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हाईकोर्ट का आदेश, श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद की नए सिरे से होगी सुनवाई, वक्फ बोर्ड की याचिका लौटाई
मथुरा/प्रयागराज। श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह से जुड़े विवाद में इलहाबाद हाईकोर्ट ने नए सिरे से सुनवाई के आदेश कर दिए। कोर्ट ने सोमवार को शाही ईदगाह ट्रस्ट और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की याचिका को वापस करते हुए कहा कि मथुरा के जिला द्वारा नामित कोर्ट ही अब आगे इस मामले की सुनवाई करे। कोर्ट ने कहा की सभी पक्षकारों को नए सिरे से मामले में अपनी दलीलें पेश करनी होंगी।
हाईकोर्ट ने 17 अप्रैल को शाही ईदगाह ट्रस्ट, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और भगवान श्रीकृष्ण विराजमान मामले में दलीलें पूरी होने के बाद फैसले को सुरक्षित कर लिया था। इसके बाद फैसला 24 अप्रैल को आना था, लेकिन उस दिन भी अगली तारीख 1 मई लग गई थी।
बता दें कि कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद में श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से पहले सितंबर 2020 में मथुरा की कोर्ट में वाद दायर किया गया था। ये वाद कृष्ण की सखी के तौर पर सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने हरी शंकर जैन, विष्णु जैन, करुणेश शुक्ला के साथ मिलकर दायर किया था। इसे सिविल कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया था। इसके बाद इसे श्री कृष्ण विराजमान ने जिला जज की अदालत में रिवीजन वाद दाखिल किया। जहां इसे स्वीकार कर लिया गया था। इस वाद में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पक्षकारों ने मांग की थी कि 20 जुलाई 1973 को जो फैसले दिया गया था, उसको रद्द किया जाए. साथ ही 13.37 एकड़ कटरा केशव देव की जमीन को श्रीकृष्ण विराजमान के नाम पर दिए जाने की मांग की. श्रीकृष्ण विराजमान पक्ष के वादी ने कोर्ट में कहा था कि जमीन को लेकर जो दो पक्षों के बीच जो समझौता हुआ था, उसके आधार पर 1973 में दिया गया फैसला वादी पक्ष पर लागू नहीं होगा, वह इसलिए क्योंकि इसमें पक्षकार नहीं था।