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राममंदिर निर्माण में साध्वी ऋतंभरा का बहुत बड़ा योगदान -राजनाथ सिंह
वृंदावन। दीदी मां साध्वी ऋतंभरा के जीवन के 60 वर्ष पूर्ण होने पर वात्सल्य ग्राम में आयोजित त्रिदिवसीय षष्ठीपूर्ति महोत्सव का समापन सोमवार को समाज में समरसता के आह्वान के साथ संपन्न हो गया। महोत्सव में जहां श्रीराम मंदिर निर्माण में दीदी मां की भूमिका की जमकर सराहना की गई और जय श्रीराम का जयघोष हुआ। वहीं समापन पर बेटियों के लिए नववर्ष उपहार के रूप में बालिका सैनिक विद्यालय का लोकार्पण देश के रक्षा मंत्री एवं उप्र के मुख्यमंत्री के कर कमलों से संपन्न हुआ।
केंद्रीय रक्षा मंत्री रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि अयोध्या के भव्य राममंदिर के निर्माण में साध्वी ऋतंभरा का बहुत बड़ा योगदान है, इसे सभी जानते हैं। दीदी मां ने राममंदिर निर्माण आंदोलन को धार देने का काम किया था। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास समय नहीं है, लेकिन दीदी मां ने समाज के उत्थान के लिए काम किया, समाज को अपना परिवार माना है, वह राष्ट्र के प्रति निष्ठा दर्शाता है। उन्होंने कहा कि जीव का साध्य राधा है, उसको पाने का मापदंड भी राधा, मंत्र भी राधा और मंत्र देने वाली भी राधा ही हैं। ऐसी राधारानी की कृपापात्र साध्वी ऋतंभरा को षष्ठीपूर्ति की बहुत बधाई। रक्ष मंत्री ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश की जनता के मन में सुरक्षा, समृद्धि, गौरव का भाव पैदा हुआ है, क्योंकि शासन का मुखिया एक संत योगी है। आज वृंदावन आकर साल के पहले दिन साधु-संतों का आशीर्वाद मिलना बड़े सौभाग्य की बात है। यहां आकर मेरा मन दिव्यता से भर गया, जिस क्षेत्र में कान्हा रहते हैं वहां तो दिव्यता रहेगी ही।
कृष्ण जो सबको आकर्षित करते हैं। यही कारण है कि यहां हजारों विदेशी भक्त दर्शन करने आते हैं और अधिकांश यहीं बस जाते हैं। उन्हें यहां भगवान कृष्ण और राधारानी की भक्ति करके शांति मिलती है। राधे-राधे बोलने वाले केवल वृंदावन में ही मिलेंगे, यहां रिक्शा वाला हो या दुकानदार सभी राधे-राधे बोलते हैं। यहां बालिकाओं के लिए सैनिक स्कूल भी दीदी मां के आदेश पर मैंने नहीं बल्कि राधा कृष्ण के आदेश से ही खुला है। हमारा मानना है कि इस विद्यालय का उदघाटन हमारे हाथों से कराने का कोई औचित्य नहीं था, किसी संत के द्वारा होना चाहिए था। अब संतोष इस बात का है कि उदघाटन के लिए उनके साथ केवल मुख्यमंत्री ही नहीं बल्कि गोरक्ष पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ थे। साथ ही उन्होंने दीदी मां से स्वामी परमानंद महाराज के समाज में समरसता लाने के आदेश को पूरा करने का अनुरोध किया।
समाज में समरसता आवश्यक -परमानंद महाराज
दीदी मां के गुरु युगपुरुष स्वामी परमानंद महाराज ने कहा कि केंद्र की समस्याएं प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश की समस्याओं का समाधान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं। न्यायालय भी हमारे पक्ष में बढ़ रहा है। योगी आदित्यनाथ अन्याय नहीं कर रहे, वह अन्यायियों को निपटा रहे हैं। कहा कि देश का अभिशाप छुआ-छूत, ऊंच-नीच को समाप्त कर समाज में समरसता आवश्यक है। इससे हमारा देश पुन: सोने की चिड़िया बन जाएगा। कहा कि इस कार्य के लिए भी साध्वी ऋतंभरा को प्रयास तेज करना चाहिए।
