कृषि वानिकी संस्थान को कार्बन न्यूट्रल बनायेगी बैलगाड़ी

कृषि वानिकी संस्थान को कार्बन न्यूट्रल बनायेगी बैलगाड़ी

झांसी। केन्द्रीय कृषिवानि की अनुसंधान संस्थान में स्वच्छता पखवाड़ा का आयोजन पिछले 15 दिन से चल रहा है। जिसके अन्तर्गत जन-जागरूकता अभियान कार्यक्रम किया जा रहा है। संस्थान को कार्बन न्यूट्रल बनाने में एक कदम आगे बढ़ते हुए संस्थान में बैलगाड़ी को सम्मिलित किया गया, जिसके अन्तर्गत लकड़ी, चारा, फ ल और अन्न एवं अन्य कृषिवानि की उत्पादों को संस्थान में एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने हेतु उपयोग में लाया जायेगा। इस तरह के प्रयोग से संस्थान के वातावरण को स्वच्छ एवं हरित रखा जा सकेगा तथा वाहन प्रदूषण कम होगा एवं पेट्रोल और डीजल की खपत में भी कमी आयेगी। कार्यक्रम में डॉ. राजेष्वर सिंह चंदेल कुलपति, वाई.एस. परमार उद्यानिकी एवं वानिकी विष्वविद्यालय सोलन (हिमांचल प्रदेष) डॉ. आर. के. सिंह, डीन, रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विष्वविद्यालय डॉ. ए. राजन पूर्वनिदेषक, उद्यानिकी संस्थान, लखनऊ, डॉ. टी. के. बेहरा, निदेषक भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी एवं डॉ. जे.सी. डागर, पूर्व सहायक महानिदेषक आई.सी.ए.आर., नई दिल्ली उपस्थित रहे।

विषिष्ठ अतिथियों ने कहा कि संस्थान में बैलगाड़ी को समाहित कर कृषिवानिकी अपने कैम्पस को कार्बन न्यूट्रल करने की दिषा में एक कदम आगे बढ़ाया है। ऐसे प्राकृतिक संसाधनों को हर संस्थान में जगह दिये जाने की आवष्यकता है। इस यात्रा में रानी लक्ष्मीबाई पब्लिक स्कूल, झॅासी एवं केन्द्रीय विद्यालय झॅासी से 400 छात्र तथा छात्रायें एवं प्राध्यापकों ने भागीदारी की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संस्थान के निदेषक डा. अरूणाचलम ने कहा कि कृषि वानिकी संस्थान को कार्बन न्यूट्रल बनाने हेतु प्रयास किये जा रहे हैं जिसका उदाहरण संस्थान में बैलगाड़ी को सम्मिलित करना है। निदेषक ने जानकारी दी कि देशी बैलगाड़ी संस्थान के मैकेनिक प्रिन्स द्वारा वर्कषाप में पड़ी विभिन्न बेकार की सामग्रियों को एकत्रित कर आकार दिया एवं ''बेकार को आकारÓÓ देते हुए बैलगाड़ी का निर्माण किया गया।

वर्ष 2023 को अर्न्तराष्ट्रीय मोटे अनाज के रूप में मनाया जा रहा है। इसको ध्यान में रखते हुए मोटे अनाज को उगाने एवं खाने पर विषेष जागरूकता अभियान संस्थान द्वारा मोटे अनाजों को बढ़ावा देने हेतु किया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान बाजरे के बिस्किुट भी वितरित किये गए। कार्यक्रम के दौरान कृषि वानिकी यात्रा, द्रोण तकनीकी प्रदर्षन, पौधषाला प्रबन्धन अवलोकन, बकरी एवं मुर्गी पालन इकाई का भ्रमण तथा संस्थान के कृषि तकनीकी सूचना केन्द्र एवं अनुसंधान प्रक्षेत्र का भ्रमण भी कराया गया। किसानों को विडियों फिल्म एवं पावर प्वाइंट के माध्यम से कृषि वानिकी तथा कृषिवानि की आधारित एकीकृत फसल प्रणाली के बारे में विस्तार से प्रस्तुतिकरण दिया गया। स्वच्छता पखवाड़ा के अन्तर्गत सभी ने स्वच्छता की षपथ ली एवं प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान में स्वयं एवं आस-पास के लोगों द्वारा सफाई हेतु संकल्प लिया। कार्यक्रम में संस्थान से 70 प्रतिभागी, जिसमें समस्त वैज्ञानिकों, अधिकारियों, शोध छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में डा. नरेशकुमार, डा. आशाराम, डा. ए. के हाण्डा, डॉ. अषोक यादव उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन डॉ. आर. पी. द्विवेदी एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुषील कुमार ने किया।

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