नहीं बदला बांके बिहारी दर्शन का समय, रातभर चलती रही मंदिर सेवायतों की बैठक

नहीं बदला बांके बिहारी दर्शन का समय, रातभर चलती रही मंदिर सेवायतों की बैठक
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मंदिर प्रशासक सिविल जज जूनियर डिवीजन के आदेश पर इसे एक दिसंबर से लागू करने का निर्णय मंगलवार को मंदिर प्रबंधन ने लिया था

मथुरा। वृंदावन में ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के दर्शन गुरुवार को पुराने समय पर ही हुए। एक दिसंबर से दर्शन का समय तीन घंटे बढ़ाकर 11 घंटे करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन इसका असर दिखाई नहीं दिया। गुरुवार को भी भीड़ बनी रही।

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए तीन घंटे अतिरिक्त दर्शन की व्यवस्था की गई थी। मंदिर प्रशासक सिविल जज जूनियर डिवीजन के आदेश पर इसे एक दिसंबर से लागू करने का निर्णय मंगलवार को मंदिर प्रबंधन ने लिया था। सेवायतों का कहना है कि एक प्रार्थना पत्र पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस पर स्टे दे दिया है। ऐसे में नए आदेश पर मंथन शुरू हो गया। बुधवार देर रात सेवायतों की बैठक हुई। सेवाधिकारी रजत गोस्वामी ने कहा कि अब तक स्टे आर्डर की कापी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि मंदिर प्रशासन ने भी दर्शन को लेकर स्पष्ट आदेश नहीं किए हैं। दर्शन के इन 11 घंटों में सुबह 15 मिनट की श्रृंगार आरती के बारे में भी कोई जानकारी आदेश में नहीं है।

राजभोग सेवाधिकारी प्रणब गोस्वामी ने कहा कि मंदिर प्रबंधन ने समय विस्तार के लिए मंगलवार की रात नोटिस चस्पा किया है। इसमें आदेश 27 नवंबर को दिए गए हैं। हाई कोर्ट ने 28 नवंबर को समय विस्तार पर स्टे आर्डर दिया है। ऐसे में सेवायत एक पत्र लिखकर मंदिर प्रबंधक को दे रहे हैं। ताकि बुधवार को पुराने समय ही मंदिर के पट खोले जाएं और व्यवस्था में किसी तरह का विघ्न पैदा न हो। देर रात तक बैठक चलती रही। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन का समय बढ़ाने के विरोध में बुधवार को सिविल जज जूनियर डिवीजन के न्यायालय में दो प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किए गए। एक प्रार्थना पत्र अधिवक्ता दीपक शर्मा ने प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने मंदिर का समय बढ़ाने पर स्टे दिया है, हालांकि अभी स्टे का आर्डर नहीं मिला है। ऐसे में मंदिर प्रबंधन एक दिसंबर से दर्शन का समय बढ़ाने पर निर्णय कैसे ले सकता है। इस पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने निर्णय सुरक्षित कर लिया। उधर, मंदिर सेवायत हिमांशू गोस्वामी की ओर से अधिवक्ता तरुण वर्मा ने प्रार्थना पत्र देकर दर्शन का समय बढ़ाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि दर्शन का समय नहीं बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि न्यायालय ने निर्णय सुरक्षित रख लिया है।

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