर्थिक राजधानी मुंबई के अलावा अन्य स्थानों पर मथुरा के तमाम नौकरी पेशा लोगों के अलावा उद्यमी लाॅकडाउन के चलते फंसे पड़े हैं। ऐसा ही कुछ हाल मथुरा में है। तमाम लोग ऐसे हैं जिनका आधा परिवार महाराष्ट्र या अन्य प्रदेशों में फंसा हुआ है तो कुछ परिवारजन मथुरा में फंसे पड़े हैं।

अब सवाल यह उठता है कि सांसद होने के नाते उन्होंने मथुरा की जनता की समस्या को महाराष्ट्र के राज्यपाल के समक्ष उठाया वहां तक तो ठीक है लेकिन वर्तमान में मथुरा की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था, नगर निगम की मनमानी, प्रशासन की हठधर्मिता आदि से जुड़े तमाम ऐसे प्रश्न अभी अनसुलझे हैं जिनका सवाल जवाब सांसद बखूबी कर सकती थी। मथुरा के मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में विशेषकर सील्ड एरिया में रहने वालों की परेशानी और मजबूरी को सुनने वाला कोई नहीं है, निगम पार्षद अव्यवस्था को लेकर जहां चिल्ला रहे हैं वहीं जनता भी तमाम समस्याओं को गिना रही है लेकिन सांसद महोदया का ध्यान इन समस्याओं पर नहीं है।

सांसद हेमा मालिनी यदि आम जनता की हित रक्षक हैं तो उन्हें वास्तव में जनता से सीधे संवाद स्थापित करना था और सोशल साइट ग्रुपों पर जुड़ कर समस्याओं और शिकायतों पर निगाह रखनी थी। ऐसे में उनको मीडिया से जुड़े लोगों से सीधा संवाद स्थापित करना चाहिए था। सक्षम प्रशासनिक अधिकारियों से की जाने वाली बात को आॅडियो-वीडियो के माध्यम से जनता के समक्ष रखना था। ताकि समस्याओं का समाधान हो सके। मुंबई में बैठकर केवल बयान जारी कर देने भर से समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा।

सांसद प्रतिनिधियों को जनता में जाकर उनसे सीधे संवाद स्थापित कर मौके पर ही समस्याओं के समाधान का प्रयास करना चाहिए। नागरिकों की चिकित्सा, स्वास्थ्य के अलावा खाद्यान्न आदि से जुड़ी समस्याओं को जनसंवाद के माध्यम से जनता के सामने ही शासन-प्रशासन तक पहुंचा कर मध्यस्थता की भूमिका अदा करते हुए उनका समाधान करना था। ताकि सांसद के क्षेत्र के मतदाताओं को संतुष्टि और सुविधा हासिल हो सके, फिलहाल सांसद लाॅक डाउन के घोषणा के समय से पहले ही मुंबई में हैं, यदि वह मथुरा में होती तो निश्चित ही लोगों को काफी बड़ी राहत मिलती।

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