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गिर्राज नगरी में उमड़ रहा आस्था का सैलाब
गोवर्धन। राजकीय मुड़िया पूर्णिमा मेला में गिरिराज महाराज की तलहटी में लाखों का जनसैलाब उमड़ रहा है। मन में बस एक ही आस है कि गिरिराज प्रभु की दृष्टि उन पर पड़ जाये। इसी भाव से तीन दिन से लगातार श्रद्धालु गिरिराज महाराज की परिक्रमा लगा रहे हैं। परिक्रमा में शाम होते ही कोई लाखों से पीछे है तो कोई लाखों से आगे हैं, लेकिन इन सबकी एक मानव श्रंखला बनी हुई है जो कि सभी श्रद्धालुओं को भक्ति के भाव में पिरो कर रख रही है। आस्था और श्रद्धा के समागम के बीच बने जनसैलाब ने मन की मुराद और भक्ति की कामना लिये श्रद्धालु आगे बढ़ रहे थे। श्रद्धालुओं के मन में आस्था का इस कदर जुनून सवार था कि परिक्रमा मार्ग अव्यवस्थाएं हावी होने के बाद किंचित भी परेशानी नहीं हो रही थी। सैलाब का नजारा बस वहीं से शुरू और वहीं आता हुआ दिखाई दिखाई दिया।
परिक्रमा में श्रद्धालुओं के बढ़ते हुए कदम तो दिखाई नहीं दे रहे थे तेज गति से सैलाब को चलता देख जरूर लगने लगा कि भक्ति की प्रबल धारा अब तेज बहने लगी है। गिरिराज जी के प्रमुख मंदिरों में मुराद को पूरी करने के दूध-भोग चढ़ाने और पूजा करने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। मंदिरों में पूजा करने के लिए खचाखच भीड़ रही। भीड़ का सैलाब गिरिराज दानघाटी मंदिर, परिक्रमा मार्ग में आन्यौर, पूंछरी, जतीपुरा, राधाकुंड के अलावा रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और पार्किंग स्थलों पर दिखाई दिया। परिक्रमा मार्ग में अलग-अलग नजार भी कम नहीं थे। धार्मिक कार्यक्रम हो या सेवा शिविर और भजनों पर थिरकते श्रद्धालु सभी मेला की शोभा बढ़ा रहे थे। मुड़िया मेला में चहुंओर भक्ति का वातावरण दिखाई दिया। ऐसा नजारा हर साल गोवर्धन धाम में लगने वाले मुड़िया पूर्णिमा में रहता है। शनिवार को त्रयोदशी और रविवार को चतुर्दशी एक होने के कारण एक ही दिन-रात में 30 से 35 लाख लोग आने का अनुमान है। परिक्रमा में आज जनसैलाब उमड़ेगा। परिक्रमा में उत्तर प्रदेश के अलावा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पश्चिम बंगाल आदि प्रांतों से भक्त पहुंच रहे हैं।
परिक्रमा में उमड़ा भक्तो का रेला
गोवर्धन परिक्रमा के लिए दिन में तेज धूप होने पर श्रद्धालुओं की संख्या कम हो गई लेकिन सांय होते ही भीड़ का सैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं ने गिरिराज महाराज की परिक्रमा के प्रत्येक पड़ाव से प्रवेश किया और जहां से परिक्रमा शुरू की, वहीं आकर समापन किया। परिक्रमा में दानघाटी मंदिर के साथ-साथ भक्त पूंछरी, जतीपुरा, आन्यौर, राधाकुंड आदि स्थानों से परिक्रमा शुरू करते हैं।