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राजा मानसिंह हत्याकांड के 11 दोषी पुलिसकर्मियों को मिलेगी सजा
राजा मानसिंह (फाइल फोटो)
मथुरा। भरतपुर के बहुचर्चित राजा मानसिंह और उनके दो साथियों की हत्या के 35 साल पुराने मामले में 11 पुलिसकर्मियों को मथुरा जिला न्यायालय ने मंगलवार को दोषी करार दिया। जबकि तीन पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया गया। दोषियों की सजा पर फैसला अदालत बुधवार को करेगी। मथुरा पुलिस ने दोषी पुलिसकर्मियों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है। इस मामले में 18 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। एक आरोपी पहले ही बरी हो चुका है, जबकि तीन की मौत हो चुकी है।
ये घटना 21 फरवरी 1985 की है। उस वक्त राजस्थान में चुनावी माहौल था। डीग विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय उम्मीदवार राजा मान सिंह अपनी जोंगा जीप लेकर चुनाव प्रचार के लिए लाल कुंडा के चुनाव कार्यालय से डीग थाने के सामने से निकले थे। पुलिस ने उन्हें घेर लिया था। ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगी थी। घटना में राजा मान सिंह, उनके साथ सुम्मेर सिंह और हरी सिंह की मौत हो गई थी। उनके शव जोगा जीप में मिले थे।
इस हत्याकांड में 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। सुनवाई के दौरान एएसआई नेकीराम, कांस्टेबल कुलदीप और सीताराम की मौत हो चुकी है। सीओ कान सिंह भाटी के चालक महेंद्र सिंह को जिला जज की अदालत पहले ही बरी कर चुकी है। मंगलवार को जिला कोर्ट के सभी दरवाजों पर पुलिस का सख्त पहरा था।
जिला जज साधना रानी ठाकुर ने दोपहर करीब 12 बजे राजा मान सिंह केस पर सुनवाई शुरू कर दी। अदालत के कटघरे में कुल 14 अभियुक्त मौजूद थे। जिला जज साधना रानी ठाकुर ने केस के 14 अभियुक्तों में से 11 को दोष करार दिया। जबकि तीन को बरी कर दिया। बरी किए जाने वाले अभियुक्तों पर 302 का आरोप नहीं था। उन पुलिसकर्मियों पर जांच और केस लिखने में गड़बड़ी का आरोप था। जिन्हंें दोष मुक्त किया गया है उनमें कान सिंह सिरवी, निरीक्षक, गोविंदराम, कांस्टेबल (जीडी लेखक), हरिकिशन, कांस्टेबल (जीडी लेखक) है।
अदालत द्वारा निर्णय सुनाते ही 11 दोषी पुलिसकर्मियों को हिरासत में ले लिया गया। जबकि तीन को मुक्त कर दिया गया। यह जानकारी देते हुए डीजीसी शिवराम तरकर और वादी पक्ष के अधिवक्ता नारायन सिंह विप्लवी ने बताया कि दोष सिद्ध होने वाले सभी अभियुक्तों को अस्थाई जेल रतनलाल फूल कटोरी देवी इंटर कालेज में भेजा गया है। इनकी सजा पर सुनवाई बुधवार को अदालत में होगी। अदालत में बचव पक्ष के अधिवक्ता नवीन सक्सेना तथा कान सिंह सिरवी सीबीआई अधिकारी भी मौजूद रहे ।
इन पर सिद्ध हुआ दोष
कान सिंह भाटी, सीओ, वीरेन्द्र सिंह, एसएचओ, रवि शेखर, एएसआई, सुखराम, जीवन राम, भंवर सिंह, कांस्टेबल, हरि सिंह, कांस्टेबल, शेर सिंह, छत्तर सिंह, पदमा राम, जगमोहन(सभी कांस्टेबिल)
भगवान के घर देर है अंधेर नहीं-दीपा
राजा मान सिंह हत्याकांड के अदालती फैसले के बाद उनकी बेटी दीपा ने कहा भगवान के घर देर है अंधेर नहीं। चश्मदीद गवाह और वादी रहे उनके दामाद विजय सिंह सिरोही ने बताया कि वो अब एक मात्र चश्मदीद बचे हैं । उन्होंने ही इसकी तहरीर दी थी। वो इस निर्णय से बहुत खुश हैं आखिर में राजा मान सिंह को न्याय मिला।