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मोतीकुंज में मिली 800 साल पुरानी गायब हो चुकी ऐतिहासिक कोस मीनार
मथुरा। पॉश कॉलोनी मोतीकुंज एक्सटेंशन में शेरशाह सूरी द्वारा बनवाई गई ऐतिहासिक और पुरातत्व महत्व की करीब 800 साल पुरानी कोस मीनार मिली है, जिस के समीप बनी सैय्यद मजार पर कमरे का निर्माण कर छुपा दिया गया था। कालोनी के लोगों को जब इसकी जानकारी हुई, तब उन्होंने इस अमूल्य एवं ऐतिहासिक धरोहर को बचाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन को सूचित किया। सूचना के आधार पर उप जिलाधिकारी सदर ने सैय्यद मजार में स्थित कोस मीनार का निरीक्षण किया। यह स्थान कैंटोनमेंट एरिया में पड़ता है, इसलिए इस पर कैंट प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाने की तैयारी की जा रही है।
मामला पुरातात्विक महत्व की कोस मीनार से जुड़ा है। दरअसल कोस मीनार का प्रयोग शेरशाह सूरी के जमाने में सड़कों को नियमित अंतराल पर चिन्हित करने के लिए किया जाता था। गांड ट्रंक रोड की तरह अन्य मुख्य मार्गों के किनारे हर कोस पर मीनारें बनवाई गई थीं। अधिकतर इन्हें 1556 और 1707 के करीब बनाया गया था। कई मीनारें आज भी सुरक्षित हैं, जिनकी देखभाल पुरातत्व विभाग करता है, लेकिन कई मीनारें अतिक्रमण और अवैध कब्जे का शिकार हो गईं। मोतीकुंज एक्सटेंशन कॉलोनी में भी ऐसी ही एक भूली-बिसरी कोस मीनार का पता चला है, जो पुरातत्व विभाग के कागजों में तो थी, लेकिन उसकी भौतिक स्थिति की जानकारी नहीं हो पा रही थी। कालोनी निवासी राम मूरत उपाध्याय ने जिला प्रशासन को सूचना दी कि कालोनी में ऐतिहासिक और पुरातात्विक धरोहर कोस मीनार अतिक्रमण और अवैध कब्जे का शिकार हो रही है। शिकायत पर एसडीए सदर ने कोसी मीनार का निरीक्षण किया एवं उनके द्वारा अवैध रूप से रह रहे लोगों को जगह खाली करने का मौखिक निर्देश भी दिया गया। यह स्थान चूंकि कैंटोनमेंट बोर्ड क्षेत्र में पड़ता था, इसलिए सीईओ कैंट को इस बारे में एसडीएम ने सूचित कर दिया। तदुपरान्त कॉलोनी निवासी राममूरत उपाध्याय ने तत्परता दिखाते हुए पुरातत्व विभाग को सुचना दी। कोस मीनार पर निजी कब्जे की सूचना मिलते ही पुरातत्त्व विभाग मथुरा के अधिकारी सतीश कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। कोस मीनार को देख कर पुरात्व विभाग की टीम भी हतप्रभ रह गई। पुरातत्व विभाग के अधिकारी ने बताया कि पुरातत्व विभाग मथुरा की एक कोस मीनार कई वर्षो से गायब है, जिसकी खोजबीन लगातार हो रही थी। पुरातत्व विभाग की टीम द्वारा उस स्थान का गहन निरिक्षण किया गया, निरीक्षण के पश्चात पुरातत्व विभाग द्वारा इस बात की पुष्टि कर दी गई कि यह वही कोस मीनार है, जिसे विगत कई वर्षों से खोजा जा रहा था। कॉलोनी निवासी राम मूरत उपाध्याय ने कहा कि मोतीकुंज कॉलोनी के बीच खड़ी शेरशाह सूरी द्वारा बनवाई गई कोस मीनार मुगल सल्तनत का इतिहास समेटे हुए है।
एसडीएम सदर ने बताया है कि कैंट सीईओ के स्तर से इस मामले में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है।