पुष्टिमार्गीय द्वारिकाधीश मंदिर में मनाया रथयात्रा महोत्सव, ये है मान्यता

पुष्टिमार्गीय द्वारिकाधीश मंदिर में मनाया रथयात्रा महोत्सव, ये है मान्यता
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मथुरा। मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण बड़े भाई बलराम और सुभद्रा के साथ रथ में विराजमान होकर जगन्नाथपुरी भ्रमण करते हैं। उसी मान्यता के अनुसार पुष्टिमार्ग संप्रदाय के सभी मंदिरों में रथयात्रा का उत्सव मनाया जाता है और घोड़ों के रथ पर विराजमान होकर भगवान भ्रमण करते हैं। मथुरा में विश्व प्रसिद्ध ठाकुर द्वारिकाधीश मंदिर रथयात्रा महोत्सव श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। प्रात काल समयानुसार सुबह 10 बजे मंदिर के पट खुले। भगवान द्वारिकाधीश को विशेष श्रृंगार के साथ सुंदर वस्त्र धारण कराए गए। महोत्सव के अंतर्गत रथयात्रा महोत्सव में ठाकुरजी के श्री विग्रह को सुजज्जित रथ में विराजमान कराया गया। इसके बाद ठाकुरजी के श्री विग्रहों के मंदिर के जगमोहन में रथ में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दिए।

ठाकुर जी को आम जामुन का विशेष प्रसाद निवेदित किया गया। साथ ही घोड़ों को खिलाने के रूप में चने की दाल का भोग लगाया जाता है। प्रात 10 बजे रथ यात्रा की पहली झांकी खुली, उसके बाद दूसरी तीसरी झांकी। वहीं भक्तों को शयन के दर्शन छह से सात बजे तक होते थे वह बुधवार को 4.30 बजे से पांच बजे तक होकर पट बंद हो गए।

मंदिर के विधि एवं मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी एडवोकेट ने बताया कि मंदिर के गोस्वामी बृजेश कुमार महाराज व ड. वागीश कुमार महाराज के निर्देशानुसार मंदिर में आज रथ यात्रा का कार्यक्रम संपन्न हुआ। कोविड-19 में भारत सरकार की गाइडलाइन की वजह से बहुत ही सूक्ष्म रूप में मनाया गया। मंदिर में 5-5 के दल में श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया गया। श्रद्धालु मास्क लगाकर मंदिर में प्रवेश करते दिखे।

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