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सनातन संस्कृति को गाली,माता-पिता को गाली देने के बराबर- इन्द्रेश कुमार
झांसी। सद्भावना मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार ने सनातन संस्कृति व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ की गई अमर्यादित टिप्पणी करने वाले राहुल गांधी व स्वामी प्रसाद के लिए ईश्वर से सदबुद्धि प्रदान करने की प्रार्थना की। उन्होंने राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री के खिलाफ दिए गए अमर्यादित बयान पर कहा कि भारतीय संस्कृति सिखाती है कि बड़ों के प्रति अमर्यादित भाषा का प्रयोग न किया जाए। जो लोग ऐसा कर रहे हैं वे आने वाली पीढ़ी को बदतमीज बनाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा सनातन संस्कृति व रामचरित मानस के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी पर कहा कि ऐसे लोग सनातन धर्म को नहीं बल्कि अपने माता-पिता व स्वयं को गाली दे रहे हैं। वह यहां जनसंख्या नियंत्रण कानून पर आयोजित तिरंगा यात्रा व संगोष्ठी में शामिल हो रहे थे।
उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे लोग आईएनडीआईए के हर उस नेता को गाली दे रहे हैं जो उसमें शामिल हैं। वह राहुल को गाली दे रहे हैं, वह ममता बैनर्जी को गाली दे रहे हैं। अखिलेश यादव को गाली दे रहे हैं,शरद पवार को गाली दे रहे हैं। मैं तो कहूंगा कि लोगों को विनम्रता व मर्यादा में श्रीराम से शिक्षा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत की विशेषता है कि विश्व के 800 करोड़ लोगों से यदि पूंछा जाए कि सबसे बेहतर देश कौन सा है तो वह भारतवर्ष ही बताया जाएगा। जहां सनातन संस्कृति सभी धर्मों का सम्मान करती है। इसलिए लोग झगड़ें नहीं। सभी जातियों का सम्मान करें उन्हें छुआछूत की दृष्टि से न देखें। आपस मे प्रेम रखें। तभी भारत विश्वगुरु कहलाएगा। शब्दों की मर्यादा तोड़ी जा रही है। इस व्यवहारिक समस्या का समाधान करना ही होगा। दुनिया में तीन तरह की तालीम। गाली देने के लिए कोई ग्रंथ व शिक्षक नहीं है। यही नहीं गाली या नफरत किसी समस्या का हल नहीं है।इस अवसर पर देवराज चतुर्वेदी, नीरज सिंह, महेंद्र सेन (टीटी), आविद खान, रघुराज चतुर्वेदी, आरिफ सहडोली, संजय राष्ट्रवादी, यशवंत, जावेद खान, सकील खान, नदीम कुरेशी, रिहान खान, प्रशांत झा, सुनील रायकवार, सुशील पाल आदि उपस्थित रहे।
विश्व के किसी ग्रंथ में कट्टरता का जिक्र नहीं
उन्होंने कहा कि विश्व मे किसी ग्रंथ में कट्टरता का शब्द नहीं है। कुरान के अंदर भी नहीं है। कट्टर बनने का आशय हिंसक होना होता है। नेक बनने में बड़ी मेहनत करनी पढ़ती है।22 जनवरी को प्रभु श्रीराम लल्ला के रूप में विराजमान होंगे। 22 जनवरी से 27 फरवरी तक देश के विभिन्न राज्यों के लोग मर्यादा पुरुषोत्तम के बालरूप के दर्शन करने आएंगे। अयोध्या निर्माण के प्रथम चरण का काम पूर्ण हो गया है। अभी वहां रामायण में मुख्य पात्रों की मूर्तियां भी स्थापित होंगी। वहां मस्जिद का निर्माण भी जल्द होगा।
बताए रसूल के पैगाम
रसूल कहते हैं दंगा न फैलाएं, नफरत न करें और झगड़ों से बचें। आगे वह कहते हैं कि जब जब मैं देखता हूं हिन्द जमीं पर मुझसे पूर्व 1 लाख से अधिक नवीं हो चुके हैं। रसूल के द्वारा राम को इमामे हिन्द कहा गया है। इसका मतलब है जिसके सुबह दीदार करने से पाप कटते हैं। पुण्य मिलता है। सोचा तो यह था कि इमाम इबादत करेगा पर मामला गड़बड़ा गया। 22 को 3 घंटे अपने धर्म स्थलों पर करें इबादत। शाम को 4 चिराग जरूर जलाएं। सद्भावना मंच यही सिखाता है कि अनुशासन में रहकर सभी धर्मों का सम्मान करें। मानवता को आदर प्रदान करें।