योग गुरु बाबा रामदेव ने कराया योग
महोत्सव के तीसरे दिन कार्यक्रम का शुभारंभ योगऋषि बाबा रामदेव के योगाभ्यास से हुआ, उन्होंने मंच से उपस्थित लोगों को योगाभ्यास कराया। उन्होंने कहा कि जीवन में यदि अज्ञान, अश्रद्धा और अकर्मण्यता नहीं रहें तो फिर जीवन परिपूर्ण हो जाता है। दीदी मां ने अपने जीवन में ज्ञान अर्जित किया, अपने पूज्य गुरुदेव के प्रति श्रद्धा रखी और वो हमेशा कर्मशील रहीं, इसीलिए आज वो मानव सेवा के इतने कार्य कर पा रही हैं। मतलब हेड, हार्ट और हेंड आपके पास है तो आप हेंडसम हो जाते हैं।
इस अवसर पर स्वामी राम भद्राचार्य, विजय कौशल महाराज, कार्ष्णि गुरु शरणानंद महाराज, केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, आनंदमूर्ति गुरु मां, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, केबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण, विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय प्रबंधन समिति सदस्य दिनेशजी, विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार, पूर्व मंत्री रविकांत गर्ग, जीएलए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति नारायणदास अग्रवाल, संजय भैया, जयभगवान अग्रवाल, सुमनलता, कल्याणी दीक्षित, साध्वी सत्यप्रिया, साध्वी स्वरूप, साध्वी शिरोमणि, साध्वी समन्विता, स्वामी सत्यशील, स्वामी सत्यश्रवा, साध्वी सत्यमूर्ति, साध्वी सत्यकीर्ति, साध्वी सत्यश्रुति, साध्वी सत्यनिधि, मीनाक्षी अग्रवाल, शिशुपाल सिंह, योगेश, कैप्टन हरिहर शर्मा, देवेंद्र सिंह, कुलभूषण गुप्ता, महेश खंडेलवाल, बालजी चतुर्वेदी आदि उपस्थित थे।
अब संघर्ष से नहीं संवाद से होगा समस्या का समाधान -योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन की शुरूआत राधे-राधे, बांकेबिहारी लाल की जय, भारत माता की जय और जय श्रीराम के साथ की। उन्होंने कहा कि देश की आवाम लंबे समय तक गुलामी खण्ड में कुप्रथा के साथ जी है, वात्सल्य ग्राम में आज से एक नए कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ है। यह बालिकाओं का सैनिक स्कूल खोले जाने से भारत की मिशन शक्ति का यह अद्भुत उदाहरण है। नारी शक्ति की सुरक्षा, सम्मान स्वावलंबन के लिए सबको एकजुट होकर कार्य करने होंगे। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि अयोध्या का नाम लेने में जो लोग संकोच करते थे वह आज निमंत्रण पत्र की बाट जोह रहे है। जनता जानती है सच क्या है, उन्हें ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। अब संघर्ष से नहीं संवाद से समस्या का समाधान होगा। प्रधानमंत्री के 2047 तक विकसित भारत का संकल्प पूरा करने के लिए प्रत्येक भारतवासी को पंचप्रण लेना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम कहते थे कि हर स्वावलंबी अयोध्या की तरफ जय श्रीराम का हुंकार कर देगा तो समस्या खत्म हो जाएगी, वैसा ही हुआ। 22 जनवरी के बाद अयोध्या धम को देखिए वहां का पूरा इफ्रास्ट्रक्चर बदल गया है। छह-छह लेन की सड़क बन गई हैं। हजारों वर्ष पूर्व पुष्पक विमान से प्रभु श्रीराम अयाध्या आए थे, अब वहां इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन गया है। अयोध्या के पास 5-6 स्टेशन बनाए जा रहे हैं। अयोध्या को रेल मार्ग, सड़क व वायु मार्ग से जोड़ दिया है। अब जल मार्ग से जोड़नने पर काम चल रहा है